संस्कृत व्याकरण प्रवेशिका – Sanskrit Grammar Praveshika Book PDF Free Download

संस्कृत व्याकरण के विषय में कोई बात मौलिक कहना असंभव है, किन्तु विषय के प्रतिपादन में कुछ नवीनता हो सकती है। प्रस्तुत अन्य में हिन्दी भाषा के प्रयोगों से संस्कृत के व्याकरण की तुलना करके विषय को समझाने का प्रयत्न किया गया है। पाणिनि की परिमापात्रों को तथा प्रत्ययों के नामों को उसी रूप में रक्खा है, जिससे विद्यार्थी को आगे चलकर कठिनाई और भ्रम न हो। पाणिनि की पद्धति को समझाने का यथेष्ट प्रयत्न भो किया गया है। पाद-टिप्पणियों में सूत्र उद्धृत कर दिये गये है। उदाहरणों का बाहुल्य विषय को स्पष्ट करने के लिए रक्खा गया है। परिशेषों में प्यावश्यक जानकारी की चीजें हैं। इस प्रकार स्तक को यथा-साध्य उपयोगी चनाने का उद्योग किया गया है।
यह बोलचाल की मापा है । खीसरे, गण पाटों में चापे हुए नाम इसने विचित्र पचौर गानजान से लगते हैं कि किसी को यह दान में भी विचार नहीं होता कि ये शन्द स्टैयद भाषा के रोंग ।
लेखक | बाबूराम सक्सेना-Baburam Saxena |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 600 |
Pdf साइज़ | 10.9 MB |
Category | साहित्य(Literature) |
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