कर्नल रणजीत – Karnal Ranjeet Novel Book Pdf Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
सानिया के चाचा पर हुआ। जाब हाईकोर्ट के अवकाश प्राप्त जज, की कोठी में पहुंचने लाला केदारनाथ वर्मा ने सोनिया के साथ मेजर वलवन्त को देखा तो उनके चेहरे पर छाई हुई मुर्दनी ताजगी में बदल गई और जब नमस्ते आदि के बाद सोनिया ने बताया कि वे पन्द्रह दिन के लिए दिल्ली आए
हैं तो लाला केदारनाथ बर्मा का चेहरा एक अज्ञात सन्तोष के प्रकाश से चमक उठा। अब उन्होंने चिल्लाकर आवाज दी, “रीटा, रूबी, नीचे आओ ।
देखो तो कोन आया है !” और फिर उन्होंने स्वर बदलते हुए धीमी आवाज में पुकारकर कहा, “तुम भी आओ। घर में दो मेहमान आए हैं।” यह आवाज उन्होंने अपनी पत्नी को दी थी।
दो लड़कियां, जिनकी आयु में मुश्किल से एक वर्ष का अन्तर होगा, दौड़ती हुई आई और सोनिया की टांगों से लिपट गई। सोनिया ने झुककर बारी-बारी उनके सिर पर चुम्बन दिया। फिर सोनिया से अलग होकर उन्होंने हाथ जोड़कर मेजर को नमस्ते की ।
इतने में बन्द दरवाजे का कमरा चुला और एक अधेड़ आयु और ऊंचे कद की स्त्री बाहर निकली। वह सोनिया की चाची सरस्वती थी।
सरस्वती की नजर सोनिया पर पड़ी तो वह बांहें फैलाकर उसकी ओर बढ़ी, “यह, मेरी बेटी सोनिया ! वैसे तो यह तुम्हारा घर है, लेकिन कोई सूचना तो दी होती !”
सोनिया पांव छूने के लिए झुकी, लेकिन सरस्वती ने उसे छाती से लगा लिया और उसके गालों पर चुम्बनों की वर्षा कर दी। सोनिया का गुलाबी रंग अंगारे की तरह दहकने लगा।
जब वे एक-दूसरी से अलग हुई तो मेजर ने बढ़कर चाची के पांव छु लिए । सरस्वती प्यार से मेजर के बालों में उंगलियां फेरने लगी।
लेखक | कर्नल रणजीत-Karnal Ranjeet |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 303 |
Pdf साइज़ | 17.6 MB |
Category | उपन्यास(Novel) |
कर्नल रणजीत हिंदी जासूसी उपन्यास – Karnal Ranjeet Book/Pustak Pdf Free Download
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