सामुद्रिक विज्ञान – Samudrik Vigyan Book/Pustak Pdf Free Download
पुस्तक का एक मशीनी अंश
60-छोटी, चौड़ी तथा गहरी जीवन-रेखा में से निकलने चाली स्वास्थ्य-रेखा यदि मस्तम-रेखा को काटती हुई प्रजापति के क्षेत्र को जाती हो अथवा वरुण के क्षेत्र में ही रुक जाती हो अथवा मस्तक रेखा पर ही ठहर हो जाती हो,
तो ऐसी रेखा वाले जातक को प्रमेह, अर्श सूजाक, कब्ज, पेचिश, स्त-विकार आदि बीमारियो से जीवन भर घिरा रहना पड़ता है।
चित्र ६१-यदि स्वास्थ्य-रेखा हृदय-रेखा पर ही आकर रुक जाय अथवा उसे काटती हुई घोड़ा-सा हो आगे बढ़कर ठहर जाय तो ऐसे जातक को तिल्ली, जिगर, कब्ज आदि की शिकायते बनी रहती हैं और धातु क्षीणता, प्रमेह आदि रोगों का शिकार होना पड़ता है।
चित्र ६२-स्वास्थ्य-रेखा का रंग गुलाबी हो, उसमे इषर-उपर से अनेक छोटी-छोटी रेखाएं आकर मिल रही हों तथा गुरु-क्षेत्र पर भाडू की सीको जैसा जाल बिछा हुआ हो तो ऐसी रेखाओं तथा चित्रों वाला जातक रक्तचाप, रक्त-विकार, रक्ता ग्रादि रोगो का शिकार बनता है।
पर ही पेशाब कर देता है। उसे वायु-विकार तथा पेट-सम्बन्धी रोग भी बने रहते है।चित्र १७-यदि स्वास्थ्य-रेला पर चार द्वीप-चिह्न हों तो ऐसे चातक को असाध्य तपेदिक (टी० बी० की बीमारी) होती है और वह पारोग्य हुए बिना ही मृत्यु को प्राप्त हो जाता है ।
चित्र ६८-जिस स्थान पर स्वास्थ्य-रेखा हृदय-रेखा को काटता हो, उस स्थान पर यदि हृदय-रेखा पर अथवा उससे स्पर्श करता हुआ होप-चिह्न हो तो जातक को हृदय तथा केरुडे सम्बन्धी रोग होते हैं ।
बाल्यावस्था में पसलो पलना, निमोनिया तथा बड़े होने पर मियादी बुखार एवं शीत के कारण उत्पन्न होने वाले अन्य रोग ऐसे विह्न वाले जातक को घेरे ही रहते हैं।
चित्र ६१-जिस स्पान पर स्वास्थ्य-रेखा मस्तक रेखा-को काटती हो, उस स्थान पर यदि मस्तक-रेखा पर अथवा उससे स्पर्श करता हुपा द्वीप-चिह्न हो तो ऐसे चिह्न वाले जातक को मस्तिष्क |
लेखक | राजेश दीक्षित-Rajesh Dixit |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 1722 |
Pdf साइज़ | 35.2 MB |
Category | ज्योतिष(Astrology) |
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