आधुनिक भारत का इतिहास | Spectrum Modern History PDF In Hindi

‘स्पेक्ट्रम आधुनिक भारत का इतिहास’ PDF Quick download link is given at the bottom of this article. You can see the PDF demo, size of the PDF, page numbers, and direct download Free PDF of ‘Spectrum Modern History’ using the download button.

स्पेक्ट्रम आधुनिक भारत का इतिहास  – Spectrum Modern History PDF In Hindi Free Download

सिविल सेवा की प्राथमिक और मुख्य परीक्षा की तैयारी करने वाले Student के लिए प्रश्नो के उत्तर लिखने में सहायता करेगी। यह आपके UPSC, PCS जैसे एग्जाम की तैयारी करने के लिए महत्वपूर्ण बुक है,

आधुनिक भारत का इतिहास विषयसूची

आधुनिक भारत के स्रोत, पुरालेखीय सामग्री, केंद्र सरकार के पुरालेख, राज्य सरकारों के पुरालेख, न्यायिक अभिलेख , प्रकाशित अभिलेख, निजी पुरालेख, विदेशी संग्रहालयों की पुरालेख सामग्री, जीवनी साहित्य, संस्मरण एवं यात्रा वृत्तांत

व्यक्तिगत अभिलेखों का महत्व, यात्रा वृतांत, समाचार-पत्र एवं पत्रिकाएं, महत्वपूर्ण समाचार-पत्र, विदेशी प्रकाशन, समाचार पत्रों का महत्व, मौखिक प्रमाण, सृजनात्मक साहित्य

नवीन साहित्यिक केंद्रों का विकास, स्रोत के रूप में उपन्यास, लघु कहानी, चित्रकला, स्रोत के रूप में चित्रकला, कंपनी चित्रकला का विकास, 1857 के विद्रोह पर चित्रकारी, कला स्कूल

कला पर राष्ट्रवाद का प्रभाव, एवं उपागम, भारत में यूरोपियों का आगमन, पुर्तगाली, भारत के लिए समुद्री मार्ग की खोज एवं पुर्तगालियों का आगमन पुर्तगालियों की धार्मिक नीति एवं इसके हितार्थ अंग्रेजों के प्रति शत्रुता पुर्तगालियों का पतन

भारत में पुर्तगाली साम्राज्य का सूत्रपात भारत में पुर्तगाली प्रशासन, डच आगमन एवं गतिविधियां, डचों का पतन अंग्रेज, अंग्रेजों का आगमन एवं सफलता अंग्रेजों के व्यापार एवं विस्तार का प्रभाव, फ्रांसीसी, फ्रांसीसियों का भारत आगमन सर्वोच्चता हेतु आंग्ल-फ्रांसीसी संघर्ष फ्रांसीसियों की असफलता के कारण

अन्य यूरोपीय, डेन्स, ब्रिटिश विजय के समय भारत की स्थिति, भुगल साम्राज्य का पतन, साम्राज्य की अक्षुण्णता में मुगलों के समक्ष चुनीतियां मुगल साम्राज्य के विघटन के कारण

मुगल साम्राज्य के विघटन की प्रक्रिया, औरंगजेब के पश्चात् साम्राज्य के सम्मुख अन्य समस्याएं स्वायत्त क्षेत्रीय राज्यों का उदय उत्तराधिकारी राज्य, स्वतंत्र राज्य, नवीन राज्य क्षेत्रीय राज्यतंत्रों की प्रकृति एवं सीमाएं

सामाजिक-आर्थिक दशाएं, आर्थिक स्थिति शैक्षिक स्थिति, महिलाओं की स्थिति, सांस्कृतिक स्थिति, दासता , कला एवं स्थापत्य , ब्रिटिश विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण, ब्रिटिश विजयः संयोगवश या उद्देश्यपूर्ण

ब्रिटिश काल की शुरुआत कब हुई? ब्रिटिश सफलता के कारण, बंगालः अंग्रेजों एवं बंगाल के नवाब के बीच मतभेद ब्रिटिश विजय से पूर्व का बंगाल

सिराज-उद-द्दौला और अंग्रेज, मैसूर विजय, प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध (1768-1769) द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (1780-84), तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (1790-1792 ई.)

चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध (मार्च 1799-मई 1799 ई.), टीपू सुल्तान के पश्चात् मैसूर सर्वोच्चता हेतु आंग्ल-मराठा संघर्ष, प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध (1775-82), सालबाई की संधि (1782) द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध (1803-1805)

तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध (1817-19) मराठा शक्ति के पराजय के कारण, पंजाब विजय, प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध (1845-1846), लाहौर की संधि (1846) द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध (1848-49)

आंग्ल-सिख युद्धों का महत्व ब्रिटिश प्रभुता का प्रशासनिक नीति द्वारा विस्तार, घेरे (रिंग-फेन्स) की नीति सहायक संधि, व्यपगत का सिद्धांत (डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स)

कारकः जिनके कारण जातीय कठोरता में कमी आयी सांस्कृतिक जागरण, सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलन एवं नेताः एक सिंहावलोकन

सुधार आंदोलनों का योगयान या सकारात्मक प्रभाव सुधार आंदोलनों का नकारात्मक प्रभाव, स्वतंत्रता संघर्ष की शुरुआत

उदारवादी चरण और प्रारंभिक कांग्रेस (1858-1905 ई.) भारत में आधुनिक राष्ट्रवाद के उदय के कारण कांग्रेस के गठन से पूर्व की राजनीतिक संस्थायें

बंगाल में राजनीतिक संस्थाएं, बंबई में राजनीतिक संस्थाएं, मद्रास में राजनीतिक संस्थाएं कांग्रेस से पूर्ववर्ती अभियान

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसः उद्देश्य एवं कार्यक्रम प्रारंभिक उदारवादियों के राजनीतिक कार्य या कांग्रेस का आंदोलन का अखिल भारतीय स्वरूप, बंगाल विभाजन रद्द

स्वदेशी आंदोलन की असफलता के कारण मूल्यांकन, कांग्रेस का सूरत विभाजन (1907) क्रांतिकारी आतंकवाद, सरकार की रणनीति

मार्ले-मिन्टो सुधार – 1909 भारतीय राष्ट्रवादी और प्रथम विश्व युद्ध, होमरूल लीग आंदोलन, कांग्रेस का लखनऊ अधिवेशन (या लखनऊ समझौता ) – 1916 माटेग्यू की घोषणा – 20 अगस्त 1917

राष्ट्रीय आंदोलन – 1919-1939 ई. भारतीय चम्पारण, अहमदाबाद तथा खेड़ा में गांधीजी की उपलब्धियां, राष्ट्रवाद का युग, राष्ट्रवाद के पुनः जीवंत होने के कारण के

माटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार और भारत सरकार अधिनियम, 1919

पुरालेखीय सामग्री

इतिहास के अन्य भागों की भांति आधुनिक भारतीय इतिहास लेखन में भी पुरालेखीय सामग्री का महत्वपूर्ण स्थान है।

पुरालेखीय सामग्री ऐसे दस्तावेज हैं जिन्हें कोई संगठन, लोक प्राधिकारी, संस्था, व्यवसाय या परिवार, अपने कार्यों के दौरान तैयार करता है।

और जिन्हें तत्पश्चात्वर्ती ऐतिहासिक अनुसंधान या भविष्य के कार्यों के नियोजन में संदर्भ के लिए उनके अधिकारों एवं गतिविधियों के प्रमाण के तौर पर सुरक्षित रखा जाता है।

व्यापक तौर पर आधुनिक काल के लिए राजकीय अभिलेखों की चार श्रेणियां हैं-

(i) केंद्र सरकार के पुरालेख,

(ii) राज्य सरकार के पुरालेख,

(iii) मध्यवर्ती एवं अधीनस्थ प्राधिकरणों के अभिलेख, और

(iv) न्यायिक अभिलेख। इनके अतिरिक्त निजी अभिलेख एवं विदेशों में उपलब्ध अभिलेखीय स्रोत भी हैं।

ब्रिटिश समय के कुछ प्रकाशित अभिलेख भी हैं जो आधुनिक भारतीय इतिहास के विद्यार्थियों के लिए मूल्यवान सूचना प्रदान करते हैं।

केंद्र सरकार के पुरालेख नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अभिलेखागार भारत सरकार के अधिकतर पुरालेखों को सहेजता है।

यह संग्रह 18वीं शताब्दी के मध्य से वर्तमान समय तक के आधुनिक भारत के सृजन हेतु अभिलेखों की अटूट श्रृंखला प्रदान करता है।

लोक विभाग के अभिलेख 1779 के रेग्यूलेटिंग अधिनियम से संवैधानिक परिवर्तनों, केंद्रीकृत राजव्यवस्था के उदय, और कंपनी के प्रशासनिक व्यवस्था के विकास के अध्ययन हेतु विस्तृत स्रोत सामग्री प्रदान करता है।

लेखक Spectrum
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 325
PDF साइज़76 MB
CategoryHistory

Related PDF

Madhyakalin Bharat Ka Itihas PDF

Telangana State History PDF In English

स्पेक्ट्रम आधुनिक भारत का इतिहास  – Spectrum Modern History PDF In Hindi Free Download

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!