विचारों की अपार और अद्भुत शक्ति – Vichro Ki Apar Aur Adbhut Shakti Book/Pustak PDF Free Download
इस दिकस साहायाण्य की, विरमें हम रमा भीवर के विचार-रम का ही परिणाम है।
ईया रे मन में कोई हर’ का विचार बाते ही मह सारीका येतय सुखी कनकर सैवर हो और माल भी वह उहयी विचार- वारणा माधार पर ही स्थिति है
रप्रसयकानल में वियार रण कभावर पर ही सी देवरबीन हो जावेगी मारों में सृजनात्मक और सागस दोनों प्रकार की अयूर्ण, सपर और अनमा शारित होती है जो इस रहस्य को चान पाता है, ह मानी वीकग के एक की त्रात कर लेटा है
विचारणामों का चथन करना स्यून मनुष्य की सबसे बड़ी बुद्धिमानी है। अमकी पहचान के साथ जिसको उसके प्रयोग की विधि निषित हो जाती है, रह संसार का कोई भी अभी सरलतापूर्वक पा सकता है ।
संसार की प्रायः सभी प्रतिया मर होती है विचार-यक्ति, वेतन-वक्ति है । जबाहरण के लिए पर स्वरा जन-गति ने श्रीनिवे।
अपार धन उपस्थित हो निग्तु समुषिरा प्रयोग करने वाला कोई बिनारवाद व्यक्ति न हो तो उस सतराणि से कोई भी काम नहीं किया जा सकता।
जम-व्ति और निक शक्ति अपने आप में कुछ भी नहीं है। कोई रामेता अथ नाय नमका और से नियन्त्रण और अनुशासन कर उसे दिया में समाता है,
सभी गह कुछ उपयोगी हो वाली है अग्दथा वह हारी पक्ति मेटों के रल्ने के समन निर्षक रहै।
चारम, प्रशासन और व्यावसायिक सारे कान एक मार विमार द्वारा नियग्लिस और संचालित होते हैं ।
भौतिक क्षेत्र में भी नहीं उसे भागे सार बारिमक ष भी एक दिचार-क्रि ही ऐसी है, पो काम भी है। शारीरिक और न खापतिक कोई पर काम नहीं जाती।
लेखक | श्री राम शर्मा- Shri Ram Sharma |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 160 |
Pdf साइज़ | 20.2 MB |
Category | धार्मिक(Religious) |
विचारों की अपार और अद्भुत शक्ति – The Power of Thought Book Pdf Free Download