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मनुष्य का रुधिर परिसंचरण तंत्र – Circulatory System in Man (Human) PDF Free Download
परिसंचरण तंत्र
परिसंचरण तंत्र का अर्थ है रक्त का समस्त शरी र में परि भ्रमण। मा नव के परि संचरण तंत्र में रक्त नलि का एं’ (Blood vessels) तथा हृदय मुख्य रूप से का र्य करते हैं। हृदय एक पेशी य अंग है, जि सका वजन लगभग 280 ग्रा म हो ता है।
हृदय एक पंप की तरह का म करता है। हृदय से रक्त धमनि यों द्वारा शरी र के वि भि न्न भा गों
को जा ता है तथा वहां से शि रा ओं के द्वारा हृदय में वा पस आता है। इस प्रका र रक्त, हृदय धमनि यों और शि रा ओं द्वारा पूरे शरी र में जी वनभर लगा ता र भ्रमण करता रहता है।
धमनि यां Arteries:
ये हृदय से रक्त को शरी र के वि भि न्न अंगों तक ले जा ने का का र्य करती हैं।शि रा एं Veins: ये शरी र के वि भि न्न अंगों से रक्त को हृदय में वा पस ला ती हैं।परि संचरण Circulation: शुद्ध या ऑक्सी जनयुक्त (Oxygenated) रक्त फेफड़ों से हृदय में आता है। हृदयपंपिं ग क्रि या द्वारा इस रक्त को धमनि यों के द्वारा पूरे शरी र में पहुंचा ता है।
शरी र के रक्त में मि ला ऑक्सी जनप्रयुक्त हो जा ता है और अशुद्ध या ऑक्सी जन रहि त (Deoxygenated) रक्त शि रा ओं द्वारा फि र हृदय की ओरआता है।
हृदय इस रक्त को ऑक्सी जन प्रा प्त करने के लि ए फि र से फेफड़ों में भेजता है। इस प्रका र यह चक्र नि रंतर चलता रहता है।
कोशिका तंत्र Capillary Network: मुख्य धमनी शरीर के वि भि न्न भा गों में जा कर पतली -पतली शा खाओं में बंट जाती हैं। ये शा खा एं आगे और भी पतली -पतली शा खा ओं में जा ल की तरह बंट जा ती हैं। इन्हें धमनी कोशिकाएं (Arterial capillaries) कहते हैं।
धमनी को शि का ओं का जा ल, शि रा को शि का ओं (Venal Capillaries) में बदल जा ता है। शि रा को शि का एं एक-दूसरे से मि लकर शि रका एं (Venules) बना ती हैं तथा शि रका एं आपस में मि लकर मुख्य शि रा का नि र्मा ण करती हैं।
रक्त-परि भ्रमण तंत्र में शि रका ओं,ओं शि रा ओं,ओं हृदय धमनि यों ,यों धमनि का ओं,ओं (Arteriole), धमनी को शि का ओं और शि रा को शि का ओं की नलि यों का बंद चक्र है,जि समें रक्त सदैव ही प्रवा हि त हो ता रहता है।
● कैरोटिड धमनी (Carotid artery): सिर को
● सबक्लेवियन धमनी (Subclavian artery): बाजु को।
● पल्मोनरी धमनी (Pulmonary artery): फेफड़ो को।
● एरोटा (Aorta): हृदय से पूरे शरीर के लिए।
● रीनल धमनी (Renal artery): वृक्क को।
● हिपैटिक धमनी (Hepatic artery): आमाशय कोI
● गैस्ट्रिक धमनी (Gastric artery): आमाशय को।
● इलियक धमनी (Iliac artery): टांग को।
● फिमोरल धमनी (Femoral artery): टाँग को।
कुछ महत्त्वपूर्ण शि रा ओं द्वा रा रक्त वा पसी
● जुगुलर शिरा (Jugular Vein): सिर से
● सबक्लेवियन शिरा: बाजू से
● ब्रेकियल शिरा: आस्तीन (हाथ) से
● पल्मोनरी शिरा: फेफड़े से
● वेना केवा (Vena Cava): शरीर से हृदय को
● रीनल शिरा: वृक्क से
● हिपैटिक शिरा: यकृत से
● हिपैटिक पोर्टल शिरा (Hepatic portal vein): आंतों से यकृत को
● इलियक शिरा: टांग से
● फिमोरल शिरा: टांग से
बाम्बे रक्त समूह अथवा OH रक्त समूह (Bombay Blood Group/OHBlood Group)
हृदय
हमा रे शरी र का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है, जो वक्ष में बा ईं ओर स्थि त हो ता है। बंद मुट्ठी के आका र के हृदय का भा र लगभग 300 ग्रा म हो ता है।
इसके दोनों ओर दो फेफड़े हो ते हैं। हृदय पर झि ल्ली का बना एक आवरण हो ता है, जि से पेरी का र्डि यम (Pericardium) कहते हैं।
इसकी दो परतें हो ती हैं- एक परत हृदय के संपर्क में रहती है और दूसरी इसके बा हर हो ती है। हृदय वा स्तव में एक मां सपेशी है, जि सके अंदर रक्त भरा रहता है।
इस भा ग को मा यो का र्डि यम (Myocardium) कहते हैं। इसके अंदर की परत, जो रक्त के संपर्क में रहती है,एन्डो का र्डि यम (Endocardium) कहला ती है।
बॉम्बे रक्त समूह की वि शेषता यह है कि इसमें H एण्टीजन नहीं हो ता जि सके का र इस रक्त समूह के
व्यक्ति को कि सी और रक्त समूह का रक्त नहीं दि या जा सकता ।
इसका पहला केस 1950 में बम्बई मेंआया था। इसी का रण इसे बा म्बे रक्त समूह कहते हैं। एक अनुमा न के अनुसार देश में 0.013% लो ग बाम्बे रक्त समूह के हैं।
लेखक | – |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 12 |
PDF साइज़ | 5 MB |
Category | Education |
Source/Credits | Google.Drive.Com |
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