शिक्षा के सिद्धांत – Principles of Education Book Pdf Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
लड़कियों की शिक्षा में उपर्युक्त हस्त-कलाओं का स्थान आंशिक अथवा पूर्ण रूप में गृह-कलाओं ने, विशेष कर सिलाई और पाक-विद्या ने ले लिया है।
परन्तु उनका साम्य उचित नहीं, क्योंकि विद्यालय में जो हस्त- कलाएं पढ़ाई जाती हैं, उनका उपयोग कदाचित् कुछ हो लड़कों के जीवन में हो, परन्तु सिलाई और पाक-विद्या लड़कियों प्रायः नित्य काम में आने वाली वस्तुएँ हैं
और इनको जानकारी से उनका जीवन निश्चय ही अधिक उत्तमता से व्यतीत होगा।
परन्तु वयस्क जीवन के व्यापक उपयोग के आधार पर भी हम किसी विषय को विद्यालय में नहीं रख सकते, जब तक कि उसमें लड़कियों को स्वयं रुचि न हो, नहीं तो समय के पूर्व हठात् हो शिल्प-शिक्षा देना हो जायगा ।
परन्तु लड़कियों के सम्बन्ध में यह प्रश्न नहीं उठता, क्योंकि वे सुड और रसोई के काम में वयस्क स्त्रियों का अनुकरण करती पाई जाती है।
वयस्क जीवन की आवश्यकता तथा बाल-रचि, दोनों बातों की पूर्ति हो जाने के पश्चात् इन कलाओं को पाठ्य-क्रम में सम्मिलित करने का औचित्य पाठन-विधि पर निर्भर रहेगा ।
एक तो हमको इस बात पर ध्यान रखना पड़ेगा कि ये कलाएँ अपने सीमित क्षेत्र में ही रहें और ऐसे अन्य विषयों को स्थानान्तरित न कर दें, जो भावी व्यावहारिक जीवन में इतने उपयोगी न हो और बाद में जिन्हें पढ़ने की सम्भावना भी कम हो।
गृह-कलाएँ विद्यालय की सभी कक्षाओं में अब संगीत का स्थान स्व मान्य है।
शिक्षा-विज्ञों का अनुभव है कि ऐसे बालको की संख्या, जो कलात्मक शिक्षा का कुछ भी लाभ नहीं उठा सकती, अत्यल्प ही ज्ञान देना, कला सिखाना तथा रुचि उत्पन्न करना है, जिसकी भित्ति पर योग्यता तथा आवश्यकतानुसार भावी विशेष शिक्षा दी जा सके।
लेखक | टी. रेमोंट-T. Raymont |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 308 |
Pdf साइज़ | 36.2 MB |
Category | विषय(Subject) |
शिक्षा सिद्धांत – Shiksha Siddhant Book Pdf Free Download