हज़रत मुहम्मद का परिचय | Hazrat Muhammad Ka Parichay Book/Pustak Pdf Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
ईश्वर पवित्र कुरआन में कहता है, “इन्सान और जिन्नात को हम ने अपनी प्रार्थना के लिए पैदा किया है।” (पवित्र कुरआन ५१:५६) ईश्वर पवित्र कुरआन में कहता है, “क्या लोगों ने समझ रखा है कि वे बस इतना कहने से छोड़ दिये जायेंगे कि ‘हम मुसलमान हो गए’,
और उनकी परीक्षा ना ली जाएगी?” (पवित्र कुरआन २९:२) (अर्थात परीक्षा दिए बिना किसी को स्वर्ग नही मिलेगा) ईश्वर पवित्र कुरआन में कहता है, “अगर ईश्वर चाहता तो तुम सब को एक समुदाय बना देता, मगर उसने अलग अलग जाति और समुदाय बनाए है
ताकि वह तुम्हारी परीक्षा ले। तो पुण्य के काम करने में एक दूसरे से आगे बढ़ो।” (पवित्र कुरआन ५:४८ का सारांश) शैतान ने ईश्वर को आवाहन (Chalange) किया था की मैं तेरे बन्दों को .तो पैग़म्बर ईश्वर के प्रतिनिधि है जो हमें स्वर्ग प्राप्त करने का सच्चा रास्ता समझाते रहते है।
पैग़म्बर कौन बनाता है? ईश्वर पवित्र कुरआन में कहता है की हमने तुम्हें बनाया फिर तुम्हारी शक्लें (Faces) बनाई। (पवित्र कुरआन ७:११) विद्वान इस आयत का अर्थ ऐसा बताते है कि ईश्वर ने पहले सभी मानवजाति की आत्माएं बनाई। फिर उन आत्माओं के लिए शरीर बनाया था।
ईश्वर पवित्र कुरआन में कहता है, “और जब ईश्वर ने पैग़म्बर आदम की पीठ से उन की संतानों को निकाला, और उन को खुद उन का साक्षी (गवाह) बनाकर पूछा, “क्या में तुम्हारा ईश्वर नहीं हूँ?” तो वह कहने लगे हम साक्षी
देते है कि आप हमारे ईश्वर है। और यह वचन इसलिए लिया कि, कहीं प्रलय से ईश्वर पवित्र कुरआन में कहता है, “और जब हमने पैग़म्बरों से वचन लिया और (ए मुहम्मद) तुम से और नूह (मनु) से और इब्राहीम से और मूसा से और वचन भी उन से पक्का लिया।
लेखक | Q.S Khan |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 82 |
Pdf साइज़ | 7.9 MB |
Category | इतिहास(History) |
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