मन की शक्तियां | The Power of Mind Swami Vivekanand PDF

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मन की शक्तियां तथा जीवनगठन की साधना – Power of Mind PDF Free Download

मन की शक्तियां

सम्पूर्ण जगत में सर्वदा से ही किसी अलौकिक शक्ति में बिश्वास चळता आ रहा है। हममें से भी सभी ने अलौकिक घटनाओं के विषय में सुना होगा और बहुतों ने तो ऐसी चमत्कारपूर्ण अलौकिक घटनाओं का व्यक्तिगत रूप से अनुभव भी किया होगा । अपनी आँखों देखी कुछ ऐसी है। घटनाओं का वर्णन करता हुआ मैं इस बिषय का प्रारम्भ करना चाहता हूँ।

एक बार मैंने एक व्यक्ति के विषय में सुना कि वह किसी के भी मन के गुप्त प्रश्नों का उत्तर तत्काल दे देता है। यही नहीं, मुझसे बताया गया कि वह भविष्य में घटित होने वाली घटनाओं को भी पहिले ही से बता देता है। मुझे बड़ा आश्वर्य हुआ और कुछ साथियों को लेकर उस व्यक्ति के पास पहुँच गया ।

में अपने अपने प्रश्न निश्चित कर लिये थे और भूल बचाने के लिये कागज पर लिख कर उन्हें अपनी जेबों में रख लिये थे। उस व्यक्ति ने ज्यों ही इसमे से एक को देखा हमारे सारे गुप्त प्रश्नों को दुपरा ही नहीं दिया वरना उनके उत्तर भी दे दिये।

तत्पश्चात् उसने कागज़ पर कुछ लिखा और उसे मोड़ कर उस पर मुझे हस्ताक्षर करने को का।

ऐसा करने के बाद उसके कथनानुसार मैंने उस कागज़ की पुड़िया को बिना देखे ही तब तक के लिये अपनी जेब में रख ठिया जब तक वह स्वयं उसे दिखाने के लिये न खड़े ।

मेरे सब साथियों के साथ भी ऐसा ही किया गया। तत्पश्चात भविष्य में घटने वाली कुछ घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए उसने हमसे कहा कि इम किसी भी भाषा के किसी भी शब्द या वाक्य को अपने मन में सोच लें।

यह संस्कृत बिल्कुल नहीं जानता ऐसा समझ कर मैंने संस्कृत भाषा के एक उम्बे वाक्य को मन में रस लिया।

पर उसकी आज्ञा नुसार जब मैंने जेब में से निकाल कर कागज़ के उस टुकड़े को देखा तो मन आश्चर्य हुआ कि वह संस्कृत का का त्यों ब जिखा हुआ है !

एक घंटा पिले उसगज़ पर उस वाक्य को लिखते समय अपनी बात की पुष्टि के लिये उसने यह भी मूचित कर दिया था कि यह व्यक्ति इसी वाक्य को अपने मन में निश्चित करेगा और यदि सत्य निकला।

मेरे दूसरे साथी से भी जिनकी जेब में भी भी वैसा दी कागज का टुकड़ा रखा हुआ था अपने मन में कोई वाक्य सोच लेने के लिये कड़ा गया ।

यह संस्कृत बिल्कुल नहीं जानता ऐसा समझ कर मैंने संस्कृत भाषा के एक उम्बे वाक्य को मन में रस लिया।

लेखक स्वामी विवेकानंद-Swami Vivekanand
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 47
Pdf साइज़3.9 MB
CategorySelf Improvement

मन की शक्तियां तथा जीवनगठन की साधना – Man Ki Shaktiya Tatha Jivanagathan Ki Sadhana Book/Pustak Pdf Free Download

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