प्रभावशाली शिक्षण में शिक्षक की भूमिका – Role Of Teacher In Good Education Book/Pustak PDF Free Download

प्रभावशाली शिक्षण में शिक्षक की भूमिका
आदर्श शिक्षक के गुण
आदर्श शिक्षक को ‘मनुष्यों का निर्माता राष्ट्रनिर्माता, ‘शिक्षा’ पद्धति की आधारशिला समाज को गति प्रदान करने वाला आदि सब कुछ माना जाता है।
साधारणतः ऐसे शिक्षक से बालकों को समझने की शक्ति रखने और उसके साथ उचित रूप से कार्य करने की इच्छाशक्ति | गुणों से सम्पन्न होने की आशा की जाती है।
ऐसे गुण सामान्यतः न तो प्रत्येक शिक्षक में मिलते हैं और न शिक्षण प्रत्येक व्यक्ति का कार्य ही है। वस्तुतः यह कार्य वही व्यक्ति कर सकता है, जिसके कुछ विशिष्ट शारीरिक, बौद्धिक, सामाजिक, नैतिक संवेगात्मक गुण हों।
शिक्षण एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जिसमें मस्तिष्क का मस्तिष्क से सम्बन्ध स्थापित किया जाता है। इस सम्बन्ध की | उपयुक्तता एवं अनुपयुक्तता बहुत कुछ शिक्षक के व्यक्तित्व पर निर्भर होती है।
संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के डा.एफ.एल. क्लैप ने एक अध्ययन किया जिसके आधार पर उन्होंने अच्छे शिक्षक के व्यक्तित्व के निम्न दस गुणों का उल्लेख किया है
- सम्बोधन
- आशावादिता
- उत्साह
- वैयक्तिक आकृति
- संयम
- मानसिक निष्पक्षता
- शुभ चिन्तन
- सहानुभूति
- जीवन शक्ति
- विद्वता
शिक्षक की कुशलता बढ़ाने में सहायक तकनीकी उपकरण
- कम्प्यूटर
- इन्टरनेट
- फैक्स
- सी.डी. रोम
- वीडियो डिस्क
वर्तमान में शिक्षक को इन तकनीकी उपकरणों से छात्र की शिक्षण में सहायता करनी होगी, जिससे शिक्षण प्रक्रिया सरल एवं रोचक हो सके तथा साथ ही साथ छात्रों में व्यावसायिक, सामाजिक नैतिक इत्यादि गुणों का विकास करना होगा।
तभी वह अपनी भूमिका के साथ न्याय कर सकेगा।
शिक्षण तकनीक (प्रविधि) के प्रयोग से संबंधित शिक्षकीय गुण
- समस्या की पहचान करने की क्षमता
- समस्या के विश्लेषण करने की क्षमता
- समस्या को हल करने के लिए प्राविधियों के चयन की क्षमता
- नवीन ज्ञान की विश्वसनीयता जांचने की क्षमता
- छात्रों द्वारा नवीन ज्ञान की रचना (उनके पूर्वज्ञान के आधार पर) करने में मदद करने की योग्यता
लेखक | कालिका प्रसाद सेमवाल-Kalika Prasad Semaval |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 3 |
PDF साइज़ | 0.38 MB |
Category | Education |
प्रभावशाली शिक्षण में शिक्षक की भूमिका – Shikshak Ki Bhumika Book/Pustak PDF Free Download