भारतीय संस्कृति के मौलिक तत्व | Bharatiya Sanskriti PDF

भारतीय संस्कृति Pdf Free Download

भारवि तथा भाई ने भी अपने काव्य में महाभारत के आभय से एस शामों का वर्णन किया है, जिनमे दोनो प्रकार के गुण विदमान हैं, फिर भी उनके वर्णनो मे शासकों के समय-हप था अपेक्षा उन गुणों का अधिक उल्लेख मिलता है, जो उन्हें शक्ति-संपन्न करने तथा गौरवपूर्ण ऐश्वर्य प्राप्त कराने में सहायक होते हैं ।

विजय-प्रधान तथा ऐश्वर्या उपलब्धि के लिए नैतिक आदर्शों का पानी भी आवश्यक प्रतीत होता है। किरातार्जुनीयम् में पु्िष्ठिर हवारा नियुक्त गोचर नाम का गुप्त दुर्योधन के राज्य की प्यस्था का निरीक्षण करके वहां का समाचार प्रस्तुत करते हुए कहता है कि अब राजा राज्य को नीति के दूढ आषाढ़ पर स्थिर करने को यत्नशील है ।

स्वभाव से तो दुर्योधन कुबूल है, किन्तु यह ससार की दृष्टि मे स्वय का युधिष्ठिर में अधिक गुण सम्पन्न सिद्ध कर देना चाहता है।

उसने काम, क्रोध मद। लोभ आदि छहों दोषो को जीत लिया है । उसके गुणों के महत्व का धारो और पश फैल रहा है ।

उसका लक्ष्य है कि सदाचार पर आश्रित,मनु वारा प्रतिपादित मे जापान की पद्धति को अपने शासन-विधान में अपना ले ।

वह अपने समय का ठोक विभाजन करके आलस्पहीन होकर पुर्पार्थ करने में रत है वह गैवै स्पाग कर मैं को से ऐसा मूंद व्यवहार करता है मानो स्नेही सुहृद हो।

मित्रों से सगे सम्बन्धियों का सा भाव प्रदर्शित करता है और सम्बन्धियों की तो ऐसी आव भगत जैसे देवी राम के सच्चे स्याम होरों का अन रागही उसके किरातार्जुनीयम् में पु्िष्ठिर हवारा नियुक्त गोचर नाम का गुप्त दुर्योधन के राज्य की प्यस्था का निरीक्षण करके वहां का समाचार प्रस्तुत करते हुए कहता है कि अब राजा राज्य को नीति के दूढ आषाढ़ पर स्थिर करने को यत्नशील है ।

स्वभाव से तो दुर्योधन कुबूल है, किन्तु यह ससार की दृष्टि मे स्वय का युधिष्ठिर में अधिक गुण सम्पन्न सिद्ध कर देना चाहता है।

लेखक अज्ञात – Unknown
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 280
Pdf साइज़4 MB
Categoryधार्मिक(Religious)

भारतीय संस्कृति के मौलिक तत्व – Bharatiya Sanskriti Ke Maulik TatvaBook/Pustak Pdf Free Download

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