आयकर के सिद्धांत – Elements Of Indian Income Tax Pdf Free Download
विद्यार्थी के लिए
इस आयके शीर्षक के अन्तर्गत केवल केन्द्रीय बौर राजकीय सरकारो की प्रतिपूतियो पर सथा स्थानीय कषिारियो (fooal authorities) तथा कंपनियों के पय (Debentures) पर प्राप्त व्याज की आय आती है।
अन्य किसी भी प्रकार की प्रतिभूतियों का ब्याज जिस शीर्षक के अन्तर्गत नहीं लिया जाता।
(२) इस शीर्षक के अन्तर्गत ब्याज पर तब तक कर नही लगाया जाता जब तक कि उस ब्याज का हकदार उसे प्राप्त न कर ले । (३) प्रति भूतियो से ब्याज किन्ही निश्चित तिचियो पर ही प्राप्त किया
जाता है। इसलिए आपकर के लिए उस व्यक्ति पर कर लगाया जाता है जो कि उन तिवियो पर उन प्रतिन्तियों का मालिक है। (“) इस सम्बन्ध में व्याज सहित तथा ब्यान रहित सोदो (Cum-nt or cum-div and ex-int or ex-div transactions) को
बिलकुल ध्यान में नहीं रखा जाता। (५) कर मुक्त सरकारी प्रतिभूतियो का ज्यान (Interest from tax-free Govt securities) कुल आार में दर बढाने के लिए ही जोड़ा जाता है अन्यथा वह आय कर से (अविकर से नही ) मुक्त है।
इन प्रतिभूतियोंके ब्याज में से उधार ली गई रकम का आज नया प्रतिभूतियो के ब्याज को बाल करने के उपलक्ष्य में दिया गया कमीशन कटा कर ही शेष व्याज को कुल आय में जोगा जाता है तथा उसी रकम पर हो एट मिस्ती है।
अन्य किसी भी प्रकार को कर-युक्त प्रतिभूतियो पर कोई भी छूट नहीं दी जाती ।
प्रतिभूतियों के से हुआ लाभ जान पूजीगत लाभ या नुकसान है परन्तु यदि करदाता कारनाय ही प्रतिभूतिया को खरीदना या बेचना है तो ऐसे लाभ तथा नुकसान को उसकी कुल आय में शामिल किया जापना। प्रतिभूतियों के मान पर निर्णय के स्थानपर ही कर काट लिया जाता है।
लेखक | आर.एन. लखोटिया-R.N. Lakhotiya |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 138 |
Pdf साइज़ | 7.5 MB |
Category | विषय(Subject) |
भारतीय आयकर के सिद्धांत – Income Tax Book Pdf Free Download