पारिभाषिक शब्दावली | Paribhashik Shabdavali PDF In Hindi

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पारिभाषिक शब्दावली – Paribhashik Shabdavali Hindi Book PDF Free Download

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पारिभाषिक शब्दावली हिंदी

जो शब्द किसी विशिष्ट ज्ञान के क्षेत्र में एक निश्चित अर्थ में प्रयुक्त होता है, वह पारिभाषिक शब्द होता है। किसी भी विषय की पारिभाषिक शब्दावली का बड़ा ही महत्व होता है।

प्रशासन, ज्ञान-विज्ञान की विभिन्न शाखाओं- उपशाखाओं की अपनी-अपनी विशिष्ट शब्दावली होती है। जिसे ‘पारिभाषिक शब्दावली’ कहते हैं।

शास्त्र, विशिष्ट विषय अथवा सिद्धान्त के सम्प्रेषण के लिए सामान्य शब्दों के स्थान पर विशिष्ट शब्दावली की आवश्यकता होती है। यही शब्दावली पारिभाषिक शब्दावली कहलाती है। कुछ विद्वान इसे तकनीकी शब्दावली कहते हैं।

किसी भी विषय की पारिभाषिक शब्दावली का बड़ा ही महत्व है सहज भाषा (natural language) की तुलना में किसी वैज्ञानिक, तकनीकी या आर्थिक विषय के वर्णन में यह विशेषता होती है कि उसमें संज्ञाओं (नाम) की भरमार होती है।

किसी विशिष्ट विषय (specialized subject) को समझने-समझाने का काम पारिभाषिक शब्दावली के बिना दुरूह ही नहीं, असम्भव भी है।

पारिभाषिक शब्दावली के दो फायदे होते हैं पहला यह कि किसी विचार या कान्सेप्ट (concept) को समझने-समझाने के लिये नये शब्द के प्रयोग से विचारों को पंख लग जाते हैं।

दूसरा यह कि शब्द की परिभाषा करने से वह अस्पष्टता समाप्त हो जाती है, जो कि उस शब्द सामान्य अर्थों में प्रयोग में आती है। इस प्रकार विचार-विनिमय (communication) में आसानी होती है और विचार-विनिमय दक्षता पूर्वक हो जाता है।

स्वाधीन भारत के संविधान के अनुसार केन्द्र सरकार के कामकाज के लिए देवनागरी में लिखित हिन्दी को 26 जनवरी 1950 को भारत की राजभाषा घोषित किया गया।

भारत की राजभाषा हिंदी घोषित हो जाने पर संविधान के अनुच्छेद 344 (1) के अंतर्गत 1955 में गठित राजभाषा आयोग की सिफारिश पर निर्मित संसदीय समिति की रिपोर्ट पर 1960 में राष्ट्रपति के आदेशानुसार हिंदी की वैज्ञानिक तकनीकी शब्दावली निर्माण के लिए 1961 में स्वतंत्र आयोग का गठन होने पर हिंदी पारिभाषिक शब्दावली के क्षेत्र में गतिशीलता आई ।

राजभाषा का उत्तरदायित्त्व ग्रहण करते ही हिन्दी भाषा साहित्य से अन्य क्षेत्रों में, न्याय, विज्ञान, वाणिज्य, प्रशासन, जनसंचार, विज्ञापन, अनुवाद एवं रोजगार की भाषा बन गई।

स्वतंत्रता से पूर्व अंग्रेजी शासन काल से शासकीय कार्य अंग्रेजी भाषा में सम्पन्न किए जाते थे । स्पष्ट है आज भी जनमानस में अंग्रेजी का गहरा प्रभाव छाया हुआ दिखाई देता है।

साथ ही ज्ञान-विज्ञान, तंत्रज्ञान एवं प्रशासन के विभिन्न शाखाओं पर अंग्रेजी भाषा का ही प्रभुत्व है।

ऐसी स्थिति में कार्यालयीन कामकाजी और व्यावहारिक भाषा के रूप में हिन्दी को ढाला गया और उसके प्रयोजनीय पक्ष को बढ़ावा मिला न्याय, जनसंचार, पत्रकारिता, मीडिया, विज्ञान और विज्ञापन की आवश्यकता को पूरा करने हेतु पारिभाषिक शब्दावली का विकास। हुआ और हो रहा है ।

दैनंदिन व्यवहार में प्रयुक्त पारिभाषिक शब्दावली के विकास के कारण हिंदी समृद्ध होती जा रही है। अतः हिन्दी की पारिभाषिक शब्दावली प्रयोजनमूलक हिन्दी का महत्वपूर्ण अंग है।

भूमंडलीकरण के इस दौर में पूरी दुनिया समेटकर नजदीक आ गई है। ज्ञान, विज्ञान एवं तंत्रज्ञान के विभिन्न आविष्कारों ने विकास की गति को वृद्धिगत किया और दुनिया का चेहरा-मोहरा ही बदल दिया है।

सूचना एवं प्राद्योगिकी के क्षेत्र में नए विकसित संचार माध्यमों ने क्रांति ला दी है। आज देश के विकास में संचार के मुद्रित एवं इलेक्ट्रॉनिक दोनों प्रकार के माध्यमों का अनन्यसाधारण महत्व बना हुआ है।

अतः इन विभिन्न संचार माध्यमों संबंधी के ज्ञान एवं व्यवहार हेतु इस क्षेत्र से जुडी पारिभाषिक शब्दावली से परिचित होना आवश्यक है। साथ ही पूरे मानवजाति की उन्नति में शिक्षा का महत्व अक्षुण्ण है।

दिन-ब-दिन शिक्षा की अहमियत बढ़ती ही जा रही है। शिक्षा के विकास के साथ-साथ सभा एवं संमेलनों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है और विचार-विमर्श को बढ़ोतरी मिल रही है।

ज्ञान तथा नैतिक मूल्यों के उन्नयन हेतु, विचारों एवं भावों के आदान-प्रदान हेतु इनका योगदान मिल रहा है। अतः तत्संबंधी पारिभाषिक शब्दावली का ज्ञान होना जरूरी है।

इस दृष्टि से संचार माध्यम तथा शिक्षा, सभा एवं संमेलन से संबंधित अंग्रेजी एवं हिंदी पारिभाषिक शब्दावली का विवेचन यहाँ किया जा रहा है।

पारिभाषिक शब्दावली अर्थ एवं परिभाषाएँ

अर्थ-

पारिभाषिक शब्द अंग्रेजी के ‘टेक्निकल’ शब्द का हिंदी अनुवाद है ग्रीक भाषा के ‘टेक्निक्स’ शब्द से अंग्रेजी का ‘टेक्निकल’ शब्द व्युत्पन्न हुआ है।

फादर कामिल बुल्के ने ‘एन इंग्शिल हिंदी डिक्शनरी’ में इसके अर्थ के बारे में लिखा है – “Of a particular art, science, craft or about art.” अर्थात् विशेष कला, विज्ञान, शिल्प अथवा कला के बारे में इसका प्रयोग Skill (विशिष्ट कला) के अर्थ में भी किया जाता है।

इस तरह कहा जा सकता है कि “पारिभाषिक” शब्द वह शब्द है जो किसी विशिष्ट ज्ञान के क्षेत्र में एक निश्चित निर्धारित अर्थ में प्रयुक्त होता है ।

परिभाषाएँ –

डॉ. रघुवीर “पारिभाषिक शब्द का अर्थ है जिसकी सीमाएँ बांध दी गई हो। जिन शब्दों की सीमा बाँध दी जाती हैं वे पारिभाषिक शब्द हो जाते हैं और जिनकी सीमा नहीं बांधी जाती, वे साधारण शब्द होते हैं।”

डॉ. भोलानाथ तिवारी “पारिभाषिक शब्द ऐसे शब्दों को कहते हैं जो रसायन, भौतिकी, दर्शन, राजनीति, विभिन्न विज्ञानों या शाखों के शब्द होते हैं, तथा जो अपने-अपने क्षेत्र में विशिष्ट अर्थ में सुनिश्चित रूप से पारिभाषिक होते हैं। अर्थ और प्रयोग की दृष्टि से निश्चित रूप से पारिभाषित होने के कारण ही ये शब्द पारिभाषिक शब्द कहे जाते

Author
Language Hindi
No. of Pages120
PDF Size10 MB
CategoryEducation
Source/Creditsunishivaji.ac.in

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