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यूपीएसएसएससी पीईटी बुक हिंदी में – UPSSSC PET Book PDF Free Download

यूपीएसएसएससी पीईटी बुक
ध्यान रखें कि कोई भी भाषा निरंतर अभ्यास एवं उचित मार्गदर्शन से सीखी जा सकती है।
अतः कभी भी अंग्रेजी भाषा की चुनौती से घबराएं नहीं, बल्कि इसे एक अवसर के रूप में लेते हुए लगन से प्रयास एवं अभ्यास करें, तो सफलता अवश्य आपके कदम चूमेगी।
पहले Passage पढ़ना चाहिए या प्रश्नों को ?
प्रायः प्रतियोगियों के मस्तिष्क में इस बात को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी रहती है कि Passage के प्रश्नों को हल करने के लिए पहले Passage को पढ़ा जाए या प्रश्नों को पढ़ने के पश्चात
• Passage पढ़ना शुरू किया जाए? कुछ प्रतियोगियों के अनुसार पहले प्रश्नों को पढ़ना ही उचित है, क्योंकि ऐसा करने से समय की बचत होती है।
कुछ परिस्थितियों में तो ऐसा करना लाभप्रद हो सकता है परंतु कभी-कभी इस रीति से प्रश्नों को हल करने के प्रयास में ज्यादा समय भी लग सकता है, क्योंकि कुछ Passage.
ऐसे होते हैं जिनमें प्रश्न क्रमानुसार पूछे जाते हैं अर्थात जिस क्रम में न पूछे जाते है Passage में उसी क्रम से उन प्रश्नों के उत्तर मिलते हैं।
ऐसे Passage के प्रश्नों के उत्तर पहले प्रश्नों को पढ़कर निकाले जा सकते हैं।
परंतु कभी-कभी ऐसा होता है कि पहले या दूसरे प्रश्न का उत्तर Passage के अंत में दिया रहता है ऐसी स्थिति में पहले प्रश्न को पढ़ने से तत्काल उत्तर नहीं मिलता है
और सही उत्तर पता लगाने के लिए Passage को एक से अधिक बार पढ़ना पड़ता है।
ऐसी परिस्थिति में प्रश्नों को जल्दी हल करने की विता में प्रतियोगी गलत उत्तर प्राप्त कर लेता है।
हमारे विचार से Passage के सभी प्रश्नों के सही उत्तर कम- से-कम समय में पता लगाने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों को ध्यान में रखते हुए पहले Passage पढ़ें फिर इन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दें।
(A) Passage को सावधानीपूर्वक पढ़ते हुए हिंदी अर्थ समझने का प्रयास करें।
(B) Passage के प्रारंभिक भाग को पढ़ते समय इस बात का अनुमान लगाते रहें कि Passage की विषयवस्तु क्या है।
(C) यदि Passage में किसी Idiom/Phrase का प्रयोग किया गया हो और आपको उसका अर्थ स्पष्ट न हो पा रहा हो तो उसके आगे पीछे के शब्दों से भाव स्पष्ट करने का प्रयास करें।
(D) यदि किसी प्रश्न का उत्तर मालूम करने में ज्यादा समय लग रहा हो तो उस प्रश्न पर समय न व्यर्थ करके तुरंत अगले प्रश्न को हल करने का प्रयास करें।
अंततः, अंग्रेजी भाषा Comprehension के प्रश्नों से भयभीत होने के बजाए इनके निरंतर अभ्यास की आवश्यकता है।
निरंतर अभ्यास से अंग्रेजी भाषा Comprehension प्रश्नों के संदर्भ में समय प्रबंधन और उत्तरों की परिशुद्धता के लिए प्रवीणता प्राप्त की जा सकती है।
निरंतर पठन की आदत और Unseen Passages पर आधारित प्रश्नों के अभ्यास के द्वारा इस परीक्षण पर आप खरे। उतर सकते हैं।
आगे प्रारूप के इस अध्याय में परीक्षार्थियों के लाभार्थ पाठ्यक्रम के प्रश्नों के साथ उनके व्याख्यात्मक हलों का संकलन अभ्यास हेतु अनुरूप Unseen Passage एवं उन पर आधारित मस्तुत किया जा रहा है।
Passages के साथ यथास्थान उनकाभावार्थ एवं कठिन शब्दों के अर्थ हिंदी में प्रस्तुत कर दिए गए हैं।
जो कि अभ्यर्थियों को Passages के Comprehension का सरल एवं सहज तरीका विकसित करने में सहायक सिद्ध होंगे।
महात्मा कुछ कर्म सिद्धांत में विश्वास करते थे।
अपने प्रिय शिष्य आनंद के कहने पर बुद्ध ने वैशाली में स्त्रिय कोपा संघ में निक्षुणी के रूप में प्रवेश की अनुमति प्रदान की थी।
बौद्ध संघ में सर्वप्रथम शामिल होने वाली स्त्री पति गौतमी थीं।
त्रिपिटक’ बौद्ध ग्रंथों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
बुद्ध की मृत्यु के बाद उनकी शिक्षाओं को संकलित कर तीन भागों में बांटा गया, इन्हीं को त्रिपिटक कहते हैं।
ये हैं- विनय पिटक (संघ संबंधी नियम तथा आचार की शिक्षाएं), सुत पिटक (धार्मिक सिद्धांत) तथा अभिधम्म पिटक (दार्शनिक सिद्धांत)।
थेरीगाथा बौद्ध साहित्य है, इसमें 32 बौद्ध कवयित्रियों की कविताएं संकलित हैं।
बिहार में राजगीर की पहाड़ियों (400 मीटर की ऊंचाई) पर स्थित ‘शांति स्तूप’ विश्व का सबसे ऊंचा कहा जाने वाला ‘विश्व शांति स्तूप’ है।
भरहुत एवं सांची के स्तूप की स्थापना मौर्य शासक अशोक के शासनकाल में हुई थी।
अमरावती स्तूप का निर्माण सातवाहन के समय में हुआ था।
सातवाहनों की राजधानी प्रतिष्ठान या पैठन थी। इनकी प्रारंभिक राजधानी अमरावती मानी जाती है।
महास्तूप का निर्माण अशोक के समय में ईंटों की सहायता से
हुआ था, जिसके चारों ओर काष्ठ की यदिका बनी थी।
शुंग काल में उसे पाषाण पट्टिकाओं से जड़ा गया तथा वेदिका भी पत्थर की ही बनाई गई।
सातवाहन युग में वेदिका के चारों दिशाओं में चार तोरण लगा दिए गए।
लेखक | – |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 337 |
PDF साइज़ | 12 MB |
Category | Book |
Source/Credits | drive.google.com |
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