हिंदी काव्यशास्त्र -Kavyashastra Book/Pustak PDF Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
रूप और व्यक्तित्व के प्रभाव की विचुत व्योति को संजोकर सुरक्षित रखना और उससे अनुभूतियों और चेतनावों के प्रदीप भालोमित कर देना, काय की ही सामर्थ्य है।
मास्तविक बात तो यह है कि शास्त्र और विज्ञान तो जीवन का सार या निचोड़ देते है, पर जीवन के यथार्थ रूप की भारा को अक्षुण्ण गीर पूर्णरूप से प्रभावित करते पहना काय काही कार्य है।
काग्य को व्यापकता का अनुभव हम और प्रकार से भी करते हैं। काव्य की व्यापक अपील है।
किसी भी देश, जाति अथवा गीत का काव्य समस्त मानवता को प्रभावित करने की शक्ति रसता है; अतः देश, राष्ट्र, जाति, वर्ग की संकीर्ण भावना को परिसि से बाहर विस्वस्थापी मानवता की भावना के विकास के लिए काम्य का कार्य महत्त्वपूर्ण है।
शासक का सम्मान अपने देश में ही अधिक है, पर यदि के सम्मान की कोई खीगा नहीं। काम्प खमस्त मानवा की सम्पत्ति हैं।काव्य याहा-जगत् के साथ-साथ हमारे भीतर के मानस-जगह का भी वितरण प्रस्तुत करता है और इसके द्वारा अन्तर का रहना उचारित करता है।
अतः काव्य का बड़ा प्रभाव है। यह हमारे जीवन को सर्व नयी- नयी प्रेंरजाएँ देता रहता है बतः काय का हमारे जीवन में चास्वत महाल है।जीवन में उपयोगी होने के अतिरिक्त काव्य का उसपे पनिष्ठ खम्बग्व एक जन्य प्रकार से भी प्रकट है।
काव्य का विषय और वस्तु भी जीवन ही है। वास्तविक जीवन पौर जगत् की भूमि पर ही काम्प के काल्पनिक जीवन का प्रसार और विकास होता है।
जीवन की धरती छोड़ने पर काम्य का प्रभाव समाप्त हो जाता है। अतः काव्य का जीवन से घनिष्ठ सम्बन्ध है । लक्षण काव्य के अनेक लक्षण विद्वानों, कगियों बौर सहयों ने दिये है। ये काम अगणित है।
लेखक | डॉ. भगीरथ मिश्रा -Dr. Bhagirath Mishra |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 323 |
Pdf साइज़ | 12.5 MB |
Category | काव्य(Poetry) |
भारतीय एवं पाश्चात्य काव्यशास्त्र -Kavya shastra Book/Pustak Pdf Free Download