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पुस्तक का एक मशीनी अंश
दूसरा क्रमीकरण एक हिस्सा दवा की 99 हिस्सा अलकोहल व चीनी में मिलाने से तैयार होता है और फिर उसी प्रकार से पहले क्रम के एक हिस्से में 99 हिस्सा अलकोहल मिलाने से दूसरा क्रम और इसी प्रकार 3, 4, 10, 100 आादि ऋ्म वनठे चले जाते हैं ।
इन कमों के आगे 100 का संकेत करनेवाला अंग्रेजी की सौ (C) अक्षर लगाया जाता है, मगर सो न भी लगा हो तो भी यही क्रम समझना चाहिए।
यदि मूल दवा खुश्क या ठोस है तो उसको खूब कूट-पीसकर या छानकर उसमें 9 गुणा दूध की चीनी मिलाकर खूब पोटने से एक एक्स और 99 गुणा दूध की चीनी मिलाने से एक सौ अयबा एक क्रम तैयार होता है
फिर अपर कहे अनुसार एक से दो, तीन, चार आदि क्रम बनाए जाते हैं। इस सुश्क दवा को, जो बारीक पिसो हुई पाउडर होती है, ‘विचूर्ण’ अंग्रेजी में ( ट्राइटरेशन) कहते हैं।
यदि मूल दवा तरत हो, जो आम तौर से टिंचर के रूप में होती है, तो उसका एक एव्स या एक कम बनाने के लिए उसमें असल ददा से 9 गुणा या 99 गुणा अलकोहल मिलाकर दस-बारह बार जोर-शोर झटके देने से क्रम तयार होता है अब आाम तोर से झटके देने के लिए बिजली की मशीन से काम लिया जाता है।
एक बात का ध्यान रखना होता है कि जो मूल दवा होती है उसके टिबर में प्रायः अलकोहल होता है। तो जितना आलकोहल उस टिचर में होता है, पहला क्रम बनाने के लिए उनका हिसाब कर लेना होता है जैसे एकोनाइट के मूल टिचर
में आम तोर से छह हिस्सा बलकोहल होता है तो इसका एक एक्स बनाने के लिए 4 हिस्सा और दूसरा एक्स बनाने के लिए 94 हिस्सा अलकोहल लेना होगा, क्योंकि बाकी अलकोहल तो अरसन टिबर में है ही ध्यान
लेखक | युद्धवीर सिंह-Yuddhaveer Singh |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 204 |
Pdf साइज़ | 4.7 MB |
Category | स्वास्थ्य(Health) |
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