भारतीय ज्योतिष विज्ञान – Bhartiya Jyotish Vigyan Book/Pustak Pdf Free Download
ज्योतिष एक विज्ञान क्यों?
ज्योतिष का मूल आधार लग्न तालिका है, जो व्यक्ति के जन्म के समय पृथ्वी के सापेक्ष अन्य ग्रहों (परग्रहों) की स्थिति दर्शाती है। भौतिकी के सभी सिद्धांत बुनियादी अवधारणाओं पर आधारित हैं। ये डिज़ाइन भौतिक पदार्थों के मूल गुणों पर आधारित हैं।
ज्योतिष का मूल आधार यह है कि किसी भी व्यक्ति के जन्म के समय अर्थात जैसे ही बच्चा मां के शरीर से अलग अस्तित्व में आता है, उस समय जन्म स्थान से अन्य ग्रहों, नक्षत्रों आदि की सापेक्ष दूरी होती है।
उस बच्चे का इसका शरीर के सभी अंगों पर स्थायी प्रभाव पड़ता है और बच्चे का पूरा भविष्य इसी प्रभाव में रहता है। मानसिक रूप से बीमार लोगों पर पूर्णिमा का विशेष प्रभाव सभी जानते हैं। ऐसे रोगियों को पागल कहा जाता है क्योंकि उनकी मनोदशा चंद्रमा की स्थिति से प्रभावित होती है। ऐसा क्यूँ होता है?
पूर्णिमा और अमावस्या को समुद्र में उतार-चढ़ाव की स्थिति के कारण से हम सभी परिचित हैं कि चूँकि चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है, इसलिए उसकी स्थिति का गुरुत्वाकर्षण प्रभाव सबसे अधिक होता है।
उपर्युक्त तथ्यों के आधार पर यह स्पष्ट हो जाता है कि – ज्योतिष एक विज्ञान है और विज्ञान की किसी भी शाखा की तरह, किसी भी व्यक्ति को अध्ययन, प्रयोग आदि के माध्यम से जिस सीमा तक ज्योतिष का ज्ञान है, वह ज्योतिषीय गणनाएँ सफलतापूर्वक कर सकता है और दे सकता है।
भविष्यवाणियाँ सक्षम हो जाएगा। हमारी कठिनाई यह है कि हम किसी ज्योतिषी से अपेक्षा करते हैं कि वह किसी जादूगर की तरह हमें भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में सब कुछ बता दे और हर समस्या से छुटकारा पाने का उपाय भी बता दे। यदि हम इसकी तुलना चिकित्सा विज्ञान से करें तो स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगी।
किसी भी समय जिन रोगों की दवाएँ शोध आदि के माध्यम से खोजी जा चुकी हैं, उनका इलाज उसी समय संभव हो सकता है। पचास साल पहले टाइफाइड, टीबी। अन्य बीमारियाँ लाइलाज थीं।
लेकिन अब उनका इलाज संभव है. लेकिन कोई भी डॉक्टर कैंसर और एड्स के मरीज़ की अंतिम अवस्था में मौत नहीं रोक सकता।
इसी प्रकार एक ज्योतिषी को जितना ज्योतिष का ज्ञान होता है, उतना ही वह किसी व्यक्ति के कष्ट के बारे में बता सकता है और ज्योतिषी उसका निवारण भी कर सकता है। यदि पूर्ण इलाज संभव नहीं है तो इसका मतलब यह नहीं कि ज्योतिष कोई विज्ञान नहीं है। कारण यह है कि संबंधित ज्योतिषी का ज्ञान सीमित है।
लेखक | रवींद्र कुमार दुबे-Ravindra Kumar Dubey |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 134 |
Pdf साइज़ | 4 MB |
Category | ज्योतिष(Astrology) |
भारतीय ज्योतिष विज्ञान – Bhartiya Jyotish Shastra Book/Pustak PDF Free Download