आनुवंशिकी नोट्स | Genetics Notes In Hindi PDF

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आनुवंशिकता क्या है – Heredity and Biological Evolution PDF Free Download

आनुवंशिकी नोट्स

क्या होता है जब मटर के पौधों में एक विकल्पी जोड़े के स्थान पर दो विकल्पी जोड़ों का अध्ययन करने के लिए संकरण कराया जाए?

गोल बीज वाले लंबे पौधों का यदि झुर्रीदार बीजों वाले बौने पौधों से संकरण कराया जाए, तो प्राप्त संतति कैसी होगी? . पीढ़ी के सभी पौधे लंबे एवं गोल बीज वाले होंगे।

अतः लंबाई तथा गोल बीज ‘प्रभावी’ लक्षण हैं। परंतु क्या होता है जब F, संतति के स्वनिषेचन से हु पीढ़ी की संतति प्राप्त होती है?

मेंडल द्वारा किए गए पहले प्रयोग के आधार पर हम कह सकते हैं कि P, संतति के कुछ पौधे गोल बीज वाले लये पौधे होंगे तथा कुछ झुर्रीदार बीज वाले मौने पौधे परंतु F की संतति के कुछ पौधे नए संयोजन प्रदर्शित करेंगे।

उनमें से कुछ पौधे लंबे परंतु झुर्रीदार बीज तथा कुछ पौधे बीने परंतु गोल बीज वाले होंगे।

यहाँ आप देख सकते हैं कि किस तरह F पीढ़ी में नए लक्षणों का संयोजन देखने को मिला जब बीज के आकार व रंग को नियंत्रित करने वाले कारकों के पुनसंयोजन से युग्मनज बना जो [F] पीढ़ी में अग्रणी रहा।

अतः लंबे बौने लक्षण तथा गोल / झुर्रीदार लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं। एक और उदाहरण चित्र 0.5 में दर्शाया गया है।

यह लक्षण अपने आपको किस प्रकार व्यक्त करते हैं? आनुवंशिकता कार्य विधि किस प्रकार होती है? कोशिका के डी.एन.ए. में प्रोटीन संश्लेषण के लिए एक सूचना स्रोत होता है।

डी.एन.ए. का वह भाग जिसमें किसी प्रोटीन संश्लेषण के लिए सूचना होती है, उस प्रोटीन का जीन कहलाता है।

प्रोटीन विभिन्न लक्षणों की अभिव्यक्ति को किस प्रकार नियंत्रित करती है, इसकी हम यहाँ चर्चा करते हैं? आइए पौधों की लंबाई के एक लक्षण को उदाहरण के रूप में लेते हैं।

यदि मंडल के प्रयोगों की व्याख्या जिसकी हम चर्चा कर रहे थे, ठीक है तो इसकी चर्चा हम पिछले अध्याय में कर चुके हैं। लैंगिक प्रजनन के दौरान संतति के डी.एन.ए. में दोनों जनक का समान रूप से योगदान होगा।

यदि दोनों जनक संतति के लक्षण के निर्धारण में सहायता करते हैं तो दोनों जनक एक ही जीन की एक प्रतिकृति संतति को प्रदान करेंगे।

इसका अर्थ है कि मटर के प्रत्येक पौधे में सभी जीन के दो सेट होंगे, प्रत्येक जनक से एक सेट की वंशानुगति होती है। इस तरीके को सफल करने के लिए प्रत्येक जनन कोशिका में जीन का केवल एक ही सेट होगा।

जबकि सामान्य कायिक कोशिका में जीन के सेट की दो प्रतियाँ (copies) होती हैं, फिर इनसे जनन कोशिका में इसका एक सेट किस प्रकार बनता है?

यदि संतति पौधे को जनक पौधे से संपूर्ण जीनों का एक पूर्ण सेट प्राप्त होता है तो चित्र 9.5 में दर्शाया प्रयोग सफल नहीं हो सकता।

इसका मुख्य कारण यह है कि दो लक्षण ‘R’ तथा ‘y सेट में एक-दूसरे से संलग्न रहेंगे तथा स्वतंत्र रूप में आहरित नहीं हो सकते।

इसे इस तथ्य के आधार पर समझा जा सकता है कि वास्तव में एक जीन सेट केवल एक डी.एन.ए. श्रृंखला के रूप में न होकर डी.एन.ए. के अलग-अलग स्वतंत्र रूप में होते हैं.

प्रत्येक एक गुण सूत्र कहलाता है। अतः प्रत्येक कोशिका में प्रत्येक गुणसूत्र की दो प्रतिकृतियाँ होती हैं जिनमें से एक नर तथा दूसरी मादा जनक से प्राप्त होती हैं।

प्रत्येक जनक कोशिका (पैतृक अथवा मातृक) से गुणसूत्र के प्रत्येक जोड़े का केवल एक गुणसूत्र ही एक जनन कोशिका (युग्मक) में जाता है। जब दो युग्मकों का संलयन होता है जो बने हुए युग्मनज में गुणसूत्रों की संख्या पुनः सामान्य हो जाती है तथा संतति में गुणसूत्रों क.

लड़की। परंतु अभी तक हम मानते रहे हैं कि दोनों जनकों से एक जैसे जीन सेट संतति जाते हैं। यदि यह शास्वत नियम है तो फिर लिंग निर्धारण वंशानुगत कैसे हो सकता है?

इसकी व्याख्या इस तथ्य में निहित है कि मानव के सभी गुणसूत्र पूर्णरूपेण युग नहीं होते। मानव में अधिकतर गुणसूत्र माता और पिता के गुणसूत्रों के प्रतिरूप होत है इनकी संख्या 22 जोड़े हैं। परंतु एक युग्म जिसे लिंग सूत्र कहते हैं, जो पूर्णजोड़े में नहीं होते। स्त्री में गुणसूत्र का पूर्ण युग्म होता है तथा दोनों X कहलात हैं।

लेकिन पुरुष (नर) में यह जोड़ा परिपूर्ण जोड़ा नहीं होता, जिसमें एक गुण सूत्र सामान्य आकार का ‘X’ होता है तथा दूसरा गुणसूत्र छोटा होता है जिसे Y गुणसूत्र कहते हैं। अतः स्त्रियों में XXX तथा पुरुष में XY गुणसूत्र होते हैं। क्या अब हम X और Y का वंशानुगत पैटर्न पता कर सकते हैं?

लेखक
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 20
PDF साइज़10 MB
CategoryEducation
Source/CreditsNcert.nic.in

अध्याय 9 आनुवंशिकी एवं जैव विकास – Genetics And Human Evolution PDF Free Download

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