एक टुकड़ा गायब – Ek Tukada Gayab Book/Pustak Pdf Free Download
पुस्तक का एक मशीनी अंश
दादाजी को चित्रखण्ड पहेली पसंद है । इस पहेली में किसी चित्र के टुकड़ों को जोड़ कर उसे पूर्ण बनाया जाता है।
मैं जब भी अपने दादाजी के घर जाती हूं तब हम दोनों मिलकर एक पहेली तो हल कर ही लेते हैं। पिछले हफ्ते हम ने पहेली को हल करके एक घोड़ा बनाया था।
” यह घोड़ा कितना सुन्दर है न, जेन ?’ दादाजी ने कहा । मैंने जवाब नहीं दिया । मुझे घोड़ों से डर लगता है।
मुझे डर था कि कहीं वे मुझे काट न लें या मुझ पर अपनी लात न चला दे।हम दोनों जने पहेली हल करते करते चित्र को देख रहे थे।
उसमें एक पुराने मकान के बाहर एक घोड़ा खड़ा था । उस मकान की खिड़किया बहत ऊची थी।
दादाजी ने कहा कि यह मकान तो दिखने में वैसा ही है जिसमें मेरे दादाजी रहा करते थे।और फिर कुछ अजीब हुआ।
मैंने अपनी अंगुली के नीचे घने वालों को महसूस किया, और पूरा कमरा गोल-गोल घूमने लग गया। मुझे चक्कर आने लग गए और मैंने अपनी आंखें बंद कर दी ।
“तुम जरूर घुडशाला में काम करने वाले नए लड़के हो,” उसने कहा।मेरे साथ आओ।”मुझे यह तो मालूम था कि घुड़शाला में घोड़ो को रखा जाता है। लेकिन क्या मैं घुड़शाला में काम करने वाले लड़के जैसी दिख रही थी ?
लेखक | दीपक थानवी-Deepak Thanvi |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 14 |
Pdf साइज़ | 2.2 MB |
Category | बाल पुस्तके(Children) |
Related PDFs
एक टुकड़ा गायब – Ek Tukada Gayab Book/Pustak Pdf Free Download