मेरे सपनो का भारत – Mere Sapno Ka Bharat Book PDF Free Download
महात्मा गाँधी का मेरे सपनों का भारत
उनके पास जो पैसा है बुससे यह सूचित नहीं होता कि अनमें कोत्री नैतिक या आध्यात्मिक सद्गुण हैं। दुर्योधन . असीम धनका स्वामी था, लेकिन विदुर या सुदामाकी तुलनामें बह गरीब ही था।
आज दुनिया विदुर और सुदामाकी पूजा करती है; लेकिन दुर्योयनका नाम तो अुन सब बुराभियोंके प्रतीकके रूपमें ही याद किया जाता है जिनसे आदमीको बचना चाहिये।
पूंजी और श्रममें चल रहे संघर्षके बारेमें आम तौर पर यह कहा जा सकता है कि गलती अकसर पूंजीपतियोंसे ही होती है। लेकिन जब मजदूरोंको अपनी ताकतका पूरा भान हो जाएगा, तब मैं जानता हूं कि वे लोग पूंजीपतियोंसे भी ज्यादा अत्याचार कर सकते हैं।
यदि मजदूर मिल-मालिकोंको बुद्धि हासिल कर लें, तो मिल मालिकोंको मजदूरोंकी दी हुी दतों पर काम करना पड़ेगा। लेकिन यह स्पष्ट है कि मजदूरोंमें वह वृद्धि कभी नहीं आ सकती।
अगर वे बैसी बुद्धि प्राप्त कर लें तो मजदूर मजदूर ही न रहें और मालिक बन जायें। पूंजीपति केवल पूजीकी ताकत पर नहीं लड़ते; अनके पास बुद्धि और कौशल भी है।
हमारे सामने सवाल यह है: मजदूरोंमें, अनके मजदूर रहते हैं, अपनी शक्ति और अधिकारोंकी चेतना आ जाये, बुस समय उन्हें किस मार्गका अवलम्बन करना चाहिए ?
अगर अस समय मजदूर अपनी संख्याके बलका यानी पशुशक्तिका आश्रय लें, तो यह अनके लिओं आर्म- घातक सिद्ध होगा । वैसा करके वे देशके अयोगों को हानि पहुंचायेंगे।
दूसरी ओर यदि वे शुद्ध न्यायका आधार लेकर लड़े और असे पाने के लिने खुद कप्ट-सहन करे, तो वे अपनी हर कोशिशमें न सिर्फ सफल होंगे बल्कि अपने नालिकोंके हृदयका परिवर्तन कर डालेंगे, अुयोगोंका ज्यादा विकास करेंगे
लेखक | महात्मा गांधीजी-Mahatma Gandhiji |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 342 |
PDF साइज़ | 13 MB |
Category | इतिहास(History) |
मेरे सपनो का भारत – Mere Sapno Ka Bharat Essay Book/Pustak PDF Free Download
हमारे सपनों का भारत कैसा होगा ।