आधुनिक संविधान – Modern Constitution Book Pdf Free Download
पुस्तक का एक मशीनी अंश
आचार-विचार आदि, ऐसे होते हैं जो साधारणतः सुनिश्चित रीति से शब्दमय करके लिखे हुए नहीं होते।
इस अन्तर को शासन-प्रणाली के लिखित और अ-लिखित नियमों का अन्तर, बताना शायद मौटे तौर पर सही कहा जा सके, यद्यपि इसमें भी सन्देह की गुंजाइश है
कुछ कानूनी नियम भी इस अर्थ में अ-लिखित होते हैं कि वे किसी संविधान में अयथा किसी संविधि (statutes) में सिसे नहीं गये हैं; दूसरी ओर कुछ परिपाटियों भी खिसी हुई होती है।
१९३९ की वेस्टमिनिस्टर संविधि में एक ऐसी संबैधानिक परिपाटी का उदाहरण है
जो यूनाइटेड किंगडम और उपनिवेशों के पार्लियामेंट को निम्नलिखित बन्धन में बधती है-चह यात कॉमनवेल्थ के सभी सदस्यों की पारस्परिक स्वीकृत संवैधानिक स्थिति के अनुरूप होगी कि राजा के उत्तराधिकार अथवा पदमर्यादा-सम्बन्धी कानून में परिवर्तन करने के लिए
अब से यूनाइटेट किंगडम की पार्लियामेंट की स्वीकृति के साथ-साथ तमाम उपनिवेशों की संसदों की स्वीकृति भी आवश्यक होगी।
किन्तु अगर हम कानूनी और अ कानूनी नियमों को लिखित और अ-सिसित नियमों का पर्यायवाची सानने के सिद्धान्त के अपवादों की ओर प्यान न भी दें,
तो भी इम इस बात से सहमत नहीं हो सकते कि, यूनाइटेड किंगटम की तो बात ही छोड़ दीजिये, कोई और भी देश ऐसा हो सकता है जिसकी शासन पद्धति सम्पूर्ण रूप से केवल लिखित अथवा सर्दथा अलिखित नियमों के सहारे चलती हो ।
पिछले अध्याय में इस बात पर जोर दिया गया था कि तमाम देशों में, और ब्रिटेन में भी, कानूनी और कानून के बाहर बाले, किम्थित और अ-लिखित दोनों प्रकार के नियमों को मिलाकर ही शासन पद्धति बनती है। संविधानं शब्द का इम चाहे संकुचित अर्थ में व्यवहार करे- जैसा हम इस पुस्तक में कर रहे है
लेखक | नेमिचन्द्र जैन-Nemichandra Jain |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 183 |
Pdf साइज़ | 14.8 MB |
Category | विषय(Subject) |
आधुनिक संविधान – Modern Constitution Book/Pustak Pdf Free Download