काले जादू की किताब – Asli Dakshin Ka Jadu Book Pdf Free Download
प्राचीन काल का जादू
प्राचीन काल में जादू का प्रचार अधिक था। परन्तु आज- कल बहुत कम हो गया है, क्योंकि लोगों का विश्वास जादू पर, से उठता जा रहा है
और इसका एकमात्र कारण यही है कि वर्तमान काल में जादू के नाम पर छल-कपट और धोता घढ़ी बहुत होने लगी है और असली विद्या का लोप सा हो गया है।
वास्तव में एक विद्या है, कोई टोना नहीं इखे पढ़कर यदि उचित रीति से इसका प्रयोग किया जाये तो मनोरंजन के साथ साब इससे लाभ भी उठाया जा सकता है।
न केवल भारतवर्ष में ही बल्कि यूरोप, अमेरिका आदि देशों में भी जादू जानने वाले पर्याप्त संख्या में पाये जाते हैं।
जादू के ऐसे-ऐसे मनोरंजक खेज वहाँ पर दिखाए जाते हैं कि लोग जिन्हें देख और सुनकर दाँतों में अंगुली दाब लेते हैं ।
दढ़ैमान काल में इन खेलों को दिखाने के लिये बड़े-बड़े स्टेज (मंच) बनाए जाते हैं। कमी-कमी सिनेमा गृहों में मो इन खेलों के प्रोमान दिखाने का आयोजन किया जाता है।
हमारे देश में भी आजकल वेसा ही करने लगे हैं। स्कूलों, कालिजी और बड़ी बड़ी संस्थानों के कार्यालयों में भी कभी कोई “भोफेसर’ नाम बारी जागर खाकर अपनी कला कौशल (जादू के चमत्कार) दिखाते हैं,
जिन्हें देख कर विद्यार्थी हो या अध्यापक, कार्यकत्ता हो या व्यवस्थापक समी हचर्वेचकर होकर उनकी प्रशंसा करने लगते हैं।
कोई ेलदो कका बहत दी दोहा है। जादू क्या है ? यह प्रश्न जितना कर्णप्रिय एवं हृदय में गुद गुरी पैदा करने वाला है उतना ही गूढ, जटिल और रहस्यमय भी है।
मनुष्य की युद्धि जिरा चीज को देखकर आश्चर्यचद्धि हो उठे, उसी का नाम जादू है। अपनी जिस शक्ति विशेष, अथरा गुण ज्ञान और बुद्धि इत्यादि से उत्पन्न हुई |
लेखक | आर .के.शर्मा-R.K.Sharma |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 198 |
Pdf साइज़ | 20.1 MB |
Category | विषय(Subject) |
असली दक्षिण का जादू – Ancient Magical Trick Book/Pustak Pdf Free Download