सिंधु सभ्यता – Indus Valley Civilization Book Pdf Free Download

मोहे जो दरो
मोहेजोदड़ी में विशाल स्नानागार) जो किसी स्थानीय जयश्यकता की पूर्ति के लिए ही हो सकती हैं। यह रोचक है कि मोहेंजोदड़ो में नगर के अनेक बार उजठने तथा बसने पर भी नगर-विन्यास में, अन्तिम चरण को छोड़ कर, विशेष परिवर्तन नहीं हुआ
किन्तु सामान्य मूलभूत एकता को स्वीकार करते हुए भी अब कुछ क्षेत्रीय विशिष्टताओ को भी स्वीकार करना ही होगा।
उदाहरणार्थ गुजरात इस सभ्यता के कुछ मूलभूत उपकरणों में समानता होते हुए भी लों में अनेक ऐसे तत्व मिलते हैं जो नये हैं,
और कुछ सिंधु सभ्यता के सत्त्व जो के मोहेंजोदड़ो और हड़प्पा में प्रमुखता से पाये गये है, या तो य हैं ही नहीं या बहुत नगण्य रूप में हैं।सिंधु सभ्यता के अवशेष विस्तृत भू-भाग में टीलों के रूप में पाये गये हैं। ये टीले नगर और ग्राम दोनों प्रकार के स्थलों के परिचायक हैं।
एक पुरैतिहासिक संस्कृति के महान केन्द्र के रूप में हड़प्पा की खोज रायवहादुर दयाराम साहनी ने सन् 1921 ई० में की।
कालान्तर में ननीगीपात मजुमदार द्वारा सिम क्षेत्र में 1927-31 ई के बीच) और ऑरल स्टाइन के रा बलूचिस्तान एवं मेट्रोशिया क्षेत्र में किये गये
सर्वेक्षणों और सीमित उत्पननों से सिधु समाता के अनेक स्थलों का पता लग्नाः स्वतत्रता प्राप्ति के पूर्व मुरण्या सिधु और उसकी सहायक नदियों के समीपवर्ती क्षेत्र में पाये गये सिंधु सभ्यता के स्थलों की ही जानकारी यो, यथापि इसका प्रभाव बलूचिस्तान की कुछ संस्कृतियो पर विद्वानों ने आका था,
और सौराष्ट्र में रंगपुर में भी इस सभ्यता का स्थल होने की संभावना बहुत पहले व्यक्त की गयी थी (जो वाद के उत्मननें में सही यि हुई) औरेल स्टाइन मे राजस्थान और बहावलपुर के क्षेत्र में सर्वेक्षण स
लेखक | डॉ किरण कुमार- Dr. Kiran Kumar |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 386 |
Pdf साइज़ | 17.3 MB |
Category | इतिहास(History) |
सिंधु सभ्यता – Harappa Civilization Book Pdf Free Download