हार्मोनियम मास्टर – Harmonium Learning Book PDF Free Download
हारमोनियम सीखने की किताब
आज कल्ह के सभी सज्जन जितना हारमोनियम वाजे को . पसन्द करते हैं उतना और किसी बाजे को नहीं और प्रतिदिन इस बाजे की उन्नतिही दिखाई देती है
ऐसा होने पर भी श्राज तक किसी हारमोनियमगुरु ने ऐसी पुस्तक न बनाई कि जिससे हारमोनियम के प्रेमियों का उपकार होता और उनको शीघ्र बजाना आजाता यद्यपि दो चार हारमोनियमगुरुवों ने अपनी,
ओर ध्यान करके पुस्तकें बनाई जोकि इधर उधर के यंत्रालयों में मुद्रित हुई हैं परन्तु उनमें से एक भी ऐसी न दिखाई दी कि जिससे हारमोनियम शिक्षकों को कुछ लाभ होता कारण यह है
कि ग्रंथकारों ने आद्योपान्त उन नियमों का पालन नहीं किया कि जो एक नवीन शिक्षक को आवश्यक होते हैं यही कारण हैं कि इन पुस्तकों से नव शिक्षक पढ़कर स्वयं वाजा नहीं बजा सकता है
चान की भागात देशी पानी से यहून सुरीली और मिनाकरक होती है वास्तव में उनकी यह भिन्न है स्व स्मरण रमना चाहिये कि जो याना यहगूस्प ऐोगा नाह गह ननायनी ऐया देशी-श्याबाश गुरीली और मनमायनी यर्योकि याजे का मूल्य उसके रीट अच्छे होने के कारण होना है
सुन्दरता से नहीं जोकि एक दो पास की दिग्लाऊ भड़क होती है जब पाना दोनों दथं से बनाया जाना है बहुत शरचछा ज्ञात होना है और गाने वाले को साथ करने में अधिक कठिनता न होती क्योंकि दोहरी शासन उत्पन्न होने में गोल स्वच्छ शान होता है
ऐसेही नो याने दोहरे या नेहरे स्वर के होने हैं उनकी परवाज़ और भी विवाकर्क और मीटी होती है –
हारमोनियम की आवाज भित्र भित्र प्रकार की होती हैं जमे गोल शाबाज, खड़ी गावरान यादिन्या सारमोनियम के शिक्षक की इच्छा पर निर्भर है कि जैसी आचाज उसको पसन्द हो उसी आवाज्ञ का बाजा लेये-
कम मूल्य के बाजे य्यपि तीव्र थावाश के होते हैं परन्तु वह आवाज सुकुमार चित्तयालों के लिये दर्दशिर है
और सुग्थ्यकर विद्यार्थियों और सियों के लिये सो उबालगान है क्योंकि प्रथम तो उनके मस्तिष्क पर लेटी से निर्बल होते हैं।
दूसरे शिक्षा में हानि होती है स्मरणशशि नहीं रहती यद्यपि प्रक्टिस के ध्यान से बीस पचीस रुपयेवाला बाजा टर भकार प्रचदा रहेगा तब भी जहांसक होमके तीस चालीस स्पये वाला बाजा उचल स्वर का लेकर शीक पूरा करना चाहिये -हिन्दोस्तानी कारीगरों ने इसमें वह उन्नति प्राप्त की हैं कि जिससे वलायतवाले चकित हैं
बरन कोई कोई होनहार कारीगरों ने तो यह तसें नई निकाली हैं जोकि यलायतवालों के दि मागी खलियान में भी न पहुँची हों हम ऐसे होनहार और हिन्दोस्तान के नाज हारमोनियम के कारीगरों को सच्चे दिल से बधाई देते हैं
लेखक | नवल किशोर-Naval Kishor |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 628 |
Pdf साइज़ | 25.7 MB |
Category | Music |
हारमोनियम बजाना सीखें – How To Play Harmonium Book Pdf Free Download