51 शक्तिपीठ के नाम और जगह | Shakti Peeth List In Hindi PDF

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51 शक्तिपीठ के नाम और जगह – 51 Shakti Peeth Name List PDF Free Download

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51 Shakti Peeth Name List PDF

तंत्रचूड़ामणि में शक्तिपीठों की संख्या 52 बताई गयी है। देवी भागवत में 108 और देवीगीता में इनकी संख्या 72 बताई गयी है। कुछ अन्य ग्रंथों में भी शक्तिपीठों की संख्या भिन्न-भिन्न पाई जाती है।

किन्तु देवीपुराण (महाभागवत) में शक्तिपीठों की संख्या 51 ही बताई गयी है।

हिन्दू धर्म में इन 51 शक्तिपीठों का बहुत महत्व है। इनमें से ज्यादातर शक्तिपीठ मंदिर भारत में हैं और कुछ पड़ोसी देशों (बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान, तिब्बत और श्रीलंका) में।

1 . हिंगलाज शक्तिपीठ

कराची से 125 किमी उत्तर-पूर्व में स्थित है हिंगलाज शक्तिपीठ। पुराणों की मानें तो यहां माता का सिर गिरा था। इसकी शक्ति-कोटरी (भैरवी कोट्टवीशा) है।

2 . शर्कररे (करवीर)

पाकिस्तान के ही कराची में सुक्कर स्टेशन के पास शर्कररे शक्तिपीट स्थित है। यहां माता की आंख गिरी थी।

3 . सु्गंधासुनंदा

बांग्लादेश के शिकारपुर में बरिसल से करीब 20 किमी दूर सोंध नदी है। इसी नदी के पास स्थित है मां सुगंधा शक्तिपीठ। कहते हैं कि यहां मां की नासिका गिरी थी।

4 . कश्मीरमहामाया

भारत के कश्मीर में पहलगांव के पास मां का कंठ गिरा था। यहीं माहामाया शक्तिपीठ बना।

5 . ज्वालामुखीसिद्धिदा

भारत में हिमांचल प्रदेश के कांगड़ा में माता की जीभ गिरी थी। इसे ज्वालाजी स्थान कहते हैं।

6 . जालंधरत्रिपुरमालिनी

पंजाब के जालंधर में छावनी स्टेशन के पास देवी तालाब है। यहां माता का बायां वक्ष गिरा था।

7 . वैद्यनाथजयदुर्गा

झारखंड के देवघर में बना है वैद्यनाथधाम धाम। यहां माता का हृदय गिरा था।

8 . नेपालमहामाया

नेपाल में पशुपतिनाथ मंदिर के पास बसा है गुजरेश्वरी मंदिर। यहां माता के दोनों घुटने गिरे थे।

9 . मानसदाक्षायणी

तिब्बत में कैलाश मानसरोवर के मानसा के पास एक पाषाण शिला पर माता का दायां हाथ गिरा था।

10 . विरजाविरजाक्षेतर

भारत के उड़ीसा में विराज में उत्कल स्थित जगह पर माता की नाभि गिरी थी।

11 . गंडकीगंडकी

नेपाल में गंडकी नदी के तट पर पोखरा नामक स्थान पर स्थित मुक्तिनाथ मंदिर है। यहां माता का मस्तक या गंडस्थल यानी कनपटी गिरी थी।

12 . बहुलाबहुला (चंडिका)

भारत के पश्चिम बंगाल में वर्धमान जिला से 8 किमी दूर कटुआ केतुग्राम के पास अजेय नदी तट पर स्थित बाहुल स्थान पर माता का बायां हाथ गिरा था।   

13 . उज्जयिनीमांगल्य चंडिका

भारत में पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले से 16 किमी गुस्कुर स्टेशन से उज्जयिनी नामक स्थान पर माता की दाईं कलाई गिरी थी।

14 . त्रिपुरात्रिपुर सुंदरी

भारतीय राज्य त्रिपुरा के उदरपुर के पास राधाकिशोरपुर गांव के माताबाढ़ी पर्वत शिखर पर माता का दायां पैर गिरा था।

