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कक्षा 9 के लिए एनसीईआरटी पुस्तकें – NCERT Books for Class 9 In Hindi Medium PDF Free Download
एनसीईआरटी कक्षा 9 विज्ञान पुस्तक
अपने चारों ओर नजर दौड़ाने पर हमें विभिन्न प्रकार 1 की वस्तुएँ नवार आती हैं, जिनका आकार, आकृति और बनावट अलग-अलग होता है। इस विश्व में प्रत्येक वस्तु जिस सामग्री से बनी होती है उसे वैज्ञानिकों ने ‘पदार्थ’ का नाम दिया।
जिस हवा में हम श्वास लेते हैं, जो भोजन हम खाते हैं, पत्थर, बादल, तारे, पौधे एवं पशु, यहाँ तक कि पानी की एक बूँद या रेत का एक कण, ये सभी पदार्थ हैं। ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि ऊपर लिखी सभी वस्तुओं का द्रव्यमान होता है और ये कुछ स्थान (आयतन) घेरती हैं।
प्राचीन काल से ही मनुष्य अपने आस-पास को समझने का प्रयास करता रहा है। भारत के प्राचीन दार्शनिकों ने पदार्थ को पाँच मूल तत्वों में वर्गीकृत किया, जिसे ‘पंचतत्व’ कहा गया।
ये पंचतत्व हैं: वायु, पृथ्वी, अग्नि, जल और आकाश उनके अनुसार, इन्हीं पंचतत्वों से सभी वस्तुएँ बनी हैं, चाहे वो सजीव हों. या निर्जीव। उस समय के यूनानी दार्शनिकों ने भी पदार्थ को इसी प्रकार वर्गीकृत किया है।
आधुनिक वैज्ञानिकों ने पदार्थ को भौतिक गुणधर्म एवं रासायनिक प्रकृति के आधार पर दो प्रकार से वर्गीकृत किया है।
इस अध्याय में हम भौतिक गुणों के आधार पर हा पदार्थ के बारे में ज्ञान अर्जित करेंगे। पदार्थ के रासायनिक पहलुओं को आगे के अध्यायों में पढ़ेंगे।
पदार्थ का भौतिक स्वरूप
पवार्थ कणों से मिलकर बना होता है।
बहुत समय तक पदार्थ की प्रकृति के बारे में दो विचारधाराएँ प्रचलित थीं। एक विचारधारा का यह मानना था कि पदार्थ लकड़ी के टुकड़े की तरह सतत होते हैं।
परंतु अन्य विचारधारा का मानना था कि पदार्थ रेत की तरह के कणों से मिलकर बने हैं। आइए एक क्रियाकलाप के द्वारा पदार्थ के स्वरूप के बारे में ये निर्णय कि ये सतत हैं या कणों से बने हैं?
एक 100 ml का बीकर लें। इस बीकर को जल से आधा भरकर जल के स्तर पर निशान लगा दें।
दिए गए नमक या शर्करा को काँच की छड़ की मदद से जल में घोल दें।
जल के स्तर में आए बदलाव पर ध्यान दें। आपके अनुसार, नमक या शर्करा का क्या हुआ?
ये कहाँ गायब हो गए? क्या जल के स्तर में कोई बदलाव आया?
इन प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए हमें इस विचार को स्वीकारना होगा कि सभी पदार्थ कणों से बने होते हैं। उपरोक्त क्रियाकलाप में चम्मच में रखी गई। नमक या शर्करा अब पूरे पानी में घुल गई है।
स्याही की बूंद डालने के तुरंत बाद आपने क्या देखा?
शहद की बूंद डालने के तुरंत बाद आपने क्या देखा? स्याही का रंग पूरे जल में एकसमान रूप से
फैलने में कितने दिन या घंटे लगते हैं?
क्रियाकला
एक गिलास गर्म पानी से और दूसरा ठंडे पानी से भरे गिलास में कॉपर सल्फेट या पोटेशियम परमैंगनेट का एक क्रिस्टल डालें और एक ओर रख दें। हिलाएँ नहीं। दिखाई देता है?
समय बीतने पर क्या होता है?
क्रिस्टल को सतह पर बैठने दें। गिलास में ठोस क्रिस्टल के ठीक ऊपर क्या इससे ठोस और द्रव के कणों के बारे में क्या पता चलता है? क्या तापमान के साथ मिश्रित होने की दर बदलती है? क्यों और कैसे? CER
उपरोक्त तीनों क्रियाकलापों (1.3. 1.4 और 1.5) से हम निम्नलिखित निष्कर्ष निकाल सकते हैं:
पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं. अर्थात, उनमें गतिज ऊर्जा होती है। तापमान बढ़ने से कणों की गति तेज हो जाती है। इसलिए हम कह सकते हैं कि तापमान बढ़ने से कणों की गतिज ऊर्जा भी बढ़ जाती है।
उपरोक्त तीनों क्रियाकलापों में हमने देखा कि प्रदार्थ के कण अपने आप ही एक-दूसरे के साथ अतः मिश्रित हो जाते हैं। ऐसा कणों के रिक्त स्थानों में समावेश के कारण होता है। दो विभिन्न पदार्थों के कणों का स्वतः मिलना ही विसरण कहलाता है। हमें यह भी पता चलता है कि गर्म करने पर विसरण तेज हो जाता है। ऐसा क्यों होता है?
लेखक | – |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 249 |
PDF साइज़ | 50 MB |
Category | Education |
Source/Credits | drive.google.com |
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