अंक विद्या ज्योतिष | Numerology PDF In Hindi

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वैदिक अंक ज्योतिष | Ank Jyotish Book/Pustak PDF Free Download

अंक ज्योतिष की किताब 

प्राय इस भविष्य ज्ञान की प्राप्तिज्योतिष शास्त्र के द्वारा होती है। ज्योतिष शास्त्र अथाह सागर है । जन्म कुण्डली निर्माण के लिये, जन्म का स्थान, ठीक समय का ज्ञान आदि परमावश्यक है ।

शुद्ध लग्न, भाव-स्पष्ट, ग्रह स्पष्ट, मान्दि स्पष्ट, मित्रामित्रचक्र, सप्तवर्गी चक्र, दशवर्ग, दशा, अन्तर्दशा, अष्टक वर्ग, सर्वाष्टक वर्ग आदि वनाने में वहुत गणित करना पडता है, और परिश्रम साध्य है।

फलादेश मे भी अनेक विचारो का सामञ्जस्य करना पडता है । बृहत् ज्योतिष शास्त्र की परिक्रमा लगाना वैसा ही कठिन है जैसा पृथ्वी की परिक्रमा लगाना ।

सभी देशो मे मनुष्य के नाम का विशेष महत्व माना गया है। कुछ देशो में सम्राट् या राजा के नाम के लिये कुछ नाम विशेष निर्धारित कर दिये जाते है प्यार वारबार उन्ही नामो की पुनरावृत्ति होती रहती है ।

यथा जार्ज प्रथम, जार्ज द्वितीय आदि । जयपुर राज्य, मे भी यही क्रम था, माधव सिंह जी प्रथम, माधव सिंह जी द्वितीय आदि । दक्षिणी भारत मे कुछ कुटुम्बो मे प्रथा है कि जो नाम बाबा का होता है वही ज्येष्ठ पौत्र का ।

भारत के कुछ भागो मे यह प्रथा प्रचलित है कि विवाह के उपरान्त कन्या के वैयक्तिक नाम का भी परिवर्तन कर दिया जाता है।

पत्नी का कौटुम्बिक नाम (सरनेम) तो पाश्चात्य देशो तथा पूर्वी देशो मे बदला ही जाता है किन्तु जैसा ऊपर बताया गया है कुछ प्रांतों में कन्या का पितृ गृह का नाम सर्वया परि बता कर उसका नवीन नाम रख दिया जाता है।

इस नवीन नाम की योजना का अन्तर्गत भाव यह होता है कि नवीन नाम, पति के नाम के अनुकूल हो ।

इस कारण यदि पति का नाम हुआ हर्ष सिंह तो पत्नी का नाम करण किया जायेगा हर्षप्रिया, हर्षलता या अन्य इसी प्रकार का नाम । भारतीय पद्धति के अनुसार नाम के प्रथम ग्रक्षर का विशेष महत्व है।

इससे राशि तथा नक्षत्र का निर्णय किया जाता है। नाम का प्रथम अक्षर ही “वर्ण स्वर” माला का आधार है। इस कारण पत्नी के नवीन नाम का प्रथम शब्द भी यदि वही हो जो पति के नाम में प्रथम शब्द है तो दोनों में प्रेम रहेगा।

पली के नवीन-नाम-करण का यही सिद्धांत है। यहूदियो की प्रथा है कि जब मनुष्य मरने लगता है तो उसके सम्बन्धी दौड़कर मन्दिर में जाते हैं और रोगी के नाम का परिवर्तन कर दिया जाता है।

इस राशि से कि शायद नाम बदलने से प्राचीन नाम जनित दुष्प्रभावों का अन्त हो जाए |

लेखक ओझा गोपेश कुमार-Ojha Gopesh Kumar
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 190
Pdf साइज़6 MB
Categoryज्योतिष(Astrology)

अंक विद्या ज्योतिष – Ank vidya Jyotish Book/Pustak PDF Free Download

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