आई एम पॉजिटिव | I Am Positive PDF In Hindi

आई एम पॉजिटिव – I Am Positive Book/Pustak PDF Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश

“जर में जीवन जीना, एक भाषा अधुरा जीवन जीतन के सामान है। जीवन में उरदर्द और नकारात्मक ग्यास में तीन है जिससे संसार में कोई मनुष्य जाजद नहीं है।

हर मन को दर्द के एहसास से गुजारना है तो काई में मन ऐसा नहीं है, जनकारात्मक ना सोचे ।

पर अगर यह सच है की हमारा मन इन तीन चीजों से गुजरने के लिए बना है तो फिर जरत हमे किया चीज की जमा सकाराणा सांगा की।

मन हमारा सकारात्मक सोचना चाहता है क्युकी वह सच मान को भाति है। मन जीवन का सम्पूर्ण एडसास करन बहता है. क्युकी माया ससी मार से आने का मकसदमी यही है।

मन हमार हर दुःख पीडा विपरीत काल से रहना चाहता है. अभी मन को ये सभी बीजे नहीं भाति ।

गागर वह सत्या में एक है की, जिस समान मनुष्य इन तीन औजों को जाने की ममता पखला और नकारात्मक माल. उसी सामान समान में भारत भाली जानवर भी तीनों से गुजरने की धमता रखते नानाजर भालही नजमान है,

न भलेही हमें अपना दर्द बयान नहीं कर पाकी सजाय पज सत्य है की उसका मानना हमारे मन की जाह ही दर्द और हसास मदत की जामता रखता है।

जीवन में चलते रहने, बहते रहने की परिभाषा 1. जिसे मनुष्य को छोड़कर सभी जीव प्राणी तो समझाते है, मगर मनुष्य नहीं ।

वह अपना दुःख दर्द प्रकट नहीं कर सकते, नें हमसे दर्द के इलाज के उम्मीद नहीं कर सकते, मगर फिर भी बढते रहने की ताकत से जीते है।

एक बात जो बाकी जानवरों को मनुष्य रूपी सामाजिक जानकर से अलग करती है, वे यह की मनुष्य आत्महत्या का ख्याल मन में उत्पन करता है, जबकि और कोई भी जानवर ऐसा नहीं करता।

इस सुंदर किताब को लेखक श्री कनिष्क शर्मा ने हमको भेजा है। जिससे हमारे वाचको को प्रेरणा मिल शके। इस योगदान के लिए हम कनिष्क शर्मा का दिल से धन्यवाद करते है और वाचको से अपील करते है की अपना अभिप्राय कोमेंट के जरिये अवश्य दे।

लेखक कनिष्क शर्मा-Kanishk Sharma
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 42
Pdf साइज़2 MB
Categoryप्रेरक(Inspirational)

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