गीत रामायण | Geet Ramayan PDF In Hindi

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रामभद्राचार्य की गीत रामायण – Geet Ramayana of Rambhadracharya Pdf Free Download

गीत रामायण

अब मैं अपने ही द्वारा विरचित संस्कृत गीतकाव्य गीतरामायणम् (गीतसीताभिरामम्) की हिन्दी में भावार्थरूप में ‘भौमी’ नामक व्याख्या प्रस्तुत करता हूँ।

जिससे संस्कृत भाषा से भी गीतरामायणम् को सरलता से समझकर गा सकेंगे।गीतरामायणम् के रचयिता महाकवि जगद्गुरु रामानन्दाचार्य मंगलाचरण स्रग्धरा छन्द में प्रस्तुत करते हुए कहते हैं

श्रीसीताजी के हृदय कमल को जिन्होंने अपना निवास स्थान बना लिया है, जो नीलमणि के समान सुन्दर हैं, श्रीरामप्रेम की एकमात्र घनाढ्य रघुकुल की रानियों में माननीया भगवती कौसल्या जी ने जिन्हें प्रकट करके संसार को समर्पित किया है,

जिनका गुञ्जन अर्थात् शब्द बहुत ही मधुर है, जो ऐश्वर्य, धर्म, यश, श्री, ज्ञान और वैराग्यरूप छः चरणों से युक्त हैं, ऐसे भूमिनन्दिनी सीताजी के मुखकमल के सौन्दर्यमकरन्द का पान करने वाले भ्रमर श्रेष्ठ वैष्णवों को भजन से उत्पन्न रस प्रदान करते रहें।

भौमी- अब महाकवि श्रीगीतरामायणम् के रसिक अनुशीलन पाठकों को सावधान करते हुए द्रुतविलम्बित छन्द में कहते हैं- यदि आप अपने मन को श्रीराममय बनाना चाहते हैं

तथा यदि आप भूमिनन्दिनी सीताजी के पति श्रीराम के भक्त बनना चाहते हैं तो फिर नवीन-नवीन पदों से ललित, भगवती सरस्वती का श्रयण करने वाली, गीतरामायणम् के रूप में प्रस्तुत होने वाली गिरिधर कवि की वाणी को अवश्य श्रवण कीजिए।

भौमी- अब महाकवि श्रीहनुमान जी के श्रीचरणों में प्रार्थना करते हुए कहते हैं- भूमिपुत्री सीताजी के साथ स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान प्रभु श्रीराम को प्रसन्नतापूर्वक निहार- निहार कर,

संसार के भय और विपत्तियों के विनाश के एकमात्र कारण, विशुद्ध आत्माओं में अभिरमण करने वाले श्रीराम को बार-बार नमन करके, भवानीपति श्रीशंकर के भी आराध्य भगवान् श्रीराम की कृपा से बार-बार रोमांच को प्राप्त करते हुए,

अपनी दिव्यवाणी से ‘गीतसीताभिरामम्’ नामक संस्कृतगीत महाकाव्य का गान करते हुए अञ्जनानन्दवर्धन श्रीहनुमान् हम सबको सांसारिक रोगों से मुक्त करते रहें।

लेखक रामभद्राचार्य-Rambhadracharya
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 850
Pdf साइज़2.6 MB
Categoryकाव्य(Poetry)

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