भारतीय संविधान की विशेषताएं | Features of Indian Constitution PDF In Hindi

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भारतीय संविधान की 17 प्रमुख विशेषताएँ – 17 Salient Features Of the Indian Constitution PDF Free Download

विशेषताएं

  1. विश्व का विशालतम संविधान
  2. विभिन्न स्रोतों पर आधारित संविधान
  3. कठोर एवं लचीलेपन का समन्वय
  4. संददीय प्रभुता एंव न्यायिक सर्वोच्चता में समन्वय
  5. संसदीय पद्धति की सरकार
  6. मूल अधिकार
  7. राज्य के नीति निदेशक तत्व
  8. मूल कर्तव्य
  9. स्वतंत्र न्यायपालिका
  10. वयस्क मताधिकार
  11. एकल नागरिकता
  12. लिखित एवं निर्मित
  1. एकात्मक एवं संघात्मक संविधान का समन्वय
  2. सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, पंथ निरपेक्ष, समाजवादी, लोकतंत्रात्मक गणराज्य की स्थापना।

विश्व का विशालतम संविधान

भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है जिसमें 365 अनुच्छेद 22 भाग एवं 12 अनुसूचियों है।

विभिन्न स्रोतों पर आधारित संविधान

भारत का संविधान विभिन्न आन्तरिक एवं वाह्य (विदेशी) स्रोतों पर आधारित है।

अमेरिका मौलिक अधिकार, सर्वोच्च न्यायालय का संगठन एवं शक्तियों, न्यायिक पुनर्विलोकन, उपराष्ट्रपति पद, ब्रिटेन संसदीय प्रणाली, संसद एवं विधान मंडल की प्रक्रिया, संसदीय विशेषाधिकार, एकल नागरिकता, मंत्रीपरिषद का लोकसभा के प्रति सामूहिक उत्तर निदेशक तत्व एवं राज्यसभा में सदस्यों का मनोनयन, सिंध मूल कर्तव्य, फारा के नीति गणतंत्र, आस्ट्रेलिया समवर्ती सूची प्रस्तावना का भाषा, केन्द्र, राज्य संबन्ध, दक्षिण अधिका संविधान संशोधन की प्रक्रिया अनुच्छेद 21 में उल्लिखित विधि द्वारा विहित प्रक्रिया आदि।

कठोर एवं लचीलेपन का समन्वय

कठोर एवं लचीलापन संविधान संशोधन की प्रक्रिया पर निर्भर करता है। संशोधन की प्रक्रिया कठिन होती है तो संविधान कठोर और सरल होती है तो सविधान लचीला कहा जाता है।

इस दृष्टि से भारत का संविधान कठोर एवं लचीनेपन का समन्वय है।

संसदीय प्रभुता एवं न्यायिक सर्वोच्चता का समन्वय

भारतीय संविधान में संसद को सम्प्रभु एवं न्यायालय को सर्वोच्च माना गया है। संसद बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के अपना कार्य करती है। वहीं न्यायालय को सर्वोच्च माना गया है।

संसदीय पद्धति की सरकार

ब्रिटेन की भांति भारत में भी संसदीय पद्धति की सरकार की व्यवस्था है। यह व्यवस्था केन्द्र एवं राज्य दोनों सरकारों में एक जैसी है।

इसमें कार्यपालिका की वास्तविक शक्ति मंत्रीपरिषद में होती है और मंत्रीपरिषद लोकसभा के प्रति उत्तरदायित्य होता है राष्ट्रपति कार्यपालिका का नाम मात्र का प्रधान होता है।

लोक सभा में बहुमत दल का नेता प्रधान मंत्री होता है।

मूल अधिकार

भारतीय संविधान के भाग-3 में नागरिकों एवं व्यक्तियों को मूल अधिकार प्रदान किया गया है। मूल संविधान में सात मूलाधिकार थे किन्तु 44वें संविधान संशोधन द्वारा सम्पत्ति के अधिकार को निरस्त कर दिया गया। वर्तमान में 6 मूल अधिकार है।

राज्य के नीति निदेशक तत्व

भारतीय संविधान के भाग 4 में राज्य के नीति निदेशक तत्वों का उल्लेख राज्य अपनी नीतियों को निर्धारित करते समय इन निदेशक तत्वों को प्राथमिकता प्रदान करती है। इसका उद्देश्य लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना है।

मूल कर्तव्य

42 संविधान संशोधन द्वारा संविधान में एक नया भाग-4क एवं नया अनुच्छेद 51क जोडा गया जिसके अर्न्तगत दस मूल कर्तव्यों का उल्लेख है। सन् 2002 में 86वें संविधान संशोधन द्वारा एक और कर्तव्य जोड़ा गया। वर्तमान में ग्यारह मूल कर्तव्य है।

स्वतंत्र न्यायपालिका

भारतीय संविधान में न्यायपालिका को अपना कार्य निर्वाध एवं दबावमुक्त करने की पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त है। न्यायपालिका की स्वतंत्रता में किसी भी संवैधानिक निकाय का पूर्णतः वर्जित है।

भारतीय संविधान में प्रत्येक वयस्क नागरि

क को सरकार बनाने के लिए मत देने का अधिकार है और सभी नागरिकों के मत की कीमत बराबर है। वयस्कता की आयु 18 वर्ष है।

संघात्मक संविधान की भाँति भारत में दोहरी नागरिकता नहीं है अपितु एकल नागरिकता है अर्थात सभी लोग भारत के नागरिक है।

लिखित एवं निर्मित संविधान

भारत की संविधान लिखित संविधान है जिसका निर्माण सविधान सभा द्वारा किया गया है।

एकात्मक एवं संधात्मक संविधान का समन्वय भारतीय संविधान में एकात्मक एवं संघात्मक संविधान का समन्वय है।

एकात्मक संविधान के निम्नलिखित लक्षण है

  1. राज्य सभा दो तिहाई बहुमत से राज्य सूची के विषयों पर कानून बना सकती हैं।
  2. संसद राष्ट्रीय आपात के दौरान राज्य सरकार को विभिन्न मामलों में निर्देश दे सकती है|
  3. राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता पर राष्ट्रपति केन्द्र की सलाह पर राष्ट्रपति शासन की घोषणा करके राज्य का प्रशासन अपने हाथ में ले सकता है।
  4. वित्तीय आपात की स्थिति में राष्ट्रपति राज्य का वित्तीय शक्तियों को नियंत्रित कर सकता है।
  5. संसद राज्य की सीमा नाम एवं क्षेत्र में परिवर्तन कर सकती है।
  6. राज्यपाल राष्ट्रपति के एजेन्ट के रूप में कार्य करता है।
  7. केन्द्र अखिल भारतीय सेवाओं के माध्यम से राज्य प्रशासन पर नियंत्रण कर सकता है ।

एकात्मक संविधान के निम्न लक्षण है

1. लिखित संविधान

2. संविधान की सर्वोच्चता

3. संघ एवं राज्यों के बीच शक्तियों का स्पष्ट विभाजन,

4 संविधान संशोधन की प्रक्रिया की जटिलता

5. स्वतंत्र न्यायपालिका एवं अन्य अंगो से पृथककरण

6. केन्द्र एवं राज्य में पृथक सरकार

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भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 11
PDF साइज़MB
CategoryEducation
Source/Creditsdrive.google.com

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