बृहद हस्तरेखा शास्त्र | Bruhad Hastarekha Shastra PDF In Hindi

हस्तरेखा शास्त्र – Hast Rekha Shastra Book/Pustak Pdf Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश

बचीरता से उस तारीख की प्रतीक्षा कर रहे थे जन arfer सम्मेलन हुआ था कुल १० दिन का यह सम्मेलन चा नौर उन सभी तातिको से सम्पर्क स्थापित किया जा चुका था जो इस क्षेत्र में विशिष्ट बें या बति निशिष्ट ये इसके साथ-ही-साथ

उन मन शारिवयी या मन के जानने वालो और विहानो को भी बुलाया था जिन्होने उस क्षेत्र में बभूतपूर्व कार्य किया हो, मत्री के माध्यम से जो कुछ भी करने में समर्थ हो । उन सभी योगियो और साधको से सम्पर्क किया जा चुका था,

जिन्होने अपने जीवन का बहुत बड़ा हिस्सा उस विषिष्ट साधना मे बिताया हो, और यह प्रसन्नता की बात थी कि भारत के अति विशिष्ट मत्र-मर्वशो कौर तानिको ने भाग सेनेकी स्वीकृति दी थी। इनमे पगला वाबा, स्वामी पीतम मूर्ति कृपालु स्वामी,

वादा भैरवनाथ, स्वामी प्रेत बाबा, अघोरी गिरजानन्द, अघोरी वरानद भारती, त्रिजटा अपोरी, बादि कई ऐसी विशिष्ट विभूतिया भी जिनके बारे में नायो करोडो बार मुना था, जिनके साथ आश्चर्यजनक कहानिया सुदी हुई थी

जो विशिष्ट सिद्धियों के स्वामी थे | इस प्रकार के ताविको, मातिको और अघोरियो का सम्मेलन एक स्थान पर हो, यह हम जैसो के लिये मारपर्यजनक था।इस सम्मेलन में निर्णय यही था कि इसमें वाममार्गी और दक्षिण मार्गी साधना से सम्पन्न

साधक एक स्थान पर एकत्र हो और अपनी सिद्धियों का प्रदर्शन डरें। सिद्धियो को प्राप्त करने में जो बाधाए जा रही है, उनका निराकरण किस प्रकार से हो तमा इन साधना और सिडियो का लाभ जनमानस को किस प्रकार से मिल सके, इसका निर्णय और निचार इस सम्मेलन में होना था । इसके अलावा पिछले पाच हजार वरयी में यह पहचान या जबकि इस प्रकार के अति विशिष्ट योगी, साधक, तामिक और मात्रिक ध्यान पर एकत्रित हुए।

लेखक डॉ नारायणदत्त श्रीमाली-Dr. Narayanadatta Shrimali
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 204
Pdf साइज़9.3 MB
Categoryज्योतिष(Astrology)

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