लाइकेन की सम्पूर्ण माहिती | What Is Lichen Classification, Acquisition, Breeding PDF In Hindi

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लाइकेन क्या है? वर्गीकरण, प्राप्ति स्थान,प्रजनन – Lichens Are Considered To Be A Symbiosis Of Two Organisms PDF Free Download

लाइकेन

प्रस्तावना

खण्ड की इस अंतिम इकाई में आप लाइकेन के बारे में पढ़ेंगे, जो कि कुछ असाधारण संरचना के जीव है। लाइकेन क्या है?

वे दो पूर्णतः भिन्न जीवों से संघटित होते हैं – हरित शैवाल अथवा सायनोबैक्टीरिया (नील हरित शैवाल) तथा रंगहीन कवक तंतु लाइकेन में कथक का विशिष्ट गुण लाइकेन थैलस को निर्मित करने की क्षमता है, जो कि वो वैयक्तिक रूप में कर पाने में असमर्थ होते हैं।

जीवों के इस समूह की विशिष्ट आकारिकी होती है तथा विशेष गुण होते हैं। वे सभी प्रकार के आवास स्थानों में पाये जाते हैं जिनमें आवास अयोग्य उष्ण कटिबंधीय रेगिस्तान (tropical deserts), ध्रुवीय प्रदेश, यहाँ तक कि ग्रेनाइट को परिबद्ध करने वाली सतह भी सम्मिलित है।

इस प्रकार के क्षेत्रों में वे नवीन (pioneer) तथा प्रमुख वनस्पति प्रदर्शित करते हैं। वे पृथ्वी पर पाई जाने वाली प्राचीनतम जीवित वस्तुओं में से है।

आगामी पृष्ठों में आप लाइकेन में संरचनाओं के प्रकार, शारीर तथा प्रजनन के बारे में पढ़ेंगे। हम कवकीय तथा शैवालीय भागीदारों के सहजीवी संबंधों की भी चर्चा करेंगे।

पारिस्थितिकी की दृष्टि से लाइकेन बहुत उपयोगी है। इनका उपयोग मानव के उपभोग के लिये तथा रसायनों के उत्पादन के लिए किया जाता है। इकाई के अंत में हम लाइकेन के विभिन्न उपयोगों की चर्चा करेंगे।

उद्देश्य

इस इकाई को पढ़ने के बाद आप

लाइकेन के वितरण, सरचना शारीर तथा विभिन्न आवास स्थानों का वर्णन कर सकेंगे.

लाइकेन में शैवालीय कवकीय भागीदारी का वर्णन कर सकेंगे,

नवीन वनस्पतियों के संदर्भ में लाइकेन की भूमिका का वर्णन कर सकेंगे, और

लाइकेम के विभिन्न उपयोगों को सूचीबद्ध कर सकेंगे।

लाइकेन में संरचना के प्रकार

वैयक्तिक जीव के रूप में लाइकेन

लाइकेन एक कवकीय भागीदार का एक शैवाल के साथ सहजीवी सहवास (symbiotic asso ciation) को प्रदर्शित करते हैं। हालांकि कवकीय घटक कवकांश (mycobiont) तथा शैवालीय घटक-शैवालाश (phycobiont) को अलग-अलग उगाया जा सकता है।

परन्तु लाइकेन थैलस तभी बढ़ते हैं जब वे एक वैयक्तिक जीव के रूप में साथ-साथ होते हैं। लाइकेन विलक्षण संरचनात्मक तथा जैव रासायनिक गुणों को दिखाते हैं।

लाइकेन की प्रत्येक जाति के लिए कवकांश विशिष्ट होता है जबकि शैवालाश एक हो सकता है। लगभग 98 प्रतिशत लाइकेन कवक एस्कोमाइसिटीज के होते हैं, अन्य बेसिडियोमाइसिटीज़ अथवा ड्यूटरोमाइसिटीज के हो सकते हैं।

ऐसा माना जाता है कि लाइकेन की संरचना कवकीय भागीदार के द्वारा निर्धारित होती है। इसी के अनुसार लाइन को एस्कोलाइकेन (ascolichens), बेसिडियोलाइकेन (basidiolichens) तथा ड्यूटरोलाइकेन (deuterolichens} कहा जाता है।

शैवालांश प्रकाशसंश्लेषणी भागीदार है जोकि या तो नील हरित शैवाल अथवा हरित शैवाल होता है। लाइकेन में लगभग 37 शैवालीय वंश पाये जाते है, दो सर्वाधिक रूप से पाये जाने वाले

हरित शैवाल ट्रैबोक्सिया (Trebounais) जो बलौराकोल्स (Chlorococcalas) समूह का है

तथा ट्रेन्टीफोलिया (Trenteponilia) जी (कीटोफोरेल्स) (Chaetophorales) समूह का है तथा नील हरित शैवाल नॉस्टॉक (Nestoc) है। कभी कभी एक ही लाइफन में दो या अधिक यानि तीन सवाल भी पाये जा सकते हैं।

प्रकाशसरलेवनी होने की वजह से लाइन कार्बन-डाइऑक्साइड का यौगिकीकरण (CO, fixation) करते हैं तथा नील हरित शैवाल की उपस्थिति के कारण नाइट्रोजन यौगिकीकरण (nitrogen fixation) भी करते है जिसपर परपोषित कवकांश अपने पोषण के लिये निर्भर रहता है।

शैवालीय घटक, संबर्द्धन (cultures) से कवक के बिना उगाये जाते हैं। इस प्रकार शैवाल भागीदार सिर्फ कायकीय संरक्षण के अतिरिक्त अन्य किसी बात के लिये फक्कीय भागीदार पर निर्भर नहीं दिखाई पड़ता है। शैवालीय तथा कयकीय घटकों को अलग किया जा सकता है तथा परखनलियों में संवर्द्धित किया जा सकता है।

आरंभ में उन्हें पुनः जोड़ने के सभी प्रयास असफल रहे थे, हालांकि अब लाइकेन की लगभग 30 जातियों को सफलतापूर्वक प्रयोगशाला में पुनर्निर्मित करना संभव हो गया है (चित्र 12.1)।

लाइकेन की संरचना तथा शरीर

संरचना

लाइकेन में जीव काया थैलस होती है जिसमें तना जड़ों अथवा पत्तियों का विभेदन नहीं होता है। थैलस आमतौर पर रूपरेखा में गोल तथा से.मी. 30 सें.मी. व्यास के होते हैं। वे या तो बिखरे होते हैं अथवा गुच्छ रूप में साथ-साथ रहते हैं तथा अवस्तर (substrate) का बड़ा हिस्सा घेरे रहते हैं।

लाइकेन के प्रकार को विभिन्न वृद्धि के तरीकों तथा रंगों द्वारा पहचाना जा सकता है। लाइकेन के तीन प्रकार के प्रमुख संरचनात्मक रूप पाये जाते हैं। (a) पर्यटीमय प्रकारें (Crustose forms) जैसे ग्राफी (Graphi), लेसिडी.

लेखक
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 14
PDF साइज़5 MB
CategoryEducation
Source/Creditsdrive.google.com

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