व्यवाहरिक पशुपालन तथा पशु चिकित्सा विज्ञान PDF

Applied Animal Husbandry & Veterinary Science Hindi Book PDF Free Download

गोवंशीय पशु (Cattle or Bovine)

गोवंशीय पशुवों में गाय, बैल, साँड तथा बछड़े एवं बछिया आते हैं। इन पशुओं की निम्नांकित मुख्य अभिजातियाँ हमारे देश में पाई जाती हैं

बमृतमहल, देवनी, डोंगी, गिलाऊ, गिर, हल्लीकर, हरियाना, हिसार, कंक्रेज, कांगयाम, खिलार, मालवी, कनकथा, नागौरी, निमारी, अंगोल, रथी, रेड कन्वारी, रेड सिन्धी, साहीवाल, थारपारकर, खीरी, पवार, शाहाबादी (गंगातीरी) आदि ।

उपरोक्त के अतिरिक्त कुछ विदेशी अभिवातियां भी पाई जाती हैं। जैसे—होल्स्टीन फीजियन जर्सी, ब्राउन स्विस, रेडडेन तथा इन अभिजा तियों की वर्णसंकर बभिजातियां आदि ।

इन अभिजातियों में से कुछ महत्वपूर्ण अभिजातियों का विवरण तथा उनकी करेक्टरिस्टिक्स निम्न प्रकार से हैं।

अमृतमहल (Amrit Mahal)

यह मैसूर राज्य की मुख्यतः भार वाहन (Draft purpose) की अभिजाति है । भूरा रंग, गहरा सर, गर्दन, हम्प तथा क्वार्टर्स हल्के भूरे से सफेद रंग के चिह्न जो बेहरा तथा मल कम्बल (Dewlap) में पाए जाते हैं।

उभरा माथा, नोकदार सींग जो पीछे जाकर ऊपर मुड़े हुए होते हैं। पूंछ काली तथा गल कम्बल भली प्रकार से विकसित होता है ।

गिर या काठियावाड़ी या सुरती (Gir or Kathiawari or Surti)

यह अभिजाति कदाचित काठियावाड़ के गिर जंगलों से उत्पन्न हुई है तथा यह दूध उत्पादन व भारवाहन के काम आती है।

बड़ा शरीर, कान लम्बे, लटके, मुड़ी हुई पत्तियों के समान तथा काले गुच्छे वाली लम्बी पूंछ जो जमीन तक पहुँचती है। शरीर का रंग लाल, बाल काले धब्बे, लाल सफेद धब्बे आदि पाये जाते हैं।

शरीर के रंग पर एक बड़ा सा दूसरे रंग का एरिया अवश्य मिलता है। विचित्र सींग जो फेस के बाहरी भाग से बाहर, पीछे तत्पश्चात् ऊपर तथा अन्दर को और अन्त में टिप पीछे की ओर मुड़ जाते हैं ।

हम्प बड़ा, गलकम्बल हल्का परन्तु शी बड़ा तथा लटका हुआ होता है ।

हरियाना (Hariana).

यह रोहतक, हिसार, करनाल तथा देहली आदि क्षेत्रों में पाई

जाती है ।

लम्बा तथा सकरा चेहरा, चपटा फोरहैड, तथा पोल के बीच में उभार, छोटे सींग, छोटे कान, मुलायम पतली त्वचा, छोटा सा गलकम्बल तथा शीय होता है।

रंग सफेद या हल्का भूरा, काले गुच्छे वाली सुन्दर पूंछ जो हाक के नीचे तक जाती है। इस अभिजाति के पशु बेतों की जुताई तथा सड़क भारवाहन एवं गायें दूध देने वाली होती हैं।

भारतीय कृषक के लिए यह अभिजाति बड़ी ही उपयोगी होती है। यह द्विअर्थीय पशु है ।

शाहावादी या गंगातीरी (Shahawadi or Gangatiri)

बिहार प्रान्त के शाहाबाद जिला तथा उ० प्र० में बलिया आदि स्थानों में यह पशु पाये जाते हैं। मध्यम श्रेणी का शरीर, रंग में गहरे भूरे, सफेद रंग के, छोटे मोटे सींग, बड़ा हम्प तथा द्विअर्थीय पशु है ।

लेखक Ram Avatar Dwivedi
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 439
PDF साइज़136.1 MB
CategoryHealth

व्यवाहरिक पशुपालन तथा पशु चिकित्सा विज्ञान – Applied Animal Husbandry & Veterinary Science Hindi Book PDF Free Download Book/Pustak PDF Free Download

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *