ज्योतिष के नियम – Jyotish Ke Niyam Book/Pustak Pdf Free Download
ज्योतिष कार्यालय के नियम
अवस्था वालों को यह किष्ट तिरस्कृत, परन्तु नित्योपयोगी विया अल्प कष्ट, खर्च व समय में प्राप्त करने का सुअवसर प्राप्त हो और यह त्रिकालदर्शी विद्या के आदर को शीत्र ही प्राप्त हो सके। इसके साथही इस सर्व श्रे का प्रचार देश के समस्त सुशिक्षित सजनों में अधिक प्रभाव में होकर उन्हें इससे नित्य लाभ उठाने का सुअवसर मिल सके।
इस देश में इस शास्त्र का जन्म कई हजार वर्ष पूर्व मान वो प्राणी के कल्याण के लिये अर्थात् हताशों के हृदय में नवशक्ति उत्पन्न करने के लिये,
दृीनों का दुख दूर करने के लिये मूड़ों के मन का अन्धकार नष्ट कर उनमें कर्तव्य कर्म स्कृति की ज्योति प्रज्वलित करने के लिये मार्ग भ्रष्ट लोगों को सन्मार्ग दिग्याने के लिये,
मदान्धों को मद से जागृत करने के लिये, दुम्बियों को सुखी, अज्ञानी को ज्ञानी-नास्तिकों को यास्तिक तथा प्रार्धवादियों को द बनाने के लिये, पतितों का उदार करने के लिये, समाज शुद्धि के लिये और बना व संस्कृति पोषित करने के लिये हुआ है ।
जिसके ज्ञान नेहा का से प्रत्येक व्यक्ति, कुटुम्ब, व समाज को लाभ होकर राष्ट्र को लाभ होना निश्चित है। जगत में राष्ट्रीय-धर्म, राष्ट्रीय भावना ,
राष्ट्रीय-संस्कृति व राष्ट्रीय-विद्या के प्रति राष्ट्र के प्रत्येक सन्तान के मन में अभिमान जापत हुए बिना किसी भी राष्ट्र की सबति होना असम्भव ।
अतः यह जयपुर ज्योतिष कार्यालय बनवा के दिन के लिये खोला गया है ।ज्योतिष शास्त्र यह संस्कृत भाषा में लोक रूप में वर्णित है और
आधुनिक युग में अधिकांश सुशिक्षित समाज इस देव बासी से सर्वथैव अपरिचित है ऐसी स्थिति में इस ज्योतिष शास्त्र के जिज्ञासु व प्रेमियों को इसे अवगत करना
तथा सर्व साधारण जनता को इसके रहस्य, मर्म, तत्व व उपयोग से पूर्णतः परिचित होना असंभव है जनता के समक्ष यह एक कठिन समस्या दीर्घ काल से उपस्थित है और इसे कुछ अंश क्यों न हो, हल करने के हेतु हमने यह जयपुर ज्योतिष कार्यालय खोला है।
लेखक | ज्योतिर्विद जगदीशचंद्र गौतम-Jyotirvid Jagadiishachandra Gautam |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 320 |
Pdf साइज़ | 11.7 MB |
Category | ज्योतिष(Astrology) |
ज्योतिष कार्यालय के नियम – Jyotish Karyaalay Ke Niyam Book/Pustak Pdf Free Download