कर्क रेखा पर स्थित देश | Countries On The Tropic Of Cancer PDF In Hindi

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देश जिनसे होकर कर्क रेखा गुजरती है – Countries Through Which The Tropic Of Cancer passes PDF Free Download

कर्क रेखा

कर्क रेखा पर स्थित देश

माली

नाइजर

चाड

सऊदी अरब

संयुक्त अरब अमीरात

बांग्लादेश

चीन

ताइवान

हवाई द्वीप

बहामास

मॉरीतानिया

अल्जीरिया

लीबिया

मिस्र

भारत

म्यांमार

ओमान

मेक्सिको

कर्क रेखा भारत में कुल 8 राज्यों से होकर गुजरती है

गुजरात

मध्यप्रदेश

राजस्थान

झारखंड

पश्चिम बंगाल

त्रिपुरा

मिजोरम

छत्तीसगढ़

पिछले अध्याय में आप पढ़ चुके हैं कि हमारी पृथ्वी गोलाकार नहीं है। यह उत्तर एवं दक्षिण ध्रुवों पर थोड़ी चपटी तथा मध्य में थोड़ी उभरी हुई है।

क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि यह कैसी दिखती है ? इस संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए आप अपनी कक्षा में सावधानीपूर्वक ग्लोब को देखिए । ग्लोब पृथ्वी का लघु रूप में एक वास्तविक प्रतिरूप है (चित्र 2.1)।

ग्लोब विभिन्न आकार एवं प्रकार के हो सकते हैं- बड़े ग्लोब, जो आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान नहीं ले जाए जा सकते; पॉकेट में रखने योग्य छोटे ग्लोब तथा गुब्बारे जैसे ग्लोब, जिनमें हवा भरी जा सकती है एवं आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाए जा सकते हैं।

ग्लोब स्थिर नहीं होते हैं। इसे उसी प्रकार घुमाया जा सकता है, जैसे कुम्हार का पहिया या लट्टू घूमता है। ग्लोब पर देशों महाद्वीपों तथा महासागरों को उनके सही आकार में दिखाया जाता है।

पृथ्वी के समान किसी गोले पर किसी बिंदु की स्थिति का वर्णन करना कठिन है। अब प्रश्न यह उठता है कि इस पर किसी स्थान की स्थिति कैसे बताई जा सकती है? इसके लिए हमें कुछ बिंदुओं एवं रेखाओं के संदर्भ की आवश्यकता होती है।

आप देखेंगे कि एक सुई ग्लोब में झुकी हुई अवस्था में स्थित होती है, जिसे अक्ष कहा जाता है। ग्लोब पर वे दो बिंदु जिनसे होकर सुई गुजरती है, उत्तर तथा दक्षिण ध्रुव हैं।

ग्लोब को इस सुई के चारों ओर पृथ्वी की भाँति पश्चिम से पूर्व की ओर घुमाया जा सकता है। लेकिन याद रखें इन दोनों में एक अंतर है।

पृथ्वी पर वास्तव में ऐसी कोई सुई नहीं होती है। यह अपने अक्ष पर चारों ओर घूमती है, जो एक काल्पनिक रेखा है।

इसे विषुवत् वृत्त कहा जाता है। पृथ्वी के उत्तर में स्थित आधे भाग को उत्तरी गोलार्ध तथा दक्षिण वाले आधे भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहा जाता है।

ये दोनों बराबर के आधे भाग होते हैं। इस प्रकार, विषुवत् वृत्त पृथ्वी पर एक काल्पनिक वृत्त बनाती है एवं यह पृथ्वी पर विभिन्न स्थानों की स्थिति बताने का सबसे महत्वपूर्ण संदर्भ बिंदु है।

विषुवत् वृत्त से ध्रुवों तक स्थित सभी समानांतर वृत्तों को अक्षांश (समानांतर) रेखाएँ कहा जाता है। अक्षांशों को अंश में मापा जाता है।

विषुवत् वृत्त शून्य अंश अक्षांश को दर्शाती है।

चूँकि, विषुवत् वृत्त से दोनों तरफ ध्रुवों के बीच की दूरी पृथ्वी के चारों ओर के वृत का एक चौथाई है, अतः इसका माप होगा 360 अंश का 1/4, यानी 90 अंश। इस प्रकार 90 अंश उत्तरी अक्षांश उत्तर ध्रुव को दर्शाता है तथा 90 अंश दक्षिणी अक्षांश दक्षिण ध्रुव को।

इस प्रकार विषुवत् वृत्त के उत्तर की सभी समानांतर रेखाओं को उत्तरी अक्षांश कहा जाता है तथा विषुवत् वृत्त के दक्षिण स्थित सभी समानांतर रेखाओं को दक्षिणी अक्षांश कहा जाता है।

इसलिए प्रत्येक अक्षांश के मान के साथ उसकी दिशा यानी उत्तर या दक्षिण को भी लिखा जाता है।

सामान्यतः इसे उ. या द अक्षर से व्यक्त किया जाता है। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में चंद्रपुर एवं ब्राजील (दक्षिण अमेरिका) में बेलो होरिजोंटे। दोनों एक ही अक्षांश 20 अंश पर स्थित हैं।

लेकिन चन्द्रपुर विषुवत् वृत्त के 20 अंश उत्तर में एवं बेलो होरिजोर्ट विषुववृत्त के 20 अंश दक्षिण में स्थित है। इसलिए हम कहते हैं कि चंद्रपुर 20° उ. अक्षांश पर तथा बेलो होरिजॉर्ट 20 द. अक्षांश पर स्थित है।

पृथ्वी के ताप कटिबंध

कर्क रेखा एवं मकर रेखा के बीच के सभी अक्षांशों पर सूर्य वर्ष में एक बार दोपहर में सिर के ठीक ऊपर होता है। इसलिए इस क्षेत्र में सबसे अधिक ऊष्मा प्राप्त होती है तथा इसे उष्ण कटिबंध कहा जाता है।

कर्क रेखा तथा मकर रेखा के बाद किसी भी अक्षांश पर दोपहर का सूर्य कभी भी सिर के ऊपर नहीं होता है। ध्रुव की तरफ सूर्य की किरणें तिरछी होती जाती हैं।

इस प्रकार, उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा एवं उत्तर ध्रुव वृत्त तथा दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा एवं दक्षिण ध्रुव वृत्त के बीच वाले क्षेत्र का तापमान मध्यम रहता है। इसलिए इन्हें शीतोष्ण कटिबंध कहा जाता है।

उत्तरी गोलार्ध में उत्तर ध्रुव वृत्त एवं उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिण ध्रुव वृत्त एवं दक्षिणी ध्रुव के बीच के क्षेत्र में ठंड बहुत होती है। क्योंकि यहाँ सूर्य क्षितिज से ज़्यादा ऊपर नहीं आ पाता है। इसलिए ये शीत कटिबंध कहलाते हैं।

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भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 9
PDF साइज़1.5 MB
CategoryEducation
Source/Creditsdrive.google.com

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