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वायुमंडल हस्तलिखित नोट्स – Atmosphere Handwritten Notes PDF Free Download
वायुमंडल
वायुमंडल की परिभाषा
पृथ्वी के चारों और लिपटा हुआ गैसों का विशाल आवरण (giant cover of gases) जो पृथ्वी का अखंड अंग है और उसे चारों तरफ से घेरे हुए हुए है.
वायुमंडल (Atmosphere) कहलाता है.
जलवायु वैज्ञानिक क्रिचफिल्ड के अनुसार वायुमंडल अपने वर्तमान स्वरूप में 58 से 50 करोड़ वर्ष पूर्व अर्थात् कैम्ब्रियन युग (Cambrian era) में आया.
वायुमंडल का भार 5.6×1025 टन है। एवं इसके भार का लगभग आधा भाग धरातल से 5500 किमी. की ऊँचाई पर पाया जाता है.
आधुनिक अनुसंधानों से स्पष्ट होता है कि वायुमंडल की अंतिम ऊँचाई (विस्तार) 16 हजार कि.मी. से 32 हजार किलोमीटर के बीच है.
वायुमंडल का 50% भाग इसके 5 1/2 कि.मी. की ऊँचाई तक, 75% भाग 16 कि.मी. के ऊँचाई तक एवं 99% भाग 32 कि.मी. ऊँचाई तक स्थित है.
वायुमंडल का संगठन
वायुमंडल का संगठन / संघटन (Composition of atmosphere) निम्नलिखित तत्वों से हुआ है।
गैस (GASES)
भौतिक दृष्टि से वायुमंडल विभिन्न गैसों का सम्मिश्रण है. 10 प्रमुख गैस वायुमंडल के संगठन / संघटन (atmosphere composition) के सन्दर्भ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
नाइट्रोजन (NITROGEN)
• यह जैविक रूप से निष्क्रिय और भारी गैस (gas) है.
• इसका चक्रण वायुमंडल, मृदामंडल और जैवमंडल में अलग-अलग होता है.
• राइजोबियम बैक्टीरिया वायुमंडलीय नाइट्रोजन को नाइट्रेट के रूप में ग्रहण करता है.
• यह नाइट्रिक ऑक्साइड के रूप में अम्ल वर्षा (Acid Rain) के लिए उत्तरदाई है.
ऑक्सीजन (OXYGEN)
• यह प्राणदायिनी गैस है.
• इस भारी गैस का संघनन वायुमंडल के नीचले भाग में है.
कार्बन डाई ऑक्साइड (CARBON DIOXIDE)
• पौधे कार्बन डाईऑक्साइड से ग्लूकोज और कार्बोहाइड्रेट बनाते हैं.
• विविध कारणों से इस गैस की सांद्रता (Gas concentrations) में वृद्धि के कारण ग्लोबल Kumas tuisha
वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन की समस्या उत्पन्न हो रही है.
ओजोन (OZONE)
. वायुमंडल में अति अल्प मात्र में पाए जाने वाले ओजोन का सर्वाधिक सांद्रण 20-35 कि.मी. की ऊँचाई पर है.
• ओजोन सूर्य से आने वाली घातक पराबैगनी किरणों (UV rays) को रोकती है. वर्तमान में CFC एवं अन्य ओजोन क्षरण पदार्थों की बढ़ती मात्र के कारण ओजोन परत (ozone layer) का क्षरण एक गंभीर समस्या के रूप में उभरी है.
• गैसों में नाइट्रोजन ऑक्सीजन, कार्बन डाईऑक्साइड आदि भारी गैसे (heavy gases) हैं जबकि शेष गैसे हलकी गैसें (light gases) हैं और वायुमंडल के ऊपरी भागों में स्थित है.
• कार्बन डाईऑक्साइड एवं ओजोन अस्थायी गैसे है जबकि नाइट्रोजन ऑक्सीजन, हाइड्रोजन और नियोन स्थायी गैसे हैं।
वायुमंडल में आयतानुसार 4% जलवाष्प की मात्र सदेव विद्यमान रहती है।
• जलवाष्प की सर्वाधिक मात्र भूमध्य रेखा के आसपास और न्यूनतम मात्र ध्रुवों के आसपास होती है. भूमि से 5 किमी. तक के ऊंचाई वाले वायुमंडल में समस्त जलवाष्प का 90% भाग होता &
• जलवाष्प सभी प्रकार के संघनन एवं वर्षण सम्बन्धी मौसमी घटनाओं के लिए जिम्मेदार होती
• ज्ञातव्य है कि वायुमंडल में जलमंडल का 0.001 % भाग सुरक्षित
धूल कण (DUST PARTICLES)
• इसे एयरोसोल भी कहा जाता है. विभिन्न स्रोतों से वायुमंडल में जानेवाले धूलकण आर्द्रता ग्राही नाभिक का कार्य करते हैं.
• धूलकण सौर विकिरण के परावर्तन और प्रकीर्णन द्वारा ऊष्मा अवशोषित करते हैं.
• वर्णात्मक प्रकीर्णन के कारण आकाश का रंग नीला और सूर्योदय और सूर्यास्त के समय समय दिखने वाला रंग धूलकणों की ही देन है.
• ऊषाकाल एवं गोधूली की तीव्रता एवं उसकी अवधि के निर्धारण में धूलकणों की प्रमुख भूमिका होती है.
• धूलकण एवं धुएं के कण आद्रता ग्राही नाभिकों का भी कार्य करते हैं.
धूलकणों का सर्वाधिक जमाव ऊपोषण व औद्योगिक क्षेत्रों में एवं न्यूनतम जमाव ध्रुवों के निकट पाया जाता है.
वायुमंडल की संरचना
वायुमंडल की संरचना के सम्बन्ध में 20वीं शताब्दी में विशेष अध्ययन किये गए है. इस दिशा में तिब्रांस-डि-बोर, सर नेपियर शा फडले, केनली, फरेब आदि वैज्ञानिकों का विशेष योगदान रहा है: तापमान के उर्ध्वाधर वितरण के आधार पर वायुमंडल के प्रमुख परते (important layers) निम्नलिखित हैं
लेखक | – |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 8 |
PDF साइज़ | 2 MB |
Category | Education |
Source/Credits | drive.google.com |
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