प्रेगनेंसी डाइट चार्ट | Pregnancy Diet Chart Month By Month PDF In Hindi

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प्रेगनेंसी डाइट चार्ट – Pregnancy Diet Chart Month By Month PDF Free Download

Pregnancy Diet Chart Month by Month HINDI

Pregnancy Diet Chart Month By Month PDF

प्रातः काल समय
सुबह 06:30 बजे दूध (200 मिली और मामले में दूध से पहले दोसा / रस का सेवन करें
सुबह का नाश्ता 08:00 बजे 3 परांठा / 3 रोटी (75 ग्राम) या [15] कप दलिया+दाले (75 ग्राम +15 ग्राम)
1 कप वेजिटेबल करौ (100 ग्राम) * उबला अंडा / पनीर (30 ग्राम)
मिड मॉर्निंग
10:30 बजे मौसमी फल (100 ग्राम)
दोपहर का भोजन 01:00 बजे
2. कप चावल (100 ग्राम) या 4 रोटी (100 ग्राम), दाल * कप हरी पत्तेदार सब्जी (75 ग्राम) 11⁄2 कप दही (100 मिली) सलाद (50 ग्राम) 11⁄2 कप “चिकन या
मांस (30 ग्राम)
शाम का नाश्ता 04:00 बजे
1 मौसमी फल (100 ग्राम) → केला / संतरा / अमरूद) और मेरे (मूंगफली / जिल (30 ग्राम)
रात का भोजन 08:00 बजे
2 कप चावल (100 ग्राम) या 4 रोटी (100 ग्राम) 11⁄2 कप मटर की दाल (15 ग्राम) के साथ 5 कप हरी पत्तेदार सब्जी (75 ग्राम) वेजिटेबल करी (100 ग्राम)
1⁄2 कप दही (100 मिली)
सोने के समय 10:00 बजे दूध (100 मिली)

पहला महीना – पहले महीने में महिलाओं को ठंडा दूध और पौष्टिक आहार लेना चाहिए। जिसमें फल, सब्जियां, दाल आदि ले सकते हैं।

दूसरा महीना – इस महीने में गर्भवती महिलाएं मौसमी फल, सब्जियां, दूध, दही, रोटी खाने के साथ दूध के साथ आयुर्वेदिक औषधि शतावरी ले सकती हैं।

शतावरी प्रजनन क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ विटामिन की कमी को पूरा करती है। इसके अलावा बाला यानी सीडा कोर्डिफोलिया भी ले सकते हैं। यह शरीर में ताकत, ऊर्जा, हड्डियों और जोड़ों की ताकत बढ़ाने वाली औषधि है।

तीसरा महीना- इस महीने में महिलाओं को दूध और दूध से बनी चीजों का सेवन जरूर करना चाहिए। इनमें दही, पनीर, छाछ, घी शामिल हैं।

इसके अलावा इस महीने से शहद का सेवन शुरू कर दें। रोजाना ठंडे दूध में शहद मिलाकर लें। यह मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होता है। पौष्टिक भोजन करें।

चौथा महीना – चौथे महीने में दूध के साथ-साथ मक्खन खाना बहुत फायदेमंद होता है। छाछ पीना भी फायदेमंद होता है। साथ ही मौसमी फल, सब्जियां, सलाद, जूस भी लेते रहें।

पांचवां महीना – गर्भावस्था के पांचवें महीने में खूब दूध और घी लें।

पांचवा महीना- इस मास में दूध, घी, मीठी वस्तु, मीठे फल, अनाज आदि का सेवन करें।

सातवाँ महीना – सातवें महीने में खूब दूध पियें। इसके साथ ही आप दूध में घी भी ले सकते हैं। इस मास में घी का सेवन करें।

आठवां महीना- इस महीने में गर्भ में भ्रूण का वजन बढ़ने लगता है। इस महीने में दूध में घी मिलाकर दलिया खाएं। दलिया गेहूं या जौ का हो सकता है।

नौवा महीना– इस मास में पके हुए चावल घी के साथ खा सकते हैं। अगर कोई मांसाहारी है तो वह मीट सूप में घी डालकर भी पी सकती है।

