उच्चतर सामान्य मनोविज्ञान – Samanya Manovigyan Book/Pustak Pdf Free Download
पुस्तक का एक मशीनी अंश
यह थी कि यशों द्वारा अशुभ घड़ी टल जायगी । हुआारों-षाखों क्यक्तियों ने प्रातः से रात्रि तक अनेक जप-तप किये, भजन-कीर्तन किया ताकि वे दुर्घटनाओं से त्राण प सकें ।
लाखों रुपये के तावीज वेचे गये जो अप्टप्रह योग से रक्षा हेतु अनेक लम्पट और धूतं व्यक्तियों ने बनाये और उनका प्रचार किया ।
देश भर में व्यापार ठप्प हो गये । रात को बहुत से भयान्त व्यक्तियों को लगने लगा कि मूर्म्य बब दाया, अब आया और टनकी नींद गायब हो गयी ।
यह सब कहने का हमारा तात्पर्य यह है कि इन भविष्यवाणियों ने जो किसी भी वैज्ञानिक आधार पर केन्द्रित न थी, हमारे देश के निवासियो को क्यों इतना मयमीत कर दिया ?
क्या कारण या जो इन निरर्थक बातों पर अधिकांश जनता का विश्वास उमड़ पड़ा ?
क्यों पाश्चात्य देशों में इसे अन्धविश्वास माना गया जबकि अपने देश में अनेक शिक्षित व्यक्तियों पर भी इसका प्रभाव पड़े बिना नहीं रह सका ?
इन प्रश्नों का उत्तर यदि आप जानना चाहते हैं तो यापको इन व्यक्तियों के मनोविज्ञान का अध्ययन करना होगा ।
आपको इस ओर ध्यान देना होगा कि कुछ व्यक्तियों की मनोवृति वर्यषों ऐसी हो गई जो वे सरलता से अन्धविश्वासों में विश्वास करने लगे ?
इसके लिये आपको व्यक्तियों के मन का, व्यवहार का और व्यक्तित्व का सम्यक् अध्ययन करना होगा ।
यह अध्ययन ही मनो विज्ञान की विषय-सामग्री बन जाता है परन्तु इससे प्रथम कि हम मनोविज्ञान की विषय-सामग्री, विषय-विस्तार इत्यादि का विस्तृत अध्ययन करें, हमें यह स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए कि मनोविज्ञान है क्या?
प्रायः प्रत्येक व्यक्ति अपने सम्बन्ध में और दूसरे व्यक्तियों के सम्बन्ध में यह जानने को उत्सुक होता है कि उसके अनेक अनुभवों और विशिष्टु व्पवहारों के कारण श्या है ?
वह यह जानना चाहता है कि उसके विचार, क्रिया-कलाप, चेप्टाएँ इत्यादि क्यों एक विशेष रूप धारण कर लेते हैं ?
लेखक | एस.एस.माथुर-S.S.Mathur |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 470 |
Pdf साइज़ | 8 MB |
Category | मनोवैज्ञानिक(Psychological) |
आधुनिक सामान्य मनोविज्ञान – General Psychology Book Pdf Free Download