भारतीय नारी इतिहास – History of Indian Women Book Pdf Free Download
भारतीय नारी पर निबंध
किसी स्त्री ने विश्व में जन्म लिया था? हमें इस वाद-विवाद में पड़ने की कोई आवश्यकता नहीं । हमारे लिए तो इतना ही जानना पर्याप्त है कि सीताजी का आदर्श मानवमात्र के लिए परम उज्ज्यल रूप में दीप्तिमाग हो रहा है ।
आज सीताजी के आदम के सदृश ऐसी कोई अन्य पौराणिक कथा नहीं है, जिसे समस्त राष्ट्र न इतना आत्मसात् कर लिया हो, जो उसके जीवन के साथ इतनी एकाकार हो गई हो और उस के जातीय रयत में इस प्रकार घुल-मिल गई हो । भारत में माता सीता का नाम पवित्रता, साधुता और विशुद्ध जीवन का प्रतीक है।
वह स्त्री के अखिल गुणों का जीबित जाग्रत आदर्श है ।भारत में कोई गुरु अथवा सन्त जब किसी स्त्री को आशीर्वाद देते हैं, तो कहते हैं, ‘तुम सीताजी के समान बनो%; और जब वे किसी बालिका को आशीर्वाद देते हैं तब भी यही कहते हैं कि सीताजी का अनुकरण करो।
क्या स्त्रियों पर्या बालिकाएं सब भगदती सीता की सन्तान हैं। और के सब माता सीता के समान धीर, चिरपवित्र, सर्वसह और सतीट्मय जोवन बनाने के लिए प्रयत्नशील हैं। भगवती सीताजी को पद-पद पर यातनाएं और कष्ट प्राप्त होते हैं,
परन्तु उनके श्रीमुख से भगवान रामचन्द्र के प्रति एक भी कठोर शब्द नहीं निकलता। सब विपत्तियों और कष्टों का वे कर्तव्य-बुद्धि से स्वागत करती है और उसे भलीभांति निभाती हैं। उन्हें भयंकर अन्यायपूर्वक वन में निर्वासित कर दिया जाता है,
परन्तु उसके कारण उनके हृदय में बटता का लवलेश भी नहीं । यही सच्चा भारतीय आदर्श है भगवान बुद्ध ने कहा है, “जब तुम्हें कोई चोट पहचाता प्रत्येक भारतवासी भगवान श्रीरामचन्द्र और माता सीताजी के जीवन को आदर्श मानता है।
लेखक | स्वामी विवेकानंद-Swami Vivekanand |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 114 |
Pdf साइज़ | 1.9 MB |
Category | प्रेरक(Inspirational) |
भारतीय नारी – Bhartiya Nari Book/Pustak Pdf Free Download