विजयनगर साम्राज्य की स्थापत्य कला | Vijayanagara Empire Notes PDF

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विजयनगर साम्राज्य का शासन-प्रबन्ध – Administration Of Vijayanagara Empire PDF Free Download

विजयनगर साम्राज्य

विजयनगर साम्राज्य का इतिहास


भारत का मध्यकालीन इति हास 8वींसे12वींसदी तक माना जाता है। इस काल मेंपाल,प्रति हार औरराष्ट्रकूट सेलेकर शक्ति शाली दि ल्ली सल्तनत और मगु ल साम्राज्य स्थापि त हुए।

वर्तमर्त ान भारत के विकास मेंमध्यकालीन भारत का इति हास बहुत महत्वपर्णू र्णमाना जाता हैमध्यकालीन भारत के इतिहास का वर्तमर्त ान भारत के वि कास मेंबहुत बड़ा योगदान हैइस दौर मेंभारत नेभवन नि र्मा ण कला चित्रकला धर्म भाषा और साहि त्य के क्षेत्र मेंबहुत वि कास कि या था।


विजयनगर साम्राज्य जो कि दक्षि ण भारत एक शक्ति शाली साम्राज्य था। इसकी स्थापना दो भाइयों राजकुमार हरि हर और बक्ु का द्वारा 1336 ईस्वी मेंकी गई। जल्दी ही उन्होंनेअपनेराज्य का विस्तार उत्तर दि शा मेंकृष्णा नदी तथा दक्षि ण मेंकावेरी नदी के बीच वालेक्षेत्र पर कर लि या और इस परूेक्षेत्र पर अपना राज्य स्थापि त कर लि या।

विजयनगर साम्राज्य की बढ़ती ताकत सेकई शक्ति यों के बीच टकराव हुआ और उन्होंनेबहमनी साम्राज्य के साथ कई बार लड़ाइयांलड़ी।

दक्षि ण भारत में मस्लिुस्लि म बार-बार ढक्कन के हि दं ूराज्य पर हमला करके वहांके शासकों को पराजि त कर रहेथे।

होयसाल साम्राज्य(जो 14वींशताब्दी सेपहलेशक्ति शाली साम्राज्य के रूप मेंउभर कर सामनेआया था तथा जो अतिं तिम मस्लिुस्लि म साम्राज्य था) के राजा की मत्ृयुके पश्चात इस साम्राज्य का वि लय वि जयनगर साम्राज्य मेंहो गया था।

हरि हर प्रथम को पर्वीू र्वी और पश्चि मी समद्रु के प्रमखु के रूप मेंजाना जाता था जि सनेंवि जयनगर साम्राज्य की मजबतू नींव रखी थी और तगंु भद्रा नदी के दक्षि ण मेंचारों ओर प्रमखु क्षेत्रों पर अपनेशासन को मजबतू कर लि या था।

बक्ु का राय प्रथम नेआर्को ट, कोडावीडुके रेड्डी बधं ,ुमदरुैके सल्ुतान प्रमखु ों को हराकर न केवल अपनेसाम्राज्य का पश्चि म मेंबल्कि तगंु भद्रं ा-कृष्णा नदी के उत्तर तक वि स्तार कि या और उसका उत्तराधि कारी बना।

अनेगोंडी (वर्तमर्त ान मेंकर्ना टक) मेंसाम्राज्य की राजधानी स्थापि त की गयी जि सेबाद मेंवि जयनगर स्थानांतरि त कर दि या गया, जहांसेसाम्राज्य को इसका नाम प्राप्त हुआ था।

अपनी इसी क्षमता के साथ वि जयनगर साम्राज्य प्रमखु रूप सेदक्षि णी भारत तक फैल गया था उसका उत्तराधि कारी हरि हर द्वि तीय (बक्ु का राय प्रथम का दसू रा पत्रु) था जि सनेआगेचलकर अपनी साम्राज्यवादी शक्ति का परूेदक्षि ण क्षेत्र मेंवि स्तार कि या।

इसके बाद साम्राज्य को देव राय प्रथम द्वारा सगं ठि त कि या गया जि सनेओड़ि शा के गज पति यों को हराया और साम्राज्य की सि चं ाई और दर्गु र्गनि र्मा ण के प्रमखु कार्यों को क्रि यान्वि त कि या इसके बाद देव राय द्वि तीय गद्दी पर बठै ा जि सेसगं म राजवशं का सबसेशक्ति शाली और सफल शासक के रूप मेंजाना जाता है।

  • सामतं ी शासन की वजह आतं रि क अस्थि रता की लड़ाई रही थी। उसनेश्रीलकं ा द्वीप पर भी आक्रमण कि या और बर्मा साम्राज्य पर अपना आधि पत्य स्थापि त कि या।1336 ई. मेंस्थापि त इस साम्राज्य के प्रथम वशं का नाम पि ता के नाम पर सगं म वशं पडा।
  • इस साम्राज्य के चार राजवशं ों नेलगभग 300 वर्षों तक शासन कि या। वि जयनगर साम्राज्य की राजधानि यांक्रमशः: अनेगडंुी, वि जयनगर, बेन गोण्डा तथा चदं गि रि ।
  • हम्पी (हस्ति नावती) वि जयनगर की परुानी राजधानी का प्रति नि धि त्व करता है। वि जयनगर का वर्तमर्त ान नाम हम्पी (हस्ति नावती) है।
  • विजयनगर साम्राज्य के सबसेप्रसि द्ध राजा कृष्ण देव राय थे। वि जयनगर का राजवशं उनके कार्यकर्य ाल में भव्यता के शि खर पर पहुंच गया।
  • वे उन सभी लड़ाइयों मेंसफल रहेजो न्होंनेलड़ी। उन्होंनेओडि शा के राजा को पराजि त कि या और वि जयवाड़ा तथा राजमहेन्द्री को जोड़ा।

विजयनगर साम्राज्य की स्थापत्य कला

  • भारतीय कला सस्ं कृति और स्थापत्य के वि कास की दृष्टि सेवि जयनगर साम्राज्य अत्यतं महत्वपर्णू र्णरहा है।
  • इस दौरान भारतीय कला तथा सस्ं कृति का बहुआयामी वि कास हुआ जि सेनि म्नलि खि त रूपों मेंदेखा जा सकता है-
  • विजयनगर साम्राज्य के शासकों नेअपनेदरबार मेंबड़-ेबड़ेवि द्वानों एवंकवि यों को जगह दी जि ससेइस काल मेंसाहि त्य के क्षेत्र मेंबहुत प्रगति हुई।
  • राजा कृष्णदेव राय एक महान वि द्वान,सगं ीतज्ञ एवंकवि थे उन्होंनेतले गु ूभाषा में ‘अमक्ुतमाल्यदा’ तथा सस्ं कृत में’जामवतं ी ल्याणम’ नामक पस्ुतक की रचना की।
  • चित्रकला के क्षेत्र में’लेपाक्षी शलै ी’ तथा नाट्य क्षेत्र में’यक्षगान’ का वि कास हुआ । लेपाक्षी कला शलै ी के वि षय रामायण और महाभारत सेसबं धिं धित है।
लेखक
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 8
PDF साइज़2 MB
CategoryHistory
Source/Creditsdrive.google.com

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