भारतीय दर्शन शास्त्र का इतिहास | History of Indian Philosophy PDF

भारतीय दर्शन शास्त्र का इतिहास – Indian Philosophy History Pdf Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश

किसी और चीज़ का! तत्व पदार्थ कितने १’ इत्यादि प्रश्नों पर बहस की जाती है । यह ठीक है कि दर्शनशास्त्र इन प्रश्नों पर विचार करता है।

परंतु वह इन प्रश्नों के विषय में इम लिए मोचता है कि यह प्रश्न जीवन क्या है? इस बड़े प्रश्न से संबंध रखते है।

त्ब आप मेल-द्वारा कहीं जाना चाहते है तो श्राप को स्टेशन तक समय पर जाना. टिकट स्वरीदना आदि अनेक काम करने पड़ते है। यह काम श्राप के उद्देश्य में सहायक है, स्वयं उद्दिष्ट नहीं।

इसी प्रकार जीवन को नमझने के लिएदशन शास्त्र को इधर-उधर के अनेक कामां ने फैनना पड़ता है।

मनुष्य का श्री उहदश्य जीवन को नमक कर उसे ठीक दिशा में चलाना इसी के लिए, जीवन के कल्याण-नाधन के लिए ही उसे इस्वर तथा अन्य देवी-देक्ताओरी की आवश्यकता पड़ती है। प्रकार वदि श्रप वर्तुत: दशन- शास्त्र में रुचि उत्पन्न करना चाहो ।

नो व्यापको चाहिए कि आर इन नमस्या यो का जो कि देखने में तीन गे उदरमोन पतीव दोतो है तजोयन से संबंध जोड़ ले।

प्यार तो किसी ने धो के मर जाने पर रोते हैं जस का पुनर्जन्म की समस्या से कुछ संबध ., प्राः को अपने मित्रों को पार करते।

उस का जीपन के प्रतिम लक्ष्य में कदमो गातापन इस प्रकार यदि श्राप वस्तुतः दरशन- शास्त्र में रुचि उत्पन्न करना चाहते हैं तो आपको चाहिए कि आप उन समस्याओं का जो कि देखने में जीवन से उदग्नोन प्रतीत होती है, जीवन से संबंध जोड़ लें।

कार जो किसी मंबंधो के भर जाने पर रोते हैं उस का पुनर्जन्म की समस्या कुछ संबंध ।यार जो अपने मित्रों को बार करते हैं उस का जीवन के अंतिम लच मे बाछ सहो गकता हैु;

लेखक एन.के.देवराज-N.K. Devaraj
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 521
Pdf साइज़15.6 MB
Categoryइतिहास(History)

भारतीय दर्शन शास्त्र का इतिहास – Bhartiya Darshan Sastra Ka Itihas Book/Pustak Pdf Free Download

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!