सब्जियों में

  • गाजर
  • शकरकंद
  • कद्दू
  • पालक
  • साग
  • टमाटर 
  • लाल मिर्च
  • आलू

फलों में

  • आम
  • प्रून
  • केले
  • खुबानी
  • संतरे
  • अंगूर 

डेयरी उत्पाद

  • वसा रहित या कम वसा वाली दही
  • स्किम दूध
  • सोया मिल्क
  • पनीर

फलियां 

  • दाल
  • मटर
  • बीन्स
  • छोले
  • सोयाबीन
  • मूंगफली 

गर्भावस्था के दौरान इन खाद्य पदार्थों को न खाएं

  • अस्वास्थ्यकर दूध और अनपेचुरेटेड दूध से बने खाद्य पदार्थ को लेने से बचें।
  • हॉट डॉग और ज्यादा मीट न खाएं
  • कच्चा और अधपका समुद्री भोजन, अंडे और मांस खाने से बचें।
  • हाई फैट वाली चीजों को खाने से बचें।
  • बाहरी चीजों को खाने से बचें।
  • ज्यादा चीनी और नमक खाने से बचें।
  • कोक और सोडा के सेवन से बचें।
  • पुरानी और पैक्ड चीजों को खाने से बचें।
  • शराब के सेवन से बचें।
  • स्मोकिंग न करें।

गर्भवती महिलाओं के आहार संबंधी ध्यान रखने योग्य बातें

क्षेत्र एवं जातियता एवं सुविधा के अनुसार महिलाओं द्वारा खाए जाने वाले व्यंजनों एवं खाने का समय अलग-अलग हो सकता है लेकिन आहार संबंधी पर्याप्त आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आहार चार्ट में बताई जाने वाली मात्रा का पालन किया जाना चाहिए ।

सामान्य गर्भवती महिलाएँ प्रति दिन 30 ग्रा तेल (20 ग्रा वनस्पति तेल और 10 ग्रा मक्खन या घी) अल्पपोषित गर्भवती महिलाएँ 35 ग्रा तेल (25 ग्रा वनस्पति तेल और 10 ग्रा मक्खन या घी) और अतिपोषित गर्भवती महिलाएं 20 ग्रा तेल (15 ग्रा वनस्पति तेल और 5. ग्रा मक्खन या धी) का प्रयोग करें।

भोजन बनाते समय डबल फोर्टिफाइड नमक (आयरन आयोडीन) का उपयोग करें। प्रतिदिन <5 ग्रा से कम नमक का प्रयोग करें।

प्रत्येक सप्ताह दो या तीन बार अनाजों की जगह बाजरा (न्यूट्री -अनाज) का सेवन किया जा सकता है, साबूत गेहूँ और कम पॉलिश वाले चावल का प्रयोग करें और मैदा एवं बहुत अधिक पॉलिश किए गए चावल खाने से बचें।

शाकाहारी महिलाएं अंडा / चिकन / मछली / मांस की जगह 30 ग्रा दाल / पनीर खा सकती हैं।

*माँस खाने वाली महिलायें दालों की जगह अंडा / चिकन / मछली / मांस का सेवन कर सकती हैं।

* मांसाहारः एक दिन में 30 ग्रा की बजाए एक महिला एक सप्ताह में दो या तीन बार 80-100 ग्रा मांस का सेवन कर सकती है।

किलोग्राम वजन में वर्गमीटर लंबाई से भाग दे कर बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) की गणना की जाती है।

गर्भावस्था के दौरान सामान्य गर्भवती महिला ( बीएमआई 18.5-23.0) का कम से कम 10 किग्रा अल्पपोषित गर्भवती महिला (बीएमआई< 18.5) का कम-से-कम 13 किग्रा, अतिपोषित गर्भवती महिला का (बीएमआई> 23.0) कम से कम 7-10 किग्रा वजन बढ़ना चाहिए।

*मांसाहार खाद्य पदार्थों के सेवन की केवल क्षेत्रीय, धार्मिक और सांस्कृतिक स्वीकृति और उपलब्धता / सामर्थ्य के अनुसार सलाह दी जाती है।

Language Hindi
No. of Pages6
PDF Size0.3 MB
CategoryHealth
Source/Creditswcd.nic.in

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