हिंदी व्याकरण कक्षा 5 | Hindi Grammar Class 5 PDF

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सचित्र हिंदी व्याकरण शिक्षक-दर्शिका – Illustrated Hindi Grammar Teacher Guide PDF Free Download

हिंदी व्याकरण

हिंदी की उन्नति तथा प्रचार और प्रसार के लिए वर्तनी में एकरूपता होनी चाहिए, इसीलिए इसका मानक रूप निश्चित करना आवश्यक है।

मानक हिंदी वर्तनी संबंधी महत्वपूर्ण बिंदु संयुक्त व्यंजन बनाते समय खड़ी पाई वाले व्यंजनों में से खड़ी पाई हटाकर लिखना चाहिए:

जैसे- गुब्बारा, ख्याल, विघ्न, प्यारा, न्याय, श्लोक आदि ।

‘क’ और ‘फ/फ’ के संयुक्त व्यंजन-वाक्य, क्यारी, दफ्तर, रफ़्तार आदि की तरह बनाए जाएँ।

ङ, छ, ट, ठ, ड, छ, द और ह के संयुक्त व्यंजन हल-चिह्न लगाकर ही बनाए जाएँ; जैसे- वाङ्मय, उद्योग, विद्यालय, लड्डू, ब्राह्मण आदि।

D संयुक्त ‘र’ के प्रचलित तीनों रूप यथावत ही रहेंगे; जैसे-प्रथम, कर्म, ट्रक आदि। विभक्ति या कारक-चिह्न संज्ञा शब्दों से अलग लिखे जाएँ; जैसे-अभिनव ने अभिनव को, अभिनव से आदि।

विभक्ति या कारक चिह्न सर्वनाम शब्दों से मिलाकर लिखे जाएँ जैसे मैंने तुमको, तुमसे आदि।

सर्वनाम के साथ यदि दो विभवित-वित हों तो उनमें से पहला मिलाकर और दूसरा अलग लिखा जाए; जैसे-आपके लिए, उसमें से आदि। IMARKI → सम्मान हेतु प्रयुक्त अव्यय शब्द त्री और जो पृथक लिखे जाए जैसे- श्री उत्तम प्रकाश जी।

क्रिया, विशेषण अव्यय आदि में ‘य’ की जगह स्वरात्मक प्रयोग किया जाए जैसे आयी आई.

गए, किए, आए, नई आदि मानक रूप हैं।

जहाँ ‘य’ शब्द का मूल रूप हो, वहाँ वह ‘व’ ही रहेगा जैसे-स्थायी, अव्ययीभाव, दायित्व आदि।

D कुछ शब्द ऐसे हैं, जिनके दो-दो रूप बराबर चल रहे हैं। दोनों रूपों की एक-सी मान्यता है; जैसे

गरमी /गर्मी, बिलकुल /बिल्कुल, सरदी / सर्दी, वापस / वापिस, दुबारा/दोबारा आदि। इन वैकल्पिक रूपों में से पहले वाले रूप को प्राथमिकता दी जाए।

तत्सम शब्द के अंत का हल चिह्न हिंदी में प्रायः लुप्त हो चुका है; जैसे महान भविष्यत आदि। D पूर्वकालिक प्रत्यय ‘कर’ क्रिया से मिलाकर लिखा जाए जैसे- खाकर जाकर आदि। जो तत्सम शब्द तद्भव रूप में परिवर्तित हो गए हैं, उनमें बीच वाले विसर्ग का लोप हो चुका है:

जैसे-दुःख अब प्राय: ‘दुख’ लिखा जाता है। विदेशी भाषाओं (अरबी, फारसी या अंग्रेजी) से हिंदी भाषा में आई ध्वनियों में नुक्ता का प्रयोग किया जाता है। क्र. ख. . . फ्र ये सभी आगत ध्वनियाँ हैं जैसे-कानून, खत, प्रलय, समाना.

लिखित भाषा जब हम अपने भावों या विचारों को लिखकर प्रकट करते हैं और दूसरों के भावों या विचारों को पढ़कर समझते हैं, तो उसे लिखित भाषा कहते हैं।

मातृभाषा हम परिवार में माता-पिता के साथ बचपन से जिस भाषा का प्रयोग करते हैं, वह हमारी मातृभाषा कहलाती है।

राष्ट्रभाषा देश के अधिकांश भाग में बोली जाने वाली भाषा राष्ट्रभाषा होती है।

हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है।

राजभाषा- देश में कार्यालयों में जिस भाषा में कामकाज होता है, उसे राजभाषा कहते हैं। हिंदी हमारी राजभाषा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार 14 सितंबर, 1949 को हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया।

इसलिए 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिंदी दिवस’ मनाया जाता है। विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी तृतीय स्थान रखती है। भारतीय संविधान में हिंदी भाषा सहित 22 भाषाओं को मान्यता दी गई है।

ये बाईस भाषाएँ हैं असमिया, बांग्ला, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगू तथा उर्दू ।

लिपि-भाषा को लिखने के ढंग को लिपि कहते हैं। प्रत्येक भाषा में कुछ विशेष चिह्न होते हैं, वही चिह्न उस भाषा की लिपि होते हैं।

हिंदी भाषा की लिपि को ‘देवनागरी’ कहते है। संस्कृत, मराठी तथा नेपाली की लिपि भी ‘देवनागरी है। पंजाबी भाषा की लिपि ‘गुरुमुखी’ अंग्रेजी भाषा की लिपि रोमन है तथा उर्दू भाषा की लिपि ‘फारसी है।

वर्णों के मेल से शब्द बनते हैं, पर उनका अर्थ होना चाहिए। यदि हम कहें ‘लज’, ‘जमीक’ तो क्या ये शब्द है? नहीं; क्योंकि इनका कोई अर्थ नहीं है, पर यदि हम कहें जल, कमीज तो इनसे एक निश्चित अर्थ का बोध होता है, इसलिए ये शब्द हैं। अर्थ शब्द का प्रधान लक्षण है।

शब्द और पद शब्द को जब वाक्य में प्रयोग करते हैं तो वह ‘पद’ कहलाता है, क्योंकि लिंग, वचन,कारक के कारण उसका रूप बदल जाता है। बालक खाना खा रहा है।

लेखक
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 56
PDF साइज़15 MB
CategoryEducation
Source/Creditsdrive.google.com

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