स्वप्न शास्त्र – Swapna Shastra Book/Pustak Pdf Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
वैज्ञानिक रंग से ‘क्यों का ठीक-ठीक उत्तर देना सम्भव नहीं। विज्ञान आदि कारण फा अनुसन्धान नहीं करता; आदि-धारण का अनुसन्धान करना तो दर्शन-शास्त्र का काम है। पहले ही कहा जा पुका है कि स्वम हमारी निद्रावस्था की चिम्ता-मात्र है क्यों हम सुस अवस्था में चिन्ता करते हैं
इसे जानने के लिए हमें जागृतावस्था की चिन्ता का कारण भी जानना चाहिए। किन्तु हम इस प्रश्न का सन्तोपजनक उत्तर नहीं दे सकते । साधारण लोगों का विश्वास है कि हम स्वम में भूत-भविष्य का धाभास पाते हैं; किन्तु शिक्षित व्यक्ति इस बात को नहीं मानते । उनके मत में स्वम घमूलक चिन्ता-मात्र है,
स्वप्न का कोई कारण नहीं हो सकता । इस धारणा के कारण कई मनोवैज्ञानिक भी स्प् का कारण खोजना नदी घाइते। इम क्यों स्वप्न देखते हैं, सम्भवतः कृष्ण ने ही इसका एकमात्र सात उत्तर दिया है। उनके मत से इमारे रोग के अनेक काम थयर अने ऊ चिन्ता-धाराएँ पूरी नही होती;
ये असग्पूर्ण चिन्ता-धाराप दी स्वयं में पूरी होते की चेष्टा करती है। हमारी जो इच्छा पूरी नहीं होती, या जिनके पूरा दोने में याधाए हैं, ये जाएँ हो स्पम में फाल्पनिक-भाव से परितूपत दोती है।
कोई भी इच्छा या चिन्ता पूरी न होने से मन में जिस प्रशान्ति का उदय होता है, स्वा मै फल्पना द्वारा उसकी शान्ति हो जाती है। मन की शान्ति दूर करने के कारण त्या निद्रा का सहायक है।
इसी कारण पेट में स्था को निहा का निभायक कहा। साधारण लोगों की धारणा है कि स्वम देखने से नींद में बाधा पहुँचती है। किन्तु फवेद का मत ठीक इससे उल्ला है, उनका कहना है कि नींद में चित्र होने से स्वस की सृष्टि होती है और इस स्वम देखने के कारण बहुधा
लेखक | गिरीन्द्र शेखर-Girindra Shekhar |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 118 |
PDF साइज़ | 4.2 MB |
Category | स्वास्थ्य(Health) |
स्वप्न विज्ञान(शास्त्र) – Swapna Vigyan Book/Pustak Pdf Free Download
पर्वत को टूटते देखना
सपने में बार बार बिच्छू का डंक निकालना उस बिच्छू को बंदर द्वारा मार देना और हमारी रक्षा करना क्या संकेत देता है
ये सपना सुबह 4 बजे के बाद का है
apne me shesh naag dikhe jiski badi badi mucche hai or bolo tere saare kaam ban jange bas sehi par baraf sek la