Bhagat Singh Aur Unke Sathiyo Ke Dastavez PDF Free Download
भगत सिंह के सम्पूर्ण दस्तावेज
ताकत न हो तो हमे बेहिचक दरवाजा बन्द करके उनको जिन्दा जन्मा देना चाहिए। ईश्वर ने हिन्दुस्तान के राज्य का पट्टा नाम-पत्र पर लिखकर विदेशियों को तो नहीं दिया है।
शिवाजी महाराज ने उनको अपनी जन्मभूमि में बाहर देखने की कोशिश की। ऐमा करके उन्होंने दमरो की बम्तु हडपने का पाप नहीं किया।
कार के मेडक की तरह अपनी दृष्टि को सचित मत कगे, ताजीगते-हिन्द की कैद में बाहर निकनो, श्रीमद्- भगवद्गीता के अत्यन्त उच्च वातावरण में पहुंची और महान व्यक्तियों के कार्यों पर विचार करो।”
और 22 जून को चापेकर भाइयो ने रैंड व ऐवम्ट्ट को मार दिया। इस तरह, ऊपरी तौर पर देखने से यही लगता है कि चापेकर भाइयों के कार्य के नान्कानिक प्रेरक नत्व रैड की निरकुशता और तिलक का भाषण थे।
लेकिन यह सिर्फ अधमत्य है।
दरअसल, चापेकर बन्धुओं के विचार महामारी फैलने या रेंड के पुना आने में बहुत पहले में ही एक शक्त अख्तियार करने लगे थे
1894 में ही चापेकर भाइयों ने पना में शारीरिक और मैनिक प्रशिक्षण के लिए हिन्दू धर्म अवरोध निवारण मम्मान कायम कर रखी थी जिसे हिन्द मर्गक्षणी समिति भी कहा जाता था।
यह समिति र माल नियमपर्वक शिवाजी व गणपनि ममारोड आयोजित करती थी। इन समारोह में चापेकर भाइयों द्वारा पटे जानेवाले जलोको में उनकी भावना का पता चलता है।
जनता में तलवार उठाने का आग्रा करते हुए शिवाजी श्लोक’ कहता है “भाड की तरह शिवाजी की कहानी दहगने मात्र में स्वाधीनता प्राप्त नही की जा सकती।
आवश्यकता इसकी है कि शिवाजी और बाजी की नारनंजी के माथ काम किये जाएँ। आज हर भले आदमी की तलवार और दाल पकड़नी चाहिए-यह जानने हुए
लेखक | जगमोहन सिंह-Jagmohan Singh चमन लाल-Chaman Lal |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 425 |
Pdf साइज़ | 29.4 MB |
Category | इतिहास(History) |
भगत सिंह और उनके साथियों के दस्तावेज – Bhagat Singh Aur Unke Sathiyo Ke Dastavej Book/Pustak Pdf Free Download