मानवता की व्याख्या और विवरण – Complete Imformation About Humanity Pdf Free Download
पुस्तक का एक मशीनी अंश
किंतु सम्पूर्ण विश्व, जैसा आज एक हो गया है और जिस प्रकार आज सब देशों का दीर्घ अन्तर दूर हो गया है, वैसा कदाचित् पहले कभी नहीं था । विज्ञानने कम-से-कम यह उपकार किया है ।
कुछ अर्थोमें वह भले ही अभिशाप सिद्ध किया जाय, किंतु विश्व-एकताके लिये एक बड़ी सीमातक वह वरदान सिद्ध हो रहा है–इस तथ्य- को कोई अस्वीकार नहीं कर सकता ।
यह विज्ञानकी ही करामात है कि विश्वके सभी राष्ट्रोंके प्रतिनिधि कुछ ही दिनों के अंदर क्रिसी निर्दिष्ट स्थानपर विचार-विमर्शके लिये एकत्रित हो सकते हैं । यह भी विज्ञानका ही सुपरिणाम है
विश्वके किसी कोने में घटित होनेवाले महत्वपूर्ण घटना-चक्रोंसे हम प्रायः सद्यः अवगत हो जाते हैं । समाचारपत्र ससारके सभी भागोंके उल्लेखनीय समाचार घटेके अदर लाकर उपस्थित कर देते हैं।
यही नहीं, हम अपने घरों में बैठे लंदन और वाशिंगटनकी विविध प्रकारकी वार्ताएँ सुन सकते हैं, हजारों मील दूर बैठे हुए व्यक्तिसे सीधे बातचीत कर सकते हैं ।
सबकी हित-चिन्ता के लिये उत्प्रेरणा प्रदान करती है । मानवता वास्तवमें मनुष्यका धर्म है। सभी मनुष्योंसे प्रेम करनेकी बात वह सिखलाती है। जाति, सम्प्रदाय, वर्ण, धर्म, देश वह नहीं स्वीकार करती ।
मानवताका आदर्श एक बहुत ऊँचा आदर्श है । उस आदर्शकी पूर्तिमे ही मानक- जीवनकी वास्तविक सार्थकता है । मानवता विश्ववन्धुत्वकी भावना है । वह सभ्यता और मेरुदण्ड है ।
उसके विना सभ्यता और सांस्कृतिक विकास सम्भव ही नहीं होता । मानवता मनुष्यको सात्विकता तथा नैतिकताकी ओर ले जाती है। वह मनुष्यको सचमुच मनुष्य बनाती है ।
मानव सभ्यता और संस्कृतिकी सार्थकता इसीमें है कि संसारभरके लोग सुख, शान्ति और प्रेमके साथ रहें । एक जाति अथवा देशके मनुष्य दूसरी जाति अथवा लोगों की -लिये तत्पर रहें ।
लेखक | हनुमान प्रसाद-Hanuman Prasad |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 640 |
Pdf साइज़ | 22 MB |
Category | प्रेरक(Inspirational) |
मानवता अंक – Manavta Ank Book/Pustak Pdf Free Download