फ़्रांसिसी क्रांति नोट्स | Class 9 History French Revolution PDF In Hindi

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कक्षा 9 इतिहास अध्याय 1- NCERT Book For Class 9 History : PDF Free Download

1848 ई० की फ्रांस की क्रांति के कारण (Causes Of The French Revolution Of 1848)

विचारधारा-1848 ई० की फ्रांसीसी क्रांति की पृष्ठभूमि समाजवादियों ने तैयार की थी। यूरोप में औद्योगिक विकास हुआ था और सारे यूरोप में मजदूरों का संगठन बन गया था। नए-नए कारखाने खुल रहे थे।

समाजवादियों ने उद्योग के संगठन और पूँजीपतियाँ तथा मजदूरों के संबंध में नए-नए सिद्धांत दिए और मजदूरों पर इनका अचूक प्रभाव पड़ा।

सेंट साइमन ने बहुसंख्यक वर्गों के कल्याण के लिए सामाजिक पुनसंगठन की एक समाजवादी योजना प्रस्तुत की।

उसने यह प्रचार किया कि उत्पादन के समस्त साधनों पर राज्य का स्वामित्व हो उद्योग-धंधों का संगठन इस प्रकार किया जाए कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार काम कर सके और उसे उचित पारिश्रमिक मिल सके।

लुई ब्लॉ के विचारों ने जनता को लुई फिलिप का शासन उखाड़ फेंकने की प्रेरणा दी। अपनी कृतियों के माध्यम से उसने फ्रांस के श्रमिकों के हृदय में यह बात बैठा दी कि वर्तमान अर्थव्यवस्था दोषपूर्ण है।

उसने मध्यमवर्गीय सरकार की तीखी आलोचना की। उसने लोगों को बताया कि लुई फिलिप की सरकार धनवानों की सरकार है, धनवानों द्वारा संचालित होती है और धनवानों के लिए है।

ऐसी सरकार को हटाना और इसके बदले लोकतांत्रिक पद्धति पर नई सरकार का गठन जायज है। उसने एक और महत्त्वपूर्ण सिद्धांत का प्रतिपादन किया, “प्रत्येक व्यक्ति को काम पाने का अधिकार है और राज्य का कर्तव्य है कि वह उसे काम दे ।

” वह चाहता था कि राज्य उद्योग-धंधों का संगठन करे और मजदूर मुनाफे को आपस में बाँट लें। प्राउडन और मार्क्स ने पूँजीपतियों की आलोचना की और मजदूरों के हित के लिए राज्य की संरचना में परिवर्तन को आवश्यक बताया |

परिवर्तन के अनुकूल सुधारों की कमी

वास्तव में 1815 ई० के बाद यूरोप के सामाजिक और राजनीतिक ढाँचे में मौलिक परिवर्तन हुआ था। लेकिन, यूरोपीय व्यवस्था मेटरनिख के प्रभाव में हर सुधार का विरोध करती थी।

वास्तव में सुधार सेफ्टी वाल्व का काम करता है जिससे लोगों का गुस्सा शांत होता है। यूरोप के शासक बाह्य शांति के नीचे परिवर्तन की धधकती आकांक्षा नहीं देख रहे थे और न ही उसका अनुमान लगा रहे थे।

ऐसी स्थिति में परिवर्तन और सुधारों के अभाव में असंतोष और आक्रोश का विस्फोट अनिवार्य था ।

मजदूरों में राजसत्ता में परिवर्तन की तलक

औद्योगिक क्रांति ने पूँजीपतिवर्ग के साथ साथ मजदूरवर्ग को जन्म दिया। पूँजीवादी व्यवस्था में समाज में मौलिक परिवर्तन हुआ और अर्थतंत्र का ढाँचा बदला अब गाँवों से अधिक संख्या में लोग शहर आने लगे जहाँ उन्हें बेकारी की समस्या का सामना करना पड़ा।

मजदूरों को धीरे-धीरे यह पता चल रहा था कि इन विषमताओं के मुख्य कारण उनके अपने और समाज की स्थिति के मूल में निहित हैं। अब मजदूर संगठित होकर राजसत्ता प्राप्त कर अपनी दशा में परिवर्तन के लिए संगठित होने लगे।

लुई सर्वमान्य नहीं

राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा के 430 सदस्यों में से केवल 219 सदस्यों ने ही लुई फिलिप के पक्ष में मत दिया था। अतः, लगभग आधे सदस्य उसके शासन के विरुद्ध थे।

लुई फिलिप बहुमत से ही फ्रांसीसियों का राजा बना था, पर सर्वमान्य नहीं। था। उस समय देश के विभिन्न राजनीतिक दलों में एकता नहीं थी।

उग्र राजसत्तावादी चार्ल्स दशम के पोते हेनरी पंचम को फ्रांस का राजा बनाना चाहते थे और गणतंत्रवादी गणतंत्र की स्थापना करना चाहते थे।

बोनापार्टिस्ट दल के सदस्य नेपोलियन महान के भतीजे लुई नेपोलियन को राजसिंहासन पर बैठाना चाहते थे।

अतः, फ्रांस के सभी राजनीतिक दल अलग-अलग सुर अलाप रहे थे, जिससे देश का भारी अहित हो रहा था।

लुई फिलिप का वध करने के लिए उसके विरोधियों ने छह बार प्रयत्न किया, लेकिन वे असफल रहे । फिर भी, जनता की विक्षुब्धता तो जाहिर हो ही जाती है।

लुई की आंतरिक और बाह्य नीतियों की असफलता

लुई फिलिप की आंतरिक तथा बाह्य दोनों ही नीतियाँ असफल रहीं। मध्यमवर्ग की पोषक नीति के कारण देश का 90 प्रतिशत से अधिक जनसंख्यावाला साधारण वर्ग उसके शासन का विरोधी बन गया ।

वैदेशिक नीति में अपनी दब्बू प्रकृति एवं भीरु स्वभाव के कारण उसने देश के गौरव को गहरा आघात पहुँचाया।

बेल्जियम तथा पूर्वी समस्या के मामलों में उसे इंगलैंड से शिकस्त खानी पड़ी, जिससे फ्रांस की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को गहरा आघात पहुँचा।

इटली, पोलैंड और स्विट्जरलैंड में देशभक्तों को सहायती न पहुँचाने और प्रतिक्रियावादियों के नेता मेटरनिख का साथ देने के कारण फ्रांस की बची-खुची प्रतिष्ठा भी जाती रही।

स्पेन की रानी की बहन के साथ उसके पुत्र के विवाह हो जाने से इंगलैंड भी रुष्ट हो गया और उसने फ्रांस से संबंध-विच्छेद कर लिया ।

लेखक
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 5
PDF साइज़1.5 MB
CategoryHistory
Source/Creditsdrive.google.com

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