पंडित नेहरू जीवनी – Autobiogaphy of Pandit Nehru Book/Pustak Pdf Free Download
पुस्तक का एक मशीनी अंश
तुम्हारी नेदना और तुम्हारे संगी की वेदना पात्र तो निःसीमा को चुनौती देती दीख पड़ रही है।
हमारे प्रान्त के लिए, हमारे मुल्क के लिए, हमारे समाज के लिए, तुम क्या हो और दया रही हो यह भी जानते है । तुमने हमारे प्रान्त को धीर आदर्श सेवा का यो परदान दिया पदम्दारे ही मनुरूप है।
मोतीलाल मेइरकू की पुष-पधू और जवाहरलाल की राहमिणी हे देवि तुम महान हो। त्याग में तुम्हारा समय तो हमें नयर नहीं ता।
तुम देदनामयी सेवानयी तप-गयी, प्मा-मयी मूर्तिमयी क्या हो। हमारे सूबे को तुम पर गार है। तुम गमाइरताल की शक्ति हो ।
दमें याद है उन दिनों जब हमारे सूबे ने और हरू मे असहयोग का भन अमत मंग खौणा था राय तुमने इस सूबै की महिलारथी में देश-भकि और त्याग की अनुसरण लता का भाव उत्पन किया था तुम्हारे उदाहरण से इस सूबे का महिला-गंडत बहुत अशों तक उत्पादित और प्रा्ोदित हुआ है।
हम लोगों का प्रणाम स्वीकार करो दे वि ।जवाहरलात तुम जानो वायुयान पर, वायु बेग से प्यायो।
तुन्दारी भी घीर लकमी, तुम्हारी पूति और शक्ति रोग राष्या पर पदो प्रति दिन तुम्हारी स्मृति में ्याकुस और भधीर हो रही है तुम्हारा औषन तो गारी को एक माता है।
उसे फेरते याम; प्यारे कसाग और हम पया कहें। मेदना तो तुम्हारी पिरसदो हौ गई है। या यों कहो कि वेदना को तो तुमने चिरसंगिनी बना ही खिया है।
यह नित्मिम हो या समीम, इससे उन्हें पया । तुम जागते हो, और खूप जागते हो कि सम स्थल में मुसकाते रहना ही जीवन है।
रमर राखो] हुम हमारी पाती हो, परीयो को निषि हो, तुम पर हमें गई । तुम हमारे रह प्रश्रय हो तुम हमारे प्रायोदा हो। तुमने हमें शक्ति और भकि, यस और साहस तबा पे चौर स्पष्ट दर्शन का सामर्थ प्रदान किया है।
लेखक | देवीप्रसाद धवन-Deviprasad Dhawan |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 326 |
Pdf साइज़ | 30.8 MB |
Category | आत्मकथा(Biography) |
पंडित नेहरू जीवन परिचय – Pandit Nehru Biography Pdf Free Download