हवन पद्धति – Havan Paddhati Book PDF Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
अथ हवन पद्धतिः
पहिले पाघा मिट्टी की दो वेदी बनावे । एक हवन की और एक नवग्रह की । नवग्रह की उत्तर में और हवन की दक्षिण में। फिर उन दोनों वेदियों के चारों कोणों में चार केले के खम्ब और चार सरे खड़े करे और उनके चारों ओर आम के पत्तों की बन्दनबार बाँधे,
फिर उन दोनों बेदियों के ऊपर लाल कपड़ा (चन्दोया) ताने तथा उन वेदियों पर चून से चौक पूरे । फिर नीचे लिखे श्लोकों के प्रमाण से नवग्रह की जो वेदी है, उस पर रंग आकार सहित नवग्रह स्थापित करे
अथ नवग्रह- स्थापन विधिः
मध्ये तु भास्करं विद्याच्छशिनं पूर्वदक्षिणे ।
लोहितं दक्षिणे विद्याद् बुधं पूर्वे तथोत्तरे ।१।
वेदी के बीच में सूर्य नारायण की स्थापना करे । पूर्व और दक्षिण के कोण में चन्द्रमा । दक्षिण में मंगल । पूर्व और उत्तर के कोण में बुध | 9।
उत्तरेण गुरुं विद्यात् पूर्वेणैव तु भार्गवम् ।
पश्चिमेच शनि विद्याद्राहूं दक्षिण पश्चिमे | २ |
उत्तरं में बृहस्पति, पूर्व में शुक्र, पश्चिम में शनिश्चर, दक्षिण और पश्चिम कोण में राहू |२|
षोडशकोष्ठरूपाः षोडशमातरः ईशाने घट स्थापयेत् ।
ततो घट समीपे दीपं मण्डलाद् दक्षिणे कृष्णसर्पश्च स्थापयेत् ॥
नवग्रह की वेदी से ईशान कोण में क्रम से गणेश, ओंकार, श्रीलक्ष्मी, ६४ योगिनी । वेदी से उत्तर में सोलह कोठे की गौरी आदि सोलह माताएँ बनावे ।
ईशान कोण में फूल का आकार बनावे। उसके ऊपर अन्न धरे, उस अन्न के ऊपर पानी का घड़ा भर कर धरे । उसमे गंगाजल व आम की टहनी गेरे । फिर उस पर पानी का करवा रक्खे ।
उसमें कलाबा बांधे और करने पर लाल कपड़े में लपेट कर या कलावा बांध कर नारियल धरे । उसके पास सतिये का आकार बनावे । उस पर रोली के रंगे हुए। चावल घरे ।
उन पर गणेश जी को स्थापित करे । उनके पास घी की दीवा बाले । मण्डल से दक्षिण में सर्प बनावे । यह ग्रहों के स्थापन करने की विधि है ।।
लेखक | Ram Swarup Sharma |
भाषा | हिन्दी, संस्कृत |
कुल पृष्ठ | 84 |
PDF साइज़ | 20.6 MB |
Category | Religious |
हवन पद्धति – Havan Paddhati Book/Pustak PDF Free Download