श्री स्वच्छंद तंत्र भाग 1,2,3,4,5 | Sri Svacchanda Tantra Book/Pustak PDF Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
ग्रन्थ के इस प्रथम भाग में मात्र तीन पटल प्रथम, द्वितीय और तृतीय ही गृहीत किये गये हैं। प्रथम पटल का नाम मन्त्रोद्धार प्रकाशन है।
इस महातन्त्र को चतुष्पीठ महातन्त्र माना गया है। चार पीठों के अन्तर्गत मुद्रा, मण्डल, मन्त्र और विद्या नामक पीठ आते हैं।
इन पीठों के नियम गुरु, शिष्य, साधक, समयाचारनिष्ठ समयी और पुत्रक के बीच आचरित होने चाहिए। इन चारों को समाज के लिये अत्यन्त उपयोगी मानते हुए इसे चतुष्टय फलोदय शास्त्र कहा गया है।
इस दृष्टि से भैरवरूपी साध्य की सिद्धि के लिये और तदनुकूल मन्त्रादि की साधना करने वालों के लिये यह तन्त्र अत्यन्त उपयोगी माना जाता है।
देवी ने अपने प्रश्नों के अन्त में यह कहा था कि, भगवन् ! भुक्ति और मुक्ति दोनों को प्रदान करने वाले शास्त्र का कथन आप करें।
भगवान् भैरव ने भी इसके उत्तर में यह कहा था कि, देवि, ये तुम्हारे प्रश्न मर्त्य प्राणियों के ऊपर अनुग्रह की प्रेरणा से ही प्रस्तुत है।
इस दृष्टि से भी यह सिद्ध हो जाता है कि यह शास्त्र ‘मुक्ति रूपी भौतिक समृद्धि-सिद्धि भी प्रदान करता है और साथ ही अलौकिक अध्यक्त मुक्ति का साक्षात्कार करा देने में भी समर्थ है।
प्राणियों के परम कल्याण का यह प्रवर्तक है । सर्वप्रथम भगवान् ने गुरु-शिष्य की परीक्षा के स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए
यह स्पष्ट कर दिया है कि गुरु के उत्कृष्ट होने से ही जीवन में जागरूकता आ सकती है। शिष्य भी ऐसा होना चाहिए,
जो गुरु के वचनों का आदर करते जीवन पथ पर प्रकाश की रश्मियों की वर्षा करते हुए अज्ञान अन्धकार से बच जाये । यज्ञ को वेदों में प्रशस्त अनुष्ठेय धर्म माना गया है।
यज्ञ भूमि की सर्वाशुद्धि अत्यन्त अनिवार्य है। इसीलिये भूमि को अर्थात् हड्डी आदि अशुद्ध पदार्थों से रहित होना चाहिए।
हमारा जीवन भी एक यज्ञ है। अतः अपने घर की भूमि अवश्य ही विशल्य होनी चाहिए। इस विषय में गृहस्वामी को सावधान रहना चाहिए।
सबसे महत्वपूर्ण बात, जो इस शान्य में व्यक्त की गयी है, वह है, भूमि पर ‘मातृका शक्ति का प्रस्तार यह तथ्य कर्मकाण्ड का मूल है,
फिर भी इसे एकदम मुला दिया गया है। आज के जितने प्रचलित के कार्य सम्पन्न हो रहे हैं, कही श्री मातृका प्रस्तार की पद्धति मैंने नहीं देखी है।
लेखक | क्षेमराज आचार्य-Kshemraj Acharya |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 440 |
Pdf साइज़ | 141.5 MB |
Category | धार्मिक(Religious) |
- भाग 1 Download करे 141.5 MB
- भाग 2 Download करे 139.1 MB
- भाग 3 Download करे 152.1 MB
- भाग 4 Download करे 155.1 MB
- भाग 5 Download करे 100.5 MB
श्री स्वच्छंद तंत्र भाग 1,2,3,4,5 | Sri Svacchanda Tantra Book/Pustak PDF Free Download