15 . चट्टलभवानी

बांग्लादेश में चिट्टागौंग (चटगाँव) जिले के सीताकुंड स्टेशन के पास चंद्रनाथ पर्वत शिखर पर छत्राल (चट्टल या चहल) में माता की दायीं भुजा गिरी थी।

16 . त्रिस्रोताभ्रामरी

भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल के जलपाइगुड़ी के बोडा मंडल के सालबाढ़ी ग्राम स्थित त्रिस्रोत स्थान पर माता का बायां पैर गिरा था।

17 . कामगिरिकामाख्या

भारतीय राज्य असम के गुवाहाटी जिले के कामगिरि क्षेत्र में स्थित नीलांचल पर्वत के कामाख्या स्थान पर माता का योनि भाग गिरा था।  

18 . प्रयागललिता

भारतीय राज्य उत्तरप्रदेश के इलाहबाद शहर (प्रयाग) के संगम तट पर माता की हाथ की अंगुली गिरी थी।  

19 . युगाद्याभूतधात्री

पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले के खीरग्राम स्थित जुगाड्या (युगाद्या) स्थान पर माता के दाएं पैर का अंगूठा गिरा था।

20 . जयंतीजयंती

बांग्लादेश के सिल्हैट जिले के जयंतीया परगना के भोरभोग गांव कालाजोर के खासी पर्वत पर जयंती मंदिर है। यहां माता की बायीं जंघा गिरी थी। 

21 . कालीपीठकालिका

कोलकाता के कालीघाट में माता के बाएं पैर का अंगूठा गिरा था।

22 . किरीटविमला (भुवनेशी)

पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद जिले के लालबाग कोर्ट रोड स्टेशन के किरीटकोण ग्राम के पास माता का मुकुट गिरा था।

23 . वाराणसीविशालाक्षी

उत्तरप्रदेश के काशी में मणिकर्णिक घाट पर माता के कान के मणि जड़ीत कुंडल गिरे थे

24 . कन्याश्रमसर्वाणी

कन्याश्रम में माता का पृष्ठ भाग गिरा था।

25 . कुरुक्षेत्रसावित्री

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में माता की एड़ी (गुल्फ) गिरी थी।  

26 . मणिदेविकगायत्री  

अजमेर के पास पुष्कर के मणिबन्ध स्थान के गायत्री पर्वत पर दो मणिबंध गिरे थे।

27 . श्रीशैलमहालक्ष्मी

बांग्लादेश के सिल्हैट जिले के उत्तर-पूर्व में जैनपुर गांव के पास शैल नामक स्थान पर माता का गला (ग्रीवा) गिरा था। 

28 . कांचीदेवगर्भा  

पश्चिम बंगाल के बीरभुम जिले के बोलारपुर स्टेशन के उत्तर पूर्व स्थित कोपई नदी तट पर कांची नामक स्थान पर माता की अस्थि गिरी थी।

29 . कालमाधवदेवी काली

मध्यप्रदेश के अमरकंटक के कालमाधव स्थित शोन नदी तट के पास माता का बायां नितंब गिरा था, जहां एक गुफा है।   

30 . शोणदेशनर्मदा (शोणाक्षी)

मध्यप्रदेश के अमरकंटक में नर्मदा के उद्गम पर शोणदेश स्थान पर माता का दायां नितंब गिरा था।

31 . रामगिरिशिवानी

उत्तरप्रदेश के झांसी-मणिकपुर रेलवे स्टेशन चित्रकूट के पास रामगिरि स्थान पर माता का दायां वक्ष गिरा था।  

32 . वृंदावनउमा

उत्तरप्रदेश में मथुरा के पास वृंदावन के भूतेश्वर स्थान पर माता के गुच्छ और चूड़ामणि गिरे थे।  

33 . शुचिनारायणी  

तमिलनाडु के कन्याकुमारी-तिरुवनंतपुरम मार्ग पर शुचितीर्थम शिव मंदिर है। यहां पर माता के ऊपरी दंत (ऊर्ध्वदंत) गिरे थे। 

34 . पंचसागरवाराही

पंचसागर (एक अज्ञात स्थान) में माता की निचले दंत गिरे थे।   

35 . करतोयातटअपर्णा

बांग्लादेश के शेरपुर बागुरा स्टेशन से 28 किमी दूर भवानीपुर गांव के पार करतोया तट स्थान पर माता की पायल (तल्प) गिरी थी।   

36 . श्रीपर्वतश्रीसुंदरी

कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र के पर्वत पर माता के दाएं पैर की पायल गिरी थी। दूसरी मान्यता अनुसार आंध्रप्रदेश के कुर्नूल जिले के श्रीशैलम स्थान पर दक्षिण गुल्फ अर्थात दाएं पैर की एड़ी गिरी थी।

37 . विभाषकपालिनी

पश्चिम बंगाल के जिला पूर्वी मेदिनीपुर के पास तामलुक स्थित विभाष स्थान पर माता की बाईं एड़ी गिरी थी।  

38 . प्रभासचंद्रभागा

गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित सोमनाथ मंदिर के पास वेरावल स्टेशन से 4 किमी प्रभास क्षेत्र में माता का उदर (पेट) गिरा था।  

39 . भैरवपर्वतअवंती

मध्यप्रदेश के उज्जैन नगर में शिप्रा नदी के तट के पास भैरव पर्वत पर माता के होंठ गिरे थे।  

40 . जनस्थानभ्रामरी

महाराष्ट्र के नासिक नगर स्थित गोदावरी नदी घाटी स्थित जनस्थान पर माता की ठोड़ी गिरी थी। 

41 . सर्वशैल स्थान

आंध्रप्रदेश के राजामुंद्री क्षेत्र स्थित गोदावरी नदी के तट पर कोटिलिंगेश्वर मंदिर के पास सर्वशैल स्थान पर माता के वाम गंड (गाल) गिरे थे।  

42 . गोदावरीतीर

इस जगह पर माता के दक्षिण गंड गिरे थे।  

43 . रत्नावलीकुमारी

बंगाल के हुगली जिले के खानाकुल-कृष्णानगर मार्ग पर रत्नावली स्थित रत्नाकर नदी के तट पर माता का दायां स्कंध गिरा था।  

44 . मिथिलाउमा (महादेवी)

भारत-नेपाल सीमा पर जनकपुर रेलवे स्टेशन के पास मिथिला में माता का बायां स्कंध गिरा था।  

45 . नलहाटीकालिका तारापीठ

पश्चिम बंगाल के वी

46 . कर्णाट- जयदुर्गा

यहां कर्नाट (अज्ञात स्थान) में माता के दोनों कान गिरे थे।   

47 . वक्रेश्वरमहिषमर्दिनी

पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के दुबराजपुर स्टेशन से सात किमी दूर वक्रेश्वर में पापहर नदी के तट पर माता का भ्रूमध्य गिरा था।  

48 . यशोरयशोरेश्वरी

बांग्लादेश के खुलना जिला के ईश्वरीपुर के यशोर स्थान पर माता के हाथ और पैर गिरे थे।

रभूम जिले के नलहाटि स्टेशन के निकट नलहाटी में माता के पैर की हड्डी गिरी थी।

49 . अट्टाहासफुल्लरा

पश्चिम बंगला के लाभपुर स्टेशन से दो किमी दूर अट्टहास स्थान पर माता के होठ गिरे थे।  

50 . नंदीपूरनंदिनी

पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के सैंथिया रेलवे स्टेशन नंदीपुर स्थित चारदीवारी में बरगद के वृक्ष के पास माता का गले का हार गिरा था।   

51 . लंकाइंद्राक्षी

ऐसा माना गया है कि संभवत: श्रीलंका के त्रिंकोमाली में माता की पायल गिरी थी।

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Language Hindi
No. of Pages53
PDF Size1.4 MB
CategoryReligion & Spirituality
Source/Creditsvedarahasya.net

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