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शिक्षण संग्रह – Shikshan Sangrah Module SSA UP PDF Free Download
शिक्षण संग्रह
बच्चों के बहुमुखी विकास और विद्यालय से लगाव के लिए खेल गतिविधियों एवं प्रतियोगिताओऑँ का आयोजन आवश्यक है । इससे जुड़ा एक और उसका शारीरिक नानसिक विकास होता है, वहीं इनमें बस्ती-कुर्सी भी बनी रहती है ।
कुछ बच्चे जिनका रुद्ान रखेल के प्रति अधिक होता है, वे खेतों के सहारे जीवन में बहुत आने तक बढ़ जाते ४।
खेल गतिविधियों में शांति है योग व्यायाम पी. टी, आत्मा के दरीकों (कूडो /ताईक्यान्दो) के साथ इंनटोप- आवटसोर खेल! हमारे विद्यालयों में खेत के लिये पीरियक मभी निर्वारित है ।
प्रार्थनाः स्थल और अतिरिक्त समय बार भी इस गलिशितियों को नये अवसर है।
हमारे वियनय के बस्थे विभिन्न स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में भी भाग लेते है । निशुल्क एवं अनिवार्य बल शिक्षा अभिकार अधिनियम के अनुसार इस विद्यालय मे खेल सामगी होना अभी कार्य किया गया है कलवरूप आजकत |
वर्तमान समय आप बच्चों की प्रगति का आकलन कसे सामान्यतः उत्तर होगा सत्र परीक्षा, अर्दवार्षिक परीक्षा या वार्षिक परीक्षा के यदि किसी परीक्षा में एक बल्या किसी विषय 40 अंक प्राप्त करता है तो क्या आप बता सकते हैं कि उसे रा है? क्या प्राप्ति को देखकर आप बता सकते है
बच्चे ने क्या-क्या सीख लिया? क्या ब मे उस विषय में कथा अनुरूप मूलभूत देवताओं को प्राप्त कर लिया है। अंक आधारित आकलन (Summative Assessment) हम बच्चों की वास्तविक सीख के स्तर को नहीं बता पाता है।
यह सिर्फ इतना कहता है कि बे ने 70 प्रतिशत या २० प्रतिशत अंक प्राप्त किए और इससे माना जा सकता है कि चे मे लगभग इतने प्रतिशत पाठ्यक्रम को समझा भी है।
को समने तथा इसे कम करने में मददगार नहीं है। एक अ शिक्षक अपनी कक्षा में बच्चों की प्रगति का सतत आकलन करता है ताकि वह समय रहते आप के कदम ना सके। आकलन के इस तरीकों को रचनात्मक आकलन F eAsement) कहते है।
शिक्षण योजना क्या
शिक्षण योजना सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में, मार्गदर्शक का काम करती है, इसमें शिक्षण अवधि में किये जा रहे क्रियाकलापों / गतिविधियों, आकलन, फीडबैक, पुर्नबलन एवं आगे की योजना का क्रमबद्ध एवं संक्षिप्त विवरण होता है।
शिक्षण योजना के प्रमुख बिन्दु
हम सब यह मानते हैं कि बेहतर कक्षा शिक्षण के लिए ‘शिक्षण योजना होना आवश्यक हैं।
शिक्षण – योजना से बच्चे व्यवस्थित और क्रमबद्ध तरीके से सीखते हैं। साथ ही शिक्षक के रूप में हमारा काम भी व्यवस्थित एवं आसान हो जाता है।
शिक्षण योजना बनाने में कुछ खास बिन्दुओं एवं चरणों पर ध्यान देना आवश्यक होता है एक बेहतर शिक्षण योजना’ बनाने के लिए निम्नांकित बिन्दु हमारे लिए मददगार होते हैं-
चयनित लर्निंग आउटकमः सर्वप्रथम उस लर्निंग आउटकम का चयन करें जिस पर आपको बच्चों के साथ कार्य करना है। लर्निंग आउटकम चयन के लिए आवश्यक है कि आपको उस विषय में बच्चे के वर्तमान अधिगम स्तर तथा उक्त लर्निंग आउटकम से सम्बन्धित पूर्व ज्ञान की सम्यक जानकारी हो ।
लर्निंग आउटकम के आधार पर उपयुक्त गतिविधियों व सामग्री का चयन करना : अब आप चयनित लर्निंग आउटकम की प्राप्ति के लिए उपयुक्त शिक्षण-अधिगम सामग्रियों एवं गतिविधियों के बारे में चिंतन करें तथा उन्हें लिखें।
फिर गतिविधि के अनुसार आवश्यक सामग्री की व्यवस्था भी करें ताकि आप प्रभावी तरीके से शिक्षण कर सकें।
शिक्षण योजना के विभिन्न चरणों एवं उन पर दिये जाने वाले समय का निर्धारण: योजना बनाते समय इसके विभिन्न चरणों जैसे- प्रस्तावना गतिविधियाँ (समूह कार्य जोड़ी में कार्य लेखन कार्य, प्रयोग, व्यक्तिगत कार्य आदि), बच्चों के सीख का आकलन करने के तरीके, कक्षा कार्य, गृह कार्य आदि को लिखें तथा इसके लिए आवश्यक समय निर्धारित करें।
शिक्षण योजना में सभी स्तर के बच्चों की सहभागिता को सुनिश्चित करना योजना बनाते समय कक्षा के उन बच्चों का भी ध्यान रखें जिनका अधिगम स्तर कक्षानुरूप नहीं है।
साथ ही दिव्यांग बच्चों तथा कम बोलने या प्रतिभाग न करने वाले बच्चों को भी ध्यान में रखें। इसके साथ-साथ उन बच्चों के लिए भी कार्ययोजना में स्थान हो जिनकी सीखने की गति अपेक्षाकृत अधिक है।
लेखक | UP Govt |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 256 |
Pdf साइज़ | 56.9 MB |
Category | सरकारी(Govt) |
शिक्षण संग्रह – Shikshan Sangrah Module SSA UP Pdf Free